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Uttarakhand: हाथी ने ग्रामीण को पटक कर मार डाला, चारा पत्ती लेने जंगल गई महिला को बाघ ने उतारा मौत के घाट

Uttarakhand News रामनगर में तराई पश्चिमी वन प्रभाग के अंतर्गत एक ग्रामीण को जंगली हाथी ने पटक-पटककर मार डाला। युवक की मौके पर ही मौत हो गई। बनबसा में अपनी मां और अन्य महिलाओं के साथ मवेशियों के लिए चारा पत्ती लेने जंगल गई महिला पर बाघ ने हमला कर मौत के घाट उतार दिया। बाघ-गुलदार के हमलों में चंपावत साढ़े तीन साल में आठ मौतें हो चुकी हैं।

By Jagran News Edited By: Nirmala Bohra Published: Fri, 24 May 2024 03:54 PM (IST)Updated: Fri, 24 May 2024 03:54 PM (IST)
Uttarakhand News: युवक की मौके पर ही मौत हो गई।

जासं, रामनगर: Uttarakhand News: तराई पश्चिमी वन प्रभाग के अंतर्गत एक ग्रामीण को जंगली हाथी ने पटक-पटककर मार डाला। युवक की मौके पर ही मौत हो गई। वन विभाग ने शव पोस्टमार्टम के बाद स्वजन को सौंप दिया है। तराई पश्चिमी वन प्रभाग के अंतर्गत रामनगर रेंज में कंदला गांव निवासी पाला सिंह पुत्र महेंद्र सिंह गुरुवार को बाइक से बंजारी क्षेत्र में किसी को खाना देने जा रहा था। इस बीच पीरपत्ता वन क्षेत्र में सामने से हाथी आ गया। उस क्षेत्र में कुछ और लोग भी मौजूद थे।

हाथी ने उसे पटकरकर मार डाला। प्रत्यक्षदर्शियों ने घटना की सूचना गांव में दी। जिसके बाद ग्रामीण मौके पर पहुंचे और शव को लेकर सरकारी अस्पताल पहुंचे। इसके बाद शव का पोस्टमार्टम कराया गया। मृतक के एक पुत्र व एक पुत्री है। मृतक मजदूरी करता था।

घटना के बाद भाजपा नगर अध्यक्ष मदन जोशी, उपज्येष्ठ प्रमुख संजय नेगी, पूर्व भाजयुमो मंत्री जगमोहन बिष्ट ने भी अस्पताल पहुंचकर स्वजनों से जानकारी ली। उपज्येष्ठ प्रमुख नेगी ने फोन कर वनाधिकारियों से पीड़ित परिवार को मुआवजा दिलाए जाने की मांग वन विभाग से की। रामनगर रेंजर जेपी डिमरी ने बताया कि युवक की मौत हाथी के हमले में किस परिस्थितियों में हुई है, इसकी जांच की जा रही है।

शोर शराबे के बाद कुछ दूरी पर महिला को छोड़कर भागा बाघ

बनबसा : अपनी मां और अन्य महिलाओं के साथ मवेशियों के लिए चारा पत्ती लेने जंगल गई महिला पर बाघ ने हमला कर मौत के घाट उतार दिया। सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने शव का पंचनामा भर पोस्टमार्टम करने के बाद उसे स्वजन के सुपुर्द कर दिया है। इस घटना के बाद ग्रामीणों में दहशत का माहौल है।

गुरुवार सुबह 32 वर्षीय मुन्नी देवी पत्नी कैलाश पुरी निवासी फागपुर अपनी मां कमला देवी और कुछ अन्य महिलाओं के साथ चारा लेने के लिए जंगल गई थी। लगभग 10.30 बजे करीब तराई पूर्वी डिविजन में आने वाले ग्राम सभा चंदनी के अंतर्गत हुड्डी नदी के समीप हेलागोठ क्षेत्र के जंगल में बाघ ने मुन्नी देवी पर हमला बोल दिया और उसे काफी दूर तक घसीटता हुआ ले गया। मां कमला देवी और साथ गई महिलाओं ने मुन्नी देवी को बाघ के जबड़े से छुड़ाने के लिए शोर शराबा किया तथा उस पर पत्थर बरसाए।

कुछ दूरी तक बाघ महिला को छोड़कर भाग गया, लेकिन तब तक वह अचेत हो चुकी थी। सूचना के बाद पहुंची वन विभाग और पुलिस टीम ने महिला को उप जिला चिकित्सालय टनकपुर पहुंचाया, जहां डाक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। मौका मुआयना करने के बाद वन विभाग ने क्षेत्र में गश्त बढ़ा दी है। ग्राम प्रधान हर्ष बहादुर चंद ने बताया कि मुन्नी देवी अपने मायके फागपुर में ही रहती थी। उसका ससुराल रुद्रपुर के गूलरभोज में है।

पति कैलाश रुद्रपुर में कारोबार करता है। उसके दो बेटे हैं जो बनबसा के ग्लोरियस स्कूल में पढ़ते हैं। छोटा बेटा तीन और बड़ा बेटा नौंवी कक्षा में पढ़ता है। खटीमा रेंज के रेंजर महेश जोशी ने बताया कि महिला की मृत्यु बाघ के हमले से हुई है। उन्होंने बताया कि सुरक्षा की दृष्टिगत पूरे क्षेत्र मे वन विभाग द्वारा गश्त बढ़ा दी गई है। इधर ग्रामीणों ने प्रशासन और वन विभाग से मृतका के आश्रितों को मुआवजा देने के अलावा जंगली जानवरों से सुरक्षा के उपाय करने की मांग की है।

बाघ व गुलदार के हमलों में चंपावत जिले में साढ़े तीन साल में आठ मौतें

चंपावत : बाघ और गुलदार के हमलों में चंपावत जिले में साढ़े तीन साल में आठ मौतें हो चुकी हैं। वर्ष 2021 में टनकपुर बोरागोठ की सोना देवी, आमबाग की राधा देवी और बस्तिया की जानकी देवी के अलावा चंपावत के ढकना बडोला गांव की मीना देवी को बाघ ने निवाला बनाया था। जनवरी 2022 में बाघ के हमले में चंपावत के नघान क्षेत्र में चंचला देवी की मौत हो गई थी। जुलाई 2023 में सूखीढांग के गजार में गुलदार के हमले में भोजनमाता चंद्रावती देवी की मौत हुई थी।

दिसंबर 2023 को टनकपुर पूर्णागिरि क्षेत्र के जंगल में घास लेने गई एक महिला को बाघ ने बुरी तरह घायल कर दिया था। बाद में उसने दम तोड़ दिया था। गुरुवार 23 मई को फागपुर निवासी मुन्नी देवी को बाघ ने मौत के घाट उतार दिया। टनकपुर और बनबसा क्षेत्र में अधिकांश मौते बाघ के हमले में हुई हैं, जबकि चंपावत मुख्यालय में गुलदार के हमले में चारापत्ती लेने जंगल गई महिलाओं ने जान गंवाई है।


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