प्रदेश में बनाई जाएगी सबसे लंबी सुरंग, आपस में जुड़ेंगे गौरीकुंड और बदरीनाथ हाईवे

गौरीकुंड और बदरीनाथ हाईवे को जोड़ने वाली बहुप्रतीक्षित बाईपास योजना का दूसरा चरण शुरू होने की उम्मीद बलवती होने लगी है। इसके लिए 920 मीटर लंबी सुरंग बनेगी।

By BhanuEdited By: Publish:Sat, 09 Feb 2019 12:30 PM (IST) Updated:Sat, 09 Feb 2019 09:00 PM (IST)
प्रदेश में बनाई जाएगी सबसे लंबी सुरंग, आपस में जुड़ेंगे गौरीकुंड और बदरीनाथ हाईवे
प्रदेश में बनाई जाएगी सबसे लंबी सुरंग, आपस में जुड़ेंगे गौरीकुंड और बदरीनाथ हाईवे

रुद्रप्रयाग, रविन्द्र कप्रवान। गौरीकुंड और बदरीनाथ हाईवे को जोड़ने वाली बहुप्रतीक्षित बाईपास योजना का दूसरा चरण शुरू होने की उम्मीद बलवती होने लगी है। केंद्र ने इसके लिए 920 मीटर लंबी सुरंग के निर्माण की सैद्धांतिक स्वीकृति दे दी है। माना जा रहा कि यह प्रदेश की सबसे लंबी सड़क सुरंग होगी। इससे जहां रुद्रप्रयाग शहर में यात्रा सीजन के दौरान लगने वाले जाम से निजात मिलेगी, वहीं बीते डेढ़ दशक से बाईपास की राह देख रहे स्थानीय लोगों का इंतजार भी खत्म हो जाएगा। 

रुद्रप्रयाग शहर को जाम की समस्या से निजात दिलाने के लिए वर्ष 2004-05 में बाईपास योजना को स्वीकृति मिली थी। इसके लिए बीआरओ (सीमा सड़क संगठन) को 53 करोड़ की धनराशि भी अवमुक्त कर दी गई। इसके तहत प्रथम चरण में चार किमी लंबी सड़क व दो पुलों का निर्माण कर बदरीनाथ हाईवे को गुलाबराय से जवाड़ी होते हुए लोनिवि कॉलोनी के पास गौरीकुंड हाईवे से जोड़ा गया। 

दूसरे चरण में गौरीकुंड हाईवे से सुरंग निकालकर चोपता-पोखरी मार्ग से पुल के जरिये बदरीनाथ हाईवे को जोड़ा जाना था। पूरा बजट न मिलने समेत अन्य तकनीकी कारणों से इस पर कार्य शुरू नहीं हो सका। वर्तमान में वन-वे सिस्टम से ट्रैफिक का संचालन हो रहा है। 

बदरीनाथ व अगस्त्यमुनि से आने वाले सभी वाहन बाईपास होकर श्रीनगर या फिर रुद्रप्रयाग आ रहे हैं, जबकि श्रीनगर से आने वाले वाहन रुद्रप्रयाग शहर से होकर बदरीनाथ व गौरीकुंड की तरफ जा रहे हैं। 

भूगर्भीय सर्वेक्षण की औपचारिकता पूर्ण

दूसरे चरण में रुद्रप्रयाग बाईपास लोनिवि कॉलोनी के पास से 920 मीटर लंबी सुरंग के जरिये रुद्रप्रयाग-चोपता-पोखरी मोटर मार्ग पर बेलणी चौराहे से जुड़ेगा। यहां अलकनंदा नदी पर पुल का निर्माण कर इसे बदरीनाथ हाईवे से जोड़ा जाएगा। 

जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने बताया कि शासन की ओर से बीआरओ को वन भूमि स्थानांतरण और योजना की डीपीआर तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं। सुरंग निर्माण के लिए भूगर्भीय सर्वेक्षण समेत कई औपचारिकताएं पूर्ण की जा चुकी हैं। लिहाजा, जल्द दूसरे चरण का कार्य शुरू होने की उम्मीद है।

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