जीत को पक्‍का मान रही कांग्रेस आखिर कहां चूक गई, आइए बाताते हैं आपको

प्रदेश की दूसरी सबसे हॉट निगम सीट हल्द्वानी में कांग्रेस की चुनावी डगर शुरुआत से ही डगमगाते दिखी। सुमित हृदयेश को टिकट मिलने के बाद कांग्रेस खुद को मजबूत स्थिति में समझ रही थी।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Wed, 21 Nov 2018 01:38 PM (IST) Updated:Wed, 21 Nov 2018 07:08 PM (IST)
जीत को पक्‍का मान रही कांग्रेस आखिर कहां चूक गई, आइए बाताते हैं आपको
जीत को पक्‍का मान रही कांग्रेस आखिर कहां चूक गई, आइए बाताते हैं आपको

हल्द्वानी, जेएनएन। प्रदेश की दूसरी सबसे हॉट निगम सीट हल्द्वानी में कांग्रेस की चुनावी डगर शुरुआत से ही डगमगाते दिखी। नेता प्रतिपक्ष के बेटे व युवा चेहरे सुमित हृदयेश को टिकट मिलने के बाद कांग्रेस खुद को मजबूत स्थिति में समझ रही थी, लेकिन चुनावी परिणाम इसके उलट रहा। लिहाजा पहली बार चुनाव लड़ रहे कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा। कांग्रेस के हारने की आठ अहम वजह ये रही।

वजह एक

बीजेपी से कमजोर मैनेजमेंट

निकाय चुनाव को लेकर भाजपा जहां सोची-समझी रणनीति के मुताबिक चली। वहीं कांग्रेस शुरू से इस मामले में कमजोर रही।

वजह दो

कांग्रेस में सामने आई गुटबाजी

अंदरूनी गुटबाजी टिकट फाइनल होने के बाद कांग्रेस में गुटबाजी सामने आई। हालांकि नेता प्रतिपक्ष के कद की वजह से कोई खुल कर नहीं बोला, लेकिन अंदरखाने ये लोग पार्टी के पक्ष में नहीं थे। अपनों की नाराजगी चुनाव में भारी पड़ी।

वजह तीन

गांव बने वार्ड से नहीं मिला साथ

गांव बने वार्ड से नहीं मिला साथ भाजपा शुरू से गांव के भरोसे थी, लेकिन काउंटिंग से साफ हुआ कि सहर में भी उसे अच्छा वोट मिला। वहीं कांग्रेस ने गांव में वोट पाने को खूब सभाएं की। पर सभा मे पहुंची भीड़ को वोट में तब्दील नहीं कर सकी।

वजह चार

बड़े नेताओं का साथ न मिलना

चुनाव प्रचार में कांग्रेस के स्टार प्रचारक की भूमिका नेता प्रतिपक्ष व प्रत्यक्षी सुमित ने खुद ही निभाई। भाजपा के पक्ष में मुख्यमंत्री ने सभी की तो कैबिनेट मंत्री यशपाल भी जुटे रहे। जिसका उसे फायदा भी मिला।

वजह पांच

सपा ने किया डैमेज

समाजवादी पार्टी ने बनभूलपुरा में बेहतर प्रदर्शन किया। कांग्रेस के रणनीतिकार सपा के 5000 वोट मान रहे थे, जबकि उसे दुगने मत मिले। सपा को कमजोर समझना कांग्रेस की बड़ी चूक थी।

वजह छह

एंटी इनकंबेंसी को भुना न पाना

पांच साल निगम बीजेपी के कब्जे में रहने के बावजूद कांग्रेस एंटी इनकंबेंसी को भुना नहीं सकी। लिहाजा शुरू में टक्कर में दिखी कांग्रेस धीरे-धीरे रेस से बाहर होने लगी।

वजह सात

ग्रामीण एरिया में वोटर हल्द्वानी से दोगुना

गांव में चुनावी सारथी न मिलना ग्रामीण एरिया में वोटर हल्द्वानी से दोगुना था। यहां कांग्रेस का दारोमदार हाल में पार्टी में शामिल हुए महेश शर्मा पर रहा। शर्मा अपनी टीम के सात लगे रहे। लेकिन भाजपा को स्थानीय विधायक व संगठन का पूरा सहयोग मिला। जो गांव में उसका वोट बढ़ाते गए।

वजह आठ

गणित समझने में चूकी कांग्रेस

वोटों का गणित समझने में चूक कांग्रेस को लगा कि पहले 20 वार्ड में उसे बराबरी की टक्कर मिलेगी। उसके बाद बनभूलपुरा से बड़ी लीड लेकर वो गांव के बूथों पर पहुंचेगी। जहां से भी उसे समर्थन भले बीजेपी से कम लेकिन ठीक मिलेगा। लेकिन काउंटिंग के दौरान ये गणित धराशयी हो गया।

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