कैनवास पर पहाड़ की पीड़ा उकेर कर उत्‍तराखंडियों से घरों की ओर लौटने की अपील कर रहे वि‍वेक

नैनीताल जिले के विवेक भावनाओं व उम्मीद के रंगों के जरिए खाली होते गांवों के प्रति सुखद भविष्य की आस जगा रहे हैं।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Sun, 08 Dec 2019 05:23 PM (IST) Updated:Mon, 09 Dec 2019 11:31 AM (IST)
कैनवास पर पहाड़ की पीड़ा उकेर कर उत्‍तराखंडियों से घरों की ओर लौटने की अपील कर रहे वि‍वेक
कैनवास पर पहाड़ की पीड़ा उकेर कर उत्‍तराखंडियों से घरों की ओर लौटने की अपील कर रहे वि‍वेक

हल्द्वानी, गणेश पांडे : उत्तराखंड की पलायन की पीड़ा किसी से छिपी नहीं है। पलायन के चलते गांव के गांव खाली हो चुके हैं। वर्षों पहले ताले पड़ चुके मकान खंडहर में तब्दील हो रहे हैं। नैनीताल जिले के विवेक भावनाओं व उम्मीद के रंगों के जरिए खाली होते गांवों के प्रति सुखद भविष्य की आस जगा रहे हैं। पहाड़ की जीवनशैली, ऐतिहासिक व सांस्कृतिक धरोहर को कैनवास पर उतार रहे विवेक देश-विदेश में रहने वाले प्रवासी उत्तराखंडियों के मन में पहाड़ की याद जगा रहे हैं, ताकि अपनी मिट्टी की खुशबू को महसूस करने वाले लोग किसी न किसी बहाने पहाड़ की तरफ लौटे। विवेक की पहल को सोशल मीडिया पर काफी सराहना मिल रही है।

पत्थरों के घरों पर ऐपण की रेखाएं

पलायन के चलते पहाड़ के घर खंडहर हो रहे हैं। नैनीताल के बेतालघाट के रहने वाले 25 वर्षीय विवेक बिष्ट 'विरंजन' की खंडहर घरों को दर्शाती पेंटिंग देश-विदेश में रहने वाले लोगों से गांव लौटने की अपील करती है। ऐपण से सजी देहरी पर बैठे बुजुर्ग अपनों को बुलाते हुए कहते है कि मानों आपके बगैर घरों की रौनक गायब है।

वाटर कलर का प्रयोग

इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले विवेक ने सात साल पहले शौकिया तौर पर पेंटिंग बनानी शुरू की। बाद में इसे प्रोफेशन बना लिया। अब तक 300 से ज्यादा पेंटिंग बना चुके हैं। विवेक ऐतिहासिक धरोहरों के साथ कहानी, कविता के लिए चित्रों के जरिये बयां करते हैं।

चित्रकार विजय विश्वाल पसंदीदा

विवेक को खुद की बनाई पेंटिंग बहुत पसंद है। कहते हैं कलाकार के लिए कोई पेंटिंग कम या अधिक उपयोगी नहीं होती। वह हर चित्र को पूरे शिद्दत से उकेरता है। दूसरे चित्रकारों में विजय विश्वाल विवेक के पसंदीदा हैं। उन्‍हाेंने बताया कि पेंटिंग शुरू करने से पहले पेंटिंग का पूरा फ्रेम उनके दिमाग में रहता है। इसी पेंटिंग के दौरन बस रेखाओं और रंगों का खास ध्‍यान रखना पड़ता है। हां कभी कभी पेंटिंग के दौरान ही तमाम नए विचार आ जाते हैं सो पहले से जो फ्रेम किया होता है, और जब पेंटिंग कम्‍प्‍लीट होती है तो उसमें बहुत फर्क नजर आता है। वि‍वेक पेंटिंग का अभिव्‍यक्ति को सबसे खूबसूरत माध्‍यम मानते हैं। उनका कहना है कि ये कल्‍पनाओं का समुद्र है। आप अपने विचार व्‍यक्‍त करने लिए न सिर्फ पूरी तरह से स्‍वतंत्र होते हैं, ब‍ल्कि यूं कहें कि यहां आपको को कुछ भी रचने की पूरी स्‍वच्‍छंदता होती है।

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