स्वास्थ्य के क्षेत्र में लगातार बढ़ रहा है इंटरनेट का दायरा

जीबी पंत अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संस्थान घुड़दौड़ी में आयोजित कार्यशाला में डॉ. नरेंद्र कोहली ने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में इंटरनेट का दायरा लगातार बढ़ रहा है।

By Raksha PanthariEdited By: Publish:Tue, 11 Sep 2018 07:21 PM (IST) Updated:Tue, 18 Sep 2018 08:57 AM (IST)
स्वास्थ्य के क्षेत्र में लगातार बढ़ रहा है इंटरनेट का दायरा
स्वास्थ्य के क्षेत्र में लगातार बढ़ रहा है इंटरनेट का दायरा

पौड़ी, [जेएनएन]: जीबी पंत अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संस्थान घुड़दौड़ी के कम्प्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग विभाग में कार्यशाला के दूसरे दिन स्वास्थ्य के क्षेत्र में इंटरनेट की उपयोगिता को लेकर विस्तार से जानकारी प्रदान की गई। जिसमें टेलीमेडिसिन, टेली सर्जरी, टेली हेल्थ एजूकेशन सहित सक्सेस मंत्र भी छात्रों को प्रदान किए गए। वहीं इंटरनेट पर विटकल सॉफ्टवेयर, ब्लॉकचेन, हेसिंग व सुरक्षित डाटा ट्रांसफर को लेकर विस्तार से जानकारी प्रदान की गई। 

सोमवार को कम्प्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग विभाग सभागार में दूसरे दिन की कार्यशाला का शुभारंभ बीएचटीयू कानपुर के डॉ. नरेंद्र कोहली ने किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि इंटरनेट की उपयोगिता का दायरा स्वास्थ्य के क्षेत्र में तेजी से बढ़ रहा है। चिकित्सा को लेकर टेली मेडिसिन, टेली सर्जरी, टेली रेडियोलॉजी, टेली हेल्थ एजूकेशन में इंटरनेट सबसे अहम भूमिका निभा रहा है। लेकिन इसमें सावधानी बरते जाने की विशेष आवश्यकता है। डा. कोहली ने सोशल मीडिया साइट की उपयोगिता व दुरुपयोग को लेकर विस्तार से जानकारी प्रदान की। 

उन्होंने स्मार्ट सिटी, कनेक्टेड रेल ऑपरेशन को लेकर भी जानकारियां दी गई। डा. कोहली ने प्रोत्साहन व्याख्यान में कहा कि छात्रों को लक्ष्य निर्धारित करना होगा। जिसको पाने की दिशा में शिक्षको, परिजनों व सहयोगियों का उचित मार्ग दर्शन लेना होगा। उन्होंने छात्रों को भारत की महान विभूतियों के जीवन संघर्ष से प्रेरणा लेने के लिए उत्साहित भी किया। एनआईटी दिल्ली के डा. करन वर्मा ने कहा कि कम्प्यूटर में क्लाउड कम्प्यूङ्क्षटग भविष्य के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। 

इसमें शिक्षा व शोध को लेकर व्यापक संभावनाएं हैं। उन्होंने बिटकल सॉफ्टवेयर, फंड ट्रांसफर, ब्लॉकचेन, हैसिंग व सुरक्षित डाटा ट्रांसफर को लेकर भी विस्तार से जानकारी प्रदान की। इस अवसर पर डा. वीएम ठक्कर, अभिषेक गुप्ता, रमेश कुमार, जोगेंद्र कुमार, सिद्धांत, सुरेश, मुकेश, अश्विनी सैनी आदि मौजूद थे। 

यह भी पढ़ें: मस्क्यूलोस्केलेटल अल्ट्रासाउंड की समझाई बारीकियां

यह भी पढ़ें: एक हजार वैज्ञानिक करेंगे उत्तराखंड में वायु की गुणवत्ता पर मंथन

यह भी पढ़ें: इस अस्पताल में बीआरटीओ तकनीक से हो रहा लिवर सिरोसिस का उपचार 

chat bot
आपका साथी