सीडीओ को सौंपे बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के संकल्प पत्र

संवाद सहयोगी, पिथौरागढ़: एक दशक से भी लंबे समय से बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ मुहिम चला रहे शिक्ष्

By JagranEdited By: Publish:Sat, 08 Sep 2018 05:32 PM (IST) Updated:Sat, 08 Sep 2018 05:32 PM (IST)
सीडीओ को सौंपे बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के संकल्प पत्र
सीडीओ को सौंपे बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के संकल्प पत्र

संवाद सहयोगी, पिथौरागढ़: एक दशक से भी लंबे समय से बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ मुहिम चला रहे शिक्षक डा.पीताम्बर अवस्थी ने पांच हजार नए संकल्प पत्र भरवाकर सीडीओ को सौंपे हैं। सीडीओ ने डा. अवस्थी की सराहना करते हुए कहा कि अभियान जिले में गति पकड़ रहा है। लिंगानुपात में हो रहा सुधार इसकी पुष्टि कर रहा है।

समाज के हर तबके के बीच अभियान चला रहे डा. अवस्थी ने इससे पूर्व 50 हजार संकल्प पत्र भरवा चुके हैं, जिसके लिए जिला प्रशासन उन्हें सम्मानित कर चुका है। अपने जागरू कता अभियान के लिए उन्होंने कभी किसी से कोई आर्थिक मदद नहीं ली। सारा खर्च उन्होंने अपने संसाधनों से ही वहन किया। बाल विकास एवं कल्याण विभाग ने उनकी लगन और निष्ठा को देखते हुए विद्यालयों में जागरू कता अभियान चलाने में सहयोग मांगा था। एक वर्ष तक विभिन्न विद्यालयों में जागरू कता अभियान चलाकर उन्होंने पांच हजार विद्यार्थियों ने बेटी बचाओ अभियान के संकल्प पत्र भरवाए। संकल्प पत्र भरवाने के दौरान उन्होंने विद्यार्थियों को गड़बड़ाते लिंगानुपात और इसके संभावित खतरों से अवगत कराते हुए कहा कि छात्राएं इस अभियान को सफल बना सकती हैं। डा. अवस्थी ने पांच हजार संकल्प पत्र सीडीओ वंदना को सौंपे। सीडीओ ने उनके प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि जनजागरू कता से ही यह अभियान सफल होगा। बाल विकास विभाग ने उन्हें प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। डा. अवस्थी ने कहा है कि वे अपना अभियान जारी रखेंगे। सही मायने में समाजसेवी हैं डा. अवस्थी पिथौरागढ़: डा.पीताम्बर अवस्थी शिक्षक होने के साथ-साथ एक संवेदनशील समाजसेवी भी हैं। समाज से जुड़े हर मसले पर सक्रिय रहने वाले डा. अवस्थी हिमालय के बिगड़ते पर्यावरण किताब लिख चुके हैं। कुमाऊंनी संस्कृति के साथ ही संस्कृत भाषा पर भी उनकी कई किताबें आ चुकी हैं। काव्य में विशेष रू चि रखने वाले डा. अवस्थी ने जीआईसी रोड में अपने संसाधनों से पुस्तकालय की स्थापना की है। जिसका लाभ तमाम लोग ले रहे हैं। निर्धन बच्चों की मदद के लिए वे छात्रवृत्ति प्रदान करते हैं तो सरकारी स्कूल की खेल प्रतिभाओं को भी किट, ड्रेस आदि उपलब्ध कराने में पीछे नहीं रहते।

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