पर्यटन सीजन में भी सूना रह गया नंधौर सेंक्‍चुरी, इसलिए नहीं पहुंच सके पर्यटक nainital news

जिम कार्बेट में जगह नहीं। नैनीताल में पर्यटकों का ऐसा जमावड़ा कि मनचाहे होटल में ठहरने के लिए मारामारी। लेकिन इस फेहरिस्त में अपना नंधौर अभ्यारण्य बहुत पीछे छूट गया है।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Wed, 08 Jan 2020 09:44 AM (IST) Updated:Thu, 09 Jan 2020 12:41 PM (IST)
पर्यटन सीजन में भी सूना रह गया नंधौर सेंक्‍चुरी, इसलिए नहीं पहुंच सके पर्यटक nainital news
पर्यटन सीजन में भी सूना रह गया नंधौर सेंक्‍चुरी, इसलिए नहीं पहुंच सके पर्यटक nainital news

चम्पावत, विनोद चतुर्वेदी : जिम कार्बेट में जगह नहीं। नैनीताल में पर्यटकों का ऐसा जमावड़ा कि मनचाहे होटल में ठहरने के लिए मारामारी। कौसानी की तो बात ही छोड़ दीजिए। इन सभी जगहों पर पर्यटकों का जमावड़ा सुकून देने वाला है, लेकिन इस फेहरिस्त में अपना नंधौर अभ्यारण्य बहुत पीछे छूट गया है। नव वर्ष और जाड़े की छुट्टियों के बाद भी इस वर्ष अभी तक एक भी पर्यटक यहां नहीं पहुंचा।

इस कारण नहीं पहुंच सके पर्यटक

वन विभाग ने नवंबर अंत में अभ्यारण्य को पर्यटकों के लिए खोल तो दिया, लेकिन मार्ग की व्यवस्था नहीं हो सकी। इस कारण नेचर गाइड पर्यटकों को यहां घुमाने से इन्कार कर रहे हैं। इससे टनकपुर का पर्यटन व्यवसाय और वन विभाग की आय भी प्रभावित हो रही है।

इस समय में पर्यटकों के लिए खुलतता है

टनकपुर में नंधौर अभ्यारण्य की शुरुआत 11 जनवरी 2018 को हुई थी। तब से प्रतिवर्ष 15 नवंबर से 15 जून तक अभ्यारण्य को पर्यटकों की आवाजाही के लिए खोला जाता है। इस वर्ष भी वन विभाग ने इसके दरवाजे पर्यटकों के लिए खोले। लेकिन पर्यटक पहुंच नहीं सके। असल में नंधौर की यात्रा ककरालीगेट होते हुए शुरू होती है। करीब 40 किमी लंबा यह मार्ग वाहनों के चलने लायक नहीं है।

यहां के बंगलों में ठहर कर तो देखिए 

पर्यटकों की सुविधा के लिए सेनापानी, दुर्गापीपल और जौलासार में वन विभाग के अच्छे बंगले हैं। इन बंगलों में सभी आधुनिक सुविधाएं हैं। ऐसे में यहां आने वाले पर्यटकों को ठहरने की पूरी व्यवस्था है।  

बाघ, हिरण के साथ और भी बहुत कुछ 

अभ्यारण्य में बाघ, हाथी, हिरण, चीतल, घुरड़, सांभर के साथ देसी- विदेशी पक्षी पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। इन दिनों विदेशी मेहमान सुर्खाब भी नंधौर पहुंच चुकी है।

मात्र 100 से 250 रुपये खर्च

नंधौर अभ्यारण्य आने वाले देसी और विदेशी पर्यटकों के लिए जंगल सफारी की अलग-अलग दरें हैं। वन विभाग को प्रति देशी पर्यटक से 100 रुपया पर्यटन शुल्क व 250 रुपया वाहन शुल्क मिलता है। प्रति विदेशी पर्यटक से 600 रुपया पर्यटन शुल्क व 500 रुपया वाहन शुल्क लिया जाता है।

अभ्‍यारण्‍य का रास्‍ता बन गया अवरोध

सौरभ कलखुडिय़ा, नेचर गाइड,  नंधौर अभ्यारण ने बताया कि वर्तमान में हमसे कई देसी-विदेशी पर्यटक नंधौर अभ्यारण्य जाने के लिए संपर्क कर रहे हैं, लेकिन रास्ता ठीक न होने के कारण उन्हें मना करना मजबूरी बन गई है। वन विभाग ने इस बार यात्रा मार्ग सही नहीं किया। इस कारण पर्यटकों को वहां ले जाना खतरे से खाली नहीं है। 

शीघ्र दुरुस्‍त किया जाएगा रास्‍ता

महेश सिंह बिष्ट, रेंजर शारदा रेंज का कहना है कि नंधौर अभ्यारण्य के लिए मार्ग दुरुस्त करने का काम शीघ्र शुरू किया जाएगा। इसके लिए टेंडर आमंत्रित किया जा रहा है। पर्यटकों के लिए अभ्यारण्य पहले ही खोला जा चुका है। वन विभाग पर्यटकों की सुविधा के लिए हर संभव उपाय करेगा।

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