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मस्क्यूलोस्केलेटल अल्ट्रासाउंड की समझाई बारीकियां

देहरादून स्थित महंत इंद्रेश कार्यशाला में विशेषज्ञ रेडियोलॉजिस्टों ने अल्ट्रासाउंड की अतिआधुनिक विधियों से अल्ट्रासाउंड के तरीकों पर अनुभव साझा किए।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Sun, 09 Sep 2018 04:10 PM (IST)Updated: Tue, 11 Sep 2018 08:51 AM (IST)
मस्क्यूलोस्केलेटल अल्ट्रासाउंड की समझाई बारीकियां
मस्क्यूलोस्केलेटल अल्ट्रासाउंड की समझाई बारीकियां

देहरादून, [जेएनएन]: महंत इंद्रेश अस्पताल के रेडियोलॉजी विभाग की ओर से दो दिवसीय राज्य स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। कार्यशाला में विशेषज्ञ रेडियोलॉजिस्टों ने अल्ट्रासाउंड की अतिआधुनिक विधियों से अल्ट्रासाउंड के तरीकों पर अनुभव साझा किए। कार्यशाला में उत्तराखंड, उप्र और दिल्ली के रेडियोलॉजिस्टों ने हिस्सा लिया। 

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शनिवार को अस्पताल सभागार में मस्क्यूलोस्केलेटल अल्ट्रासाउंड विषय पर आयोजित कार्यशाला का शुभारंभ एसजीआरआर मेडिकल कॉलेज के कार्यवाहक प्राचार्य डॉ. अमित वर्मा ने किया। मुख्य वक्ता संजीवन अस्पताल नई दिल्ली की रेडियोलॉजी विभाग की प्रमुख डॉ. निधि भटनागर ने कहा कि यह तकनीक मांसपेशियों और जोड़ों में होने वाली सूजन, मांसपेशियों के फट जाने के कारण होने वाली परेशानियों व जोड़ों संबंधित परेशानियों का पता लगाने की अत्याधुनिक तकनीक है। 

उन्होंने लाइव डेमो से अल्ट्रासाउंड के दौरान ध्यान दी जाने वाली बातों, सटीक परिणाम प्राप्त करने के तरीकों को बारीकी से समझाया। उन्होंने बताया कि इस तकनीक से अल्ट्रासाउंड करने के लिए अधिक अनुभव की आवश्यकता होती है। सुभारती मेडिकल कॉलेज, मेरठ की रेडियोलॉजी विभाग की डॉ. सोनल सारंग ने रेडियोलॉजिस्टों को नवीन तकनीक के उपयोग से रूबरू कराया। 

कार्यशाला अध्यक्ष एवं अस्पताल में रेडियोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ. राजेंद्र कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि अस्पताल में इस तकनीक का लाभ उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, हिमाचल सहित आसपास के राज्यों के मरीजों को मिल रहा है। इस अवसर पर श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल एवं एसजीआरआर मेडिकल कॉलेज के सलाहकार डॉ. मोहन सिंह, अस्पताल के चिकित्साधीक्षक डॉ. विनय राय, डॉ. राजीव आजाद, डॉ. शरद वी. गाडगिल, डॉ. प्रशांत सहित रेडियोलॉजी विभाग के सभी डॉक्टर व स्टाफ  मौजूद रहे। 

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