कोसी मेें घटा तो दाबका में बढ़ा खनन लक्ष्य, भारतीय मृदा एवं जल संचयन संस्थान रुड़की ने जारी की रिपोर्ट

कोसी नदी में पिछले साल के मुकाबले इस बार खनन का लक्ष्य 1.70 लाख घनमीटर कम हो गया है। दूसरी ओर दाबका नदी में इस बार पहले से अधिक खनन हो सकेगा।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Mon, 24 Feb 2020 09:10 AM (IST) Updated:Mon, 24 Feb 2020 09:10 AM (IST)
कोसी मेें घटा तो दाबका में बढ़ा खनन लक्ष्य, भारतीय मृदा एवं जल संचयन संस्थान रुड़की ने जारी की रिपोर्ट
कोसी मेें घटा तो दाबका में बढ़ा खनन लक्ष्य, भारतीय मृदा एवं जल संचयन संस्थान रुड़की ने जारी की रिपोर्ट

रामनगर, त्रिलोक रावत : कोसी नदी में पिछले साल के मुकाबले इस बार खनन का लक्ष्य 1.70 लाख घनमीटर कम हो गया है। दूसरी ओर, दाबका नदी में इस बार पहले से अधिक खनन हो सकेगा। भारतीय मृदा एवं जल संचयन संस्थान ने नदी में खनन लक्ष्य तय करने के लिए पूर्व में किए गए सर्वे की रिपोर्ट जारी कर दी है। कम खनन लक्ष्य की वजह से इस बार कोसी जल्दी बंद हो जाएगी।

वन निगम कराता है खनन कार्य

तराई पश्चिमी वन प्रभाग के अंतर्गत कोसी व दाबका नदी में खनन का कार्य वन निगम द्वारा किया जाता है। हर साल दोनों नदियों में खनन संस्थान की सर्वे रिपोर्ट के आधार पर ही होता है। पिछले साल संस्थान की टीम ने कोसी व दाबका नदी में रेता बजरी के मौजूद भंडारण का आकलन किया था। हालांकि सर्वे की रिपोर्ट में देरी होने की वजह से वन निगम ने पिछले साल के लक्ष्य के आधार पर ही कोसी व दाबका में खनन कार्य शुरू करा दिया था।

यह तय हुआ है नया लक्ष्‍य

अब वन निगम को सौंपी रिपोर्ट के अनुसार इस बार कोसी में खनन लक्ष्य 457344 घनमीटर तय हुआ है जबकि पिछले साल यह लक्ष्य 627000 घनमीटर था। ऐसे में इस बार करीब 1.70 लाख घनमीटर उपखनिज कम निकलेगा। इसके विपरीत दाबका में खनन लक्ष्य 1,07801 घनमीटर है। पिछले साल लक्ष्य महज 51 हजार घनमीटर ही था। ऐसे में इस बार 56801 घनमीटर उपखनिज की निकासी अधिक हो सकेगी।

खनन के लिए 900 मीटर की बाध्यता खत्म

दाबका नदी में खनन का क्षेत्र बढ़ाने की वजह से उपखनिज निकासी का लक्ष्य भी बढ़ाया गया है। वन निगम के क्षेत्रीय प्रबंधक खनन अनीस अहमद ने बताया कि पहले दाबका पुल से नौ सौ मीटर तक खनन पर प्रतिबंध था। नए नियम के तहत पुल से सौ मीटर के बाद खनन कार्य किया जा सकता है। इसके लिए सीमाकंन  प्रक्रिया चल रही है। पिछले साल बारिश नहीं होने पर कोसी नदी मेें उपखनिज भंडारण कम होने की वजह से इस बार खनन लक्ष्य भी कम हो गया है।

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