खत्म हुआ दो देशों के बीच सैन्य अभ्यास, अब निपटेंगे आपदा और आतंकवाद से

दो सप्ताह तक चले सूर्य किरण अभियान का समापन हो गया है। अंतिम दिन दोनों देशों के मेजर जनरल स्तर के अधिकारियों ने अभ्यास में शामिल जवानों को संबोधित किया।

By Edited By: Publish:Tue, 12 Jun 2018 10:41 PM (IST) Updated:Thu, 14 Jun 2018 05:12 PM (IST)
खत्म हुआ दो देशों के बीच सैन्य अभ्यास, अब निपटेंगे आपदा और आतंकवाद से
खत्म हुआ दो देशों के बीच सैन्य अभ्यास, अब निपटेंगे आपदा और आतंकवाद से

पिथौरागढ़, [जेएनएन]: भारत-नेपाल सेनाओं का 13 वां संयुक्त सैन्य अभ्यास मंगलवार को संपन्न हुआ। दो सप्ताह तक चले इस अभियान के अंतिम दिन दोनों देशों के मेजर जनरल स्तर के अधिकारियों ने अभ्यास में शामिल जवानों को संबोधित करते हुए कहा कि सूर्य किरण अभ्यास से दोनों देशों के परंपरागत मैत्री संबंध और प्रगाढ़ हो रहे हैं। 

समापन कार्यक्रमों की शुरू आत दोनों देशों के जवानों के आकर्षक मार्च पास्ट से हुई। मार्च पास्ट के बाद भारतीय सेना के उत्तर भारत क्षेत्र के चीफ ऑफ स्टाफ मेजर जनरल नीरज वर्मा ने जवानों को संबोधित करते हुए कहा कि सदियों से भारत और नेपाल के संबंध प्रगाढ़ रहे हैं। दोनों देशों की सेनाओं के बीच हर वर्ष होने वाले संयुक्त सैन्य अभ्यास इन संबंधों को और मजबूत बना रहा है। 

उन्होंने कहा कि अभ्यास से दोनों देशों के जवानों का अनुभव बेहतर हुआ है। आतंकवाद और आपदा की समस्या से जूझने का हुनर जवानों ने सीखा। नेपाल सेना की ओर से मिड वेस्टर्न डिवीजन के डिवीजनल कमांडर मेजर जनरल राजेंद्र कार्की ने कहा कि संयुक्त सैन्य अभ्यास के अनुभव जवानों के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं। इस अनुभव का लाभ आतंकवादी गतिविधियों और आपदा की समस्या से निपटने में मिलेगा। 

उन्होंने दोनों देशों के बीच मैत्रीपूर्ण संबंधों को बेहद महत्वपूर्ण बताया। दोनों अधिकारियों ने अभ्यास में शामिल जवानों से बातचीत की और अभ्यास से हासिल अनुभवों की जानकारी भी ली। समापन अवसर पर भारतीय सेना की ओर से बिग्रेडियर अजय कुमार, बिग्रेडियर रंजन मलिक और नेपाल की ओर से बिग्रेडियर रैंक के दो अधिकारी मौजूद थे। 14 दिवसीय इस अभ्यास में भारत की ओर से 13 जे एंड के राइफल्स और नेपाल की ओर से गोरखबक्श बटालियन के 300 जवानों ने भागीदारी की। नेपाल सेना के जवान बुधवार को स्वदेश लौट गए। 

विजिटर्स बुक पर लिखा संदेश, सैन्य प्रतीकों का हुआ आदान प्रदान 

समापन के दौरान दोनों देशों के अधिकारियों ने विजिटर्स बुक पर अपने संदेश लिखे। भारत की ओर से नेपाल के मेजर जनरल को स्क्रोल भेंट किया गया। नेपाल की ओर से नेपाली सेना का प्रतीक चिंह आखिग्याल भेंट किया गया। बटालियन के स्तर के अधिकारियों ने एक दूसरे को केन(छड़ी)प्रदान की। हर अभ्यास के बाद इस तरह के प्रतीक चिंह एक दूसरे देश को प्रदान किए जाते हैं। नेपाल की महिला जवानों को उपहार देकर किया सम्मानित 

सूर्य किरण अभियान के 13 वें अभ्यास में नेपाल सेना की ओर से शामिल हुई नौ महिला जवानों को भारतीय सेना के मेजर जनरल ने विशेष उपहार देकर सम्मानित किया। नौ महिलाओं में एक अधिकारी और आठ जवान शामिल थी। भारत की ओर से तीन जवानों ने अभ्यास में भाग लिया। महिला जवानों की सेना में बढ़ती भागीदारी को दोनों देशों के अधिकारियों ने महत्वपूर्ण बताया और कहा कि दोनों ही देशों की महिलाएं अब रक्षा मोर्चे पर आगे आ रही हैं। इससे महिला सशक्तिकरण को बल मिलेगा। 

इनका हुआ अभ्यास 

1. आतंकवादियों के आकस्मिक हमले से निपटना 

2. आतंकवादियों से बंधक को मुक्त कराना 

3. बारू दी सुरंगों का पता लगाना और उन्हें नष्ट करना 

4. गांव में घुसे आतंकवादियों को बाहर निकालना 

5. विषम परिस्थितियों में संतुलन बनाए रखना 

6. हेलीकाप्टर से रेस्क्यू चलाने 

7. पहाड़ों और दीवारों में चढ़ने का प्रदर्शन

यह भी पढ़ें: भारत-नेपाल के जवानों ने सीखे आतंकवादियों के अचानक हमले से निपटने के तरीके

यह भी पढ़ें: जवानों ने दिखाया बारूदी सुरंगों को निष्क्रिय करने का कौशल

chat bot
आपका साथी