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इस अस्पताल में बीआरटीओ तकनीक से हो रहा लिवर सिरोसिस का उपचार

राजधानी देहरादून स्थित महंत इंदिरेश अस्पताल में अब बीआरटीओ तकनीक से मरीजों का उपचार शुरू हो गया है।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Wed, 29 Aug 2018 04:46 PM (IST)Updated: Thu, 30 Aug 2018 09:26 AM (IST)
इस अस्पताल में बीआरटीओ तकनीक से हो रहा लिवर सिरोसिस का उपचार
इस अस्पताल में बीआरटीओ तकनीक से हो रहा लिवर सिरोसिस का उपचार

देहरादून [जेएनएन]: महंत इन्दिरेश अस्पताल में बीआरटीओ तकनीक से मरीजों का उपचार शुरू हो गया है। बीआरटीओ तकनीक देश के कुछ चुनिंदा अस्पतालों में ही उपलब्ध है। अस्पताल के चेयरमैन महंत देवेंद्र दास जी महाराज ने डॉक्टरों की टीम को इस उपलब्धि पर हार्दिक बधाई दी। 

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अस्पताल सभागार में पत्रकारों से वार्ता करते हुए चिकित्सा अधीक्षक डॉ. विनय राय ने बताया कि 35 वर्षीय मरीज राजेश क्षेत्री को लंबे समय से पेट संबंधी शिकायत थी। उन्होंने अस्पताल में वरिष्ठ गैस्टोइंट्रोलॉजिस्ट डॉ. संजय गुप्ता से परामर्श लिया। प्रारंभिक जांच में मरीज को लीवर सिरोसिस बीमारी पाई गई। लिवर फेलियर के कारण मरीज की हालत अत्यंत गंभीर हो गई थी। जांच में मरीज का हीमोग्लोबिन केवल दो ग्राम पाया गया।

एंडीस्कोपी द्वारा मरीज का रक्तस्त्राव नियंत्रित किया गया, लेकिन कुछ सप्ताह बाद दोबारा मरीज को खून की उल्टी आने की शिकायत होने लगी। तब बीआरटीओ तकनीक से मरीज के उपचार का निर्णय लिया गया। उन्होंने इंटरवेंशनल रेडियोलॉजिस्ट डॉ. प्रशांत सारडा, अनिल लांबा व टीम के साथ राजेश का उपचार किया। डॉ. प्रशांत सारडा ने बताया कि मात्र 2 मिलीमीटर छेद से, लोकल एनेस्थीसिया में मरीज के गले की नसों के रास्ते से पेट की फूली हुई नसों तक पहुंचा गया। कैथेटर की मदद से नसों में दवा पहुंचाई गई।

इस दवा से फूली हुई नस सिकुड़ जाती है एवं रक्तस्त्राव बंद हो जाता है। इस दौरान पेट की नसों में एक गुब्बारा डाल दिया जाता है, जिस कारण छह घंटे तक पेट की नसों पर दवा का प्रभाव रहता है। अब राजेश बिल्कुल ठीक है व उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। रेडियोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ राजेन्द्र श्रीवास्तव ने बताया कि अस्पताल के रेडियोलॉजी विभाग में अब इंटरवेंशनल रेडियोलॉजी की सुविधा उपलब्ध है। इसके जरिए मिनिमल इन्वेजिव तरीके से बिना बेहोश किए कई जटिल रोगों का उपचार संभव है। 

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