पंचायत चुनाव लड़ने के लिए कमलेश जोशी छोड़ दी मैकेनिकल इंजीनियरिंग की नौकरी

सोशल मीडिया में ग्राम पंचायत से लेकर क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत के लिए दावेदारी करने वालों की बाढ़ आ गई है। स्वयं को प्रबल दावेदार बताने वाले वीडियो लगातार पोस्ट हो रहे हैं।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Sat, 14 Sep 2019 07:11 PM (IST) Updated:Sun, 15 Sep 2019 11:55 AM (IST)
पंचायत चुनाव लड़ने के लिए कमलेश जोशी छोड़ दी मैकेनिकल इंजीनियरिंग की नौकरी
पंचायत चुनाव लड़ने के लिए कमलेश जोशी छोड़ दी मैकेनिकल इंजीनियरिंग की नौकरी

चम्पावत, जेएनएन : राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तिथियों की घोषणा करते ही चुनावी माहौल गरमा गया है। सोशल मीडिया में ग्राम पंचायत से लेकर क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत के लिए दावेदारी करने वालों की बाढ़ आ गई है। स्वयं को प्रबल दावेदार बताने वाले वीडियो लगातार पोस्ट हो रहे हैं। इस दंगल में ऐसे लोग भी शामिल हैं जो अपनी नौकरी छोड़कर राजनीति की हवा खाने निकल पड़े हैं। 

जनपद के बाराकोट ब्लॉक के खोलासुनार ग्राम पंचायत निवासी कमलेश जोशी मैकेनिकल इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़कर जिला पंचायत फर्तोला सीट से सदस्य पद की दावेदारी कर रहे हैं। फर्तोला सीट सामान्य होने के बाद से ही उन्होंने चुनाव में उतरने का मन बना लिया था। ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी भीमताल से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक करने के बाद वह चार साल से देहरादून के करनपुर में प्रयाग इंस्टीट्यूट में बतौर शिक्षक के पद पर कार्य कर रहे थे। फर्तोला सीट सामान्य होने की जानकारी के बाद वह नौकरी से त्यागपत्र देकर चुनाव में कूदने के लिए अपने घर पहुंच चुके हैं। 25 वर्षीय कमलेश जोशी ने बताया कि ग्राम पंचायतें आज भी सशक्त नहीं हो पाई हैं।

गांवों में मूलभूत सुविधाओं का अभाव है जिसके कारण लोग पलायन कर रहे हैं। इसी पीड़ा को देखते हुए वह इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़ जिला पंचायत फर्तोला से चुनाव लड़ रहे हैं। इधर पंचायत चुनाव का बिगुल बजते ही चम्पावत, लोहाघाट, पाटी, बाराकोट ब्लाकों में सरगर्मियां तेज हो गई हैं। शैक्षिक योग्यता और दो बच्चों का नियम लागू होने के कारण इस दौड़ से बाहर हुए लोग अपनी पंचायतों में काफी सक्रिय हो गए हैं। अपने गुट का प्रत्याशी मैदान में खड़ा करने से लेकर उनके चुनाव प्रचार की रणनीति भी तैयार कर रहे हैं। 

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