Uttarakhand Lockdown : लॉकडाउन के बीच हाईकोर्ट में आज से वीडियोकॉन्फ्रेसिंग से सुनवाई

कोरोना संक्रमण की रोकथाम को लागू लॉकडाउन के बीच उत्तराखंड हाई कोर्ट में बुधवार से वीडियोकॉन्फ्रेसिंग से सुनवाई शुरू हो रही है।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Wed, 15 Apr 2020 07:49 AM (IST) Updated:Wed, 15 Apr 2020 07:49 AM (IST)
Uttarakhand Lockdown :  लॉकडाउन के बीच हाईकोर्ट में आज से वीडियोकॉन्फ्रेसिंग से सुनवाई
Uttarakhand Lockdown : लॉकडाउन के बीच हाईकोर्ट में आज से वीडियोकॉन्फ्रेसिंग से सुनवाई

नैनीताल, जेएनएन : कोरोना संक्रमण की रोकथाम को लागू लॉकडाउन के बीच उत्तराखंड हाई कोर्ट में बुधवार से वीडियोकॉन्फ्रेसिंग से सुनवाई शुरू हो रही है। लॉकडाउन की वजह से हाईकोर्ट में अवकाश घोषित किया गया था। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देश के बाद वीडियोकॉन्फ्रेसिंग से जरूरी मामलों की सुनवाई को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए गए। मंगलवार को ट्रायल भी सफल हो गया।

बुधवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश रंगनाथन की अध्यक्षता वाली खंडपीठ में वीडियोकॉन्फ्रेसिंग से दो याचिकाओं पर सुनवाई लिस्टेड की गई है। पहली याचिका गदरपुर उधमसिंह नगर के किसान मुरली मनोहर श्रीवास्तव की है। जिसमें कहा गया है कि लोकडाउन की वजह से फसलों की कटाई नहीं हो पा रही। विपणन केंद्र बंद होने से किसान गेंहू इत्यादि का विक्रय नहीं कर पा रहे हैं। ट्रांसपोर्ट में भी दिक्कत आ रही है। उन्होंने किसानों की फसल की कटाई से लेकर बिक्री तक को लेकर सरकार को दिशा निर्देश देने की प्रार्थना की गई है।

स्वास्थ्य कर्मियों से लेकर कोरोना वॉरियर्स के लिए हों पीपीई किट

अधिवक्ता दुष्यंत मैनाली ने मुख्य न्यायाधीश को 50 पेज का ईमेल भेजकर कहा है कि कोरोना संक्रमण से निपटने को राज्य में स्वास्थ्य सुविधाओं व उपकरणों का अभाव है। पीपीई किट, ग्लब्स, मास्क की कमी है। याचिका में विश्व स्वास्थ्य संगठन तथा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मानकों के अनुसार डॉक्टर, स्वास्थ्य कर्मियों समेत कोरोना वॉरियर्स में प्रत्येक को पीपीई किट, ग्लब्स, दस्ताने, जूते तथा एन-95 मास्क उपलब्ध कराने की प्रार्थना की है।

वीडियोकॉन्फ्रेसिंग से जिला अदालतों में सुनवाई पर पुनर्विचार हो

उत्तराखंड बार कौंसिल अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह पुंडीर ने हाईकोर्ट के मुख्य न्यायधीश को पत्र भेजकर जिला न्यायालयों में बुधवार से अर्जेंट वादों की सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से करने के फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग की है । उन्होंने कहा है कि जिला न्यायालय के अधिकांश अधिवक्ताओं के पास विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये सुनवाई के संसाधन व तकनीकी जानकारी का अभाव है । केंद्र सरकार ने 3 मई तक लॉक डाउन की अवधि बढ़ा दी है । जिससे कोर्ट के कार्मिकों को भी ऑफिस आने में दिक्कतें होंगी । उन्होंने पत्र में लिखा है कि कोर्ट प्रक्रिया पूर्ण पारदर्शिता में होती है । इसलिए विडियो कॉन्फ्रेंसिंग की रिकार्डिंग प्रतिबंधित करने पर भी पुनर्विचार की जरूरत है।

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