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विशाल पत्थर ने छह दिन से रोकी है चीन सीमा की राह, बारूदी‍ विस्‍फोट के कारण हुआ था ब्‍लॉक

कैलास मानसरोवर यात्रा मार्ग पर तवाघाट से गर्बाधार के बीच चीन सीमा को जोडऩे वाले मार्ग में मालघाट के पास एक विशाल बोल्डर ने छह दिनों से राह रोकी है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Sun, 23 Feb 2020 06:22 PM (IST)Updated: Sun, 23 Feb 2020 06:22 PM (IST)
विशाल पत्थर ने छह दिन से रोकी है चीन सीमा की राह, बारूदी‍ विस्‍फोट के कारण हुआ था ब्‍लॉक
विशाल पत्थर ने छह दिन से रोकी है चीन सीमा की राह, बारूदी‍ विस्‍फोट के कारण हुआ था ब्‍लॉक

धारचूला, जेएनएन : कैलास मानसरोवर यात्रा मार्ग पर तवाघाट से गर्बाधार के बीच चीन सीमा को जोडऩे वाले मार्ग में मालघाट के पास एक विशाल बोल्डर ने छह दिनों से राह रोकी है। बारूदी विस्फोट से गिरा विशाल बोल्डर को हटाने  के लिए फिर से विस्फोट की आवश्यकता पड़ रही है।

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पैदल मार्ग भी हो गया है बंद

चीन सीमा को जोडऩे वाला धारचूला-तवाघाट- गर्बाधार एकमात्र मार्ग है। पैदल मार्ग भी इसके समानांतर है। जो सड़क मार्ग से कुछ मीटर नीचे है। सड़क में मंगलवार को बारू दी विस्फोट के चलते भारी मलबा और विशाल बोल्डर खिसक कर आ गए और मलबा पैदल मार्ग तक पहुंच गया। जहां सड़क सम्पर्क कट गया वहीं पैदल मार्ग भी बंद हो गया। चीन सीमा से लगे क्षेत्रों का सम्पर्क भंग हो गया। इसी मार्ग से सेना, आइटीबीपी और एसएसबी के जवान आवाजाही करते हैं। नेपाल सीमा से लगा क्षेत्र होने के कारण एसएसबी जवान इसी मार्ग से सीमा पर गश्त लगाते हैं।

रूट बाधित होने से इन गांवों के लोग प्रभावित

दूसरी तरफ उच्च हिमालयी व्यास घाटी के सात गांव बूंदी, गब्र्यांग, गुंजी, नाबी, रौगकोंग, नपलच्यू , कुटी सहित उच्च मध्य हिमालय के लगभग दस गांव प्रभावित हैं। उच्च हिमालयी गांव इस समय बर्फ से ढके होने के कारण जनशून्य रहते हैं परंतु उच्च मध्य हिमालय के पांगला, कुरीला,  गाला, जिप्ती, गर्बा, मांगती, सिमखोला, बुंगबुंंग, तांकुल सहित अन्य गांवों के ग्रामीण प्रत्यक्ष प्रभावित हैं। इन गांवों का बाजार , अस्पताल , तहसील , विकास खंड मुख्यालय धारचूला है। ग्रामीणों को प्रत्येक कार्य के लिए धारचूला आना पड़ता है। सारा सामान धारचूला से खरीद कर ले जाना पड़ता है।

पत्‍थरों पर फिसलकर घायल हो रहे लोग

सड़क मार्ग बंद है । पैदल चलने योग्य मार्ग भी मलबे से पटा है। ग्रामीण मजबूरी में काली नदी किनारे पत्थरों पर चल कर आवाजाही कर रहे हैं। पत्थरों पर चलने के दौरान बीते रोज रांथी गांव निवासी जीवन सिंह नदी किनारे चलते समय पत्थरों पर फिसल कर घायल हो चुका है। कुछ अन्य ग्रामीणों के फिसलने से हल्की फुल्की चोटें आई हैं। लगभग पांच हजार की आबादी प्रभावित है। मौके पर सड़क पर गिरा विशाल बोल्डर के आगे सारी व्यवस्था बौनी नजर आ रही है। विशाल बोल्डर के ऊपर भारी मलबा है। पत्थर को हटाने के सारे प्रयास विफल हो चुके हैं। मौके पर अब इस विशाल पत्थर को हटाने के लिए बारू दी विस्फोट ही विकल्प रह चुका है। परंतु विस्फोट के चलते पहाड़ की तरफ पत्थर के ऊपर जमा पत्थर और मलबा मार्ग के खुलने में विलंब का कारण बन सकता है।

दो दर्जन टैक्सी चालक छह दिनों से हुए हैं बेरोजगार

इस मार्ग पर दो दर्जन के आसपास टैक्सियां चलती हैं। विगत छह दिनों से मार्ग बंद होने से टैक्सियों का संचालन ठप है। कुछ टैक्सियां दूसरी गर्बाधार की तरफ फंसी हैं। जिसे लेकर टैक्सी संचालकों ने सोमवार तक मार्ग नहीं खुलने पर चक्का जाम की चेतावनी दी है। वहीं एके शुक्ला , एसडीएम धारचूला ने बताया कि मालघट के पास मार्ग खोलने के लिए बीआरओ द्वारा मशीनें लगा दी गई हैं। पत्थर को तोडऩे के लिए बारू दी विस्फोट के लिए ड्रिलिंग की जा रही है। आज सायं तक पत्थर को तोडऩे और सोमवार से मार्ग खुलने की संभावना है।

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