चीन सीमा पर स्थित इस गांव की शादी में शामिल होने को मानने पड़ते हैं कड़े नियम, नहीं तो भूल जाओ जश्‍न

Uttarakhand News नाबी गांव की आबादी करीब 500 है और यहां 90 परिवार रह रहे हैं। 11 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित नाबी गांव के ग्रामीणों ने शादी-ब्याह की रस्मों में आ रहे बदलावों को देखते हुए सुधार की दिशा में कदम उठाए हैं।

By Jagran NewsEdited By: Publish:Wed, 01 Feb 2023 08:17 AM (IST) Updated:Wed, 01 Feb 2023 08:17 AM (IST)
चीन सीमा पर स्थित इस गांव की शादी में शामिल होने को मानने पड़ते हैं कड़े नियम, नहीं तो भूल जाओ जश्‍न
Uttarakhand News: नाबी गांव की आबादी करीब 500 है और यहां 90 परिवार रह रहे हैं।

संवाद सूत्र, धारचूला (पिथौरागढ़): Uttarakhand News: चीन सीमा पर 11 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित नाबी गांव के ग्रामीणों ने शादी-ब्याह की रस्मों में आ रहे बदलावों को देखते हुए सुधार की दिशा में कदम उठाए हैं।

शराब नहीं परोसी जा सकेगी और न ही हल्दी की रस्म होगी

अब गांव में शादी में शराब नहीं परोसी जा सकेगी और न ही हल्दी की रस्म होगी। बरातियों को 21 रुपये का लिफाफा ही भेंट किया जाएगा।

साथ ही, पगड़ी पहनाने, भोजन व डीजे बजाने के समय समेत नौ बिंदु तय किए गए। यही नहीं इन नियमों का पालन नहीं करने वाले परिवार के शादी-ब्याह में गांव का कोई भी व्यक्ति भाग नहीं लेगा।

गांव की आबादी करीब 500 है

नाबी गांव की आबादी करीब 500 है और यहां 90 परिवार रह रहे हैं। नाबी जनमिलन केंद्र में ग्राम पंचायत की विशेष बैठक शादी-ब्याह के नियम तय करने के उद्देश्य से आयोजित की गई। धारचूला नगरपालिका के पूर्व चेयरमैन अशोक नबियाल व भाजपा अनुसूचित मोर्चा के प्रदेश मंत्री वीरेंद्र नबियाल की अध्यक्षता में बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिए गए।

सर्वसम्मति से लिए गए निर्णय

तय हुआ कि शादियों में बढ़ रहे अंग्रेजी शराब के चलन पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा और स्थानीय पेय ही चलन में रहेगा। शादी में हल्दी की रस्म पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। लड़की की शादी होने पर उपहार बिरादरी के पांच गांवों को दिया जाएगा अन्य गांवों में टाफी और एक रुपये का सिक्का दिया जाएगा। ग्राम सभा में लड़के के विवाह में अभी तक बरातियों को जो सोकुनू ठिंका (गिफ्ट में कपड़ा) दिया जाता था उसकी जगह लिफाफे में 21 रुपये दिए जाएंगे। विवाह में खाने का समय दोपहर 12 से चार बजे तक ही होगा। शादी के दिन सायं छह बजे से रात्रि 10 बजे केवल चार घंटे ही साउंड बजेगा। दूसरे और तीसरे दिन इसका समय केवल दो घंटे रहेगा। लड़की की विदाई के समय ग्रामवासियों द्वारा दिए जाने वाले उपहारों पर प्रतिबंध रहेगा। केवल दुल्हन के परिवार वाले ही उपहार दे सकते हैं। अन्य लोग यदि कुछ देना चाहे तो अपने सामर्थ्य के अनुसार केवल नकद धनराशि ही दे सकते हैं
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