होली के जश्न पर नहीं पड़ेगा आचार संहिता का असर, धार्मिक अनुष्ठान, बरात को भी मिलेगी छूट

आचार संहिता लागू रहने से होली का जश्न फीका पडऩे का संशय पाले लोगों को मायूस होने की जरूरत नहीं है। होली समेत धार्मिक अनुष्ठान बरात पर आचार संहिता का असर नहीं होगा।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Sat, 16 Mar 2019 11:42 AM (IST) Updated:Sat, 16 Mar 2019 11:42 AM (IST)
होली के जश्न पर नहीं पड़ेगा आचार संहिता का असर, धार्मिक अनुष्ठान, बरात को भी मिलेगी छूट
होली के जश्न पर नहीं पड़ेगा आचार संहिता का असर, धार्मिक अनुष्ठान, बरात को भी मिलेगी छूट

हल्द्वानी, जेएनएन : आचार संहिता लागू रहने से होली का जश्न फीका पडऩे का संशय पाले लोगों को मायूस होने की जरूरत नहीं है। होली समेत धार्मिक अनुष्ठान, बरात पर आचार संहिता का असर नहीं होगा। शव यात्रा में शामिल होने वाले लोगों को भी धारा 144 से बाहर रखा गया है।

आचार संहिता लागू होने के साथ ही शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए सीआरपीसी की धारा 144 लागू हो गई है। इसके तहत किसी भी स्थान पर चार या इससे अधिक लोग एकत्र नहीं हो सकते हैं। वहीं, लोकसभा चुनाव के मतदान तक ये धारा प्रभावी रहेगी। इस दौरान होली का पर्व भी आ रहा है। गांव-शहर में लोग खड़ी व बैठकी होली के साथ ही चीर बांधने की तैयारी में जुट गए हैं। बाजारों में भी होली के त्योहार की खरीदारी के लिए लोगों की भीड़ उमड़ रही है। लोगों में होली के जश्न के दौरान आचार संहिता को लेकर संशय बना है। नगर मजिस्ट्रेट प्रत्यूष सिंह ने बताया कि बरात, शव यात्रा व धार्मिक अनुष्ठानों पर एकत्रित हुए लोगों पर धारा 144 लागू नहीं होगी। इस दौरान जुलूस व ध्वनि विस्तारण यंत्र के प्रयोग पर भी प्रतिबंध नहीं रहेगा। हालांकि उन्होंने ये भी बताया कि ध्वनि विस्तारण यंत्रों का उपयोग नियमानुसार होना चाहिए। राजनीतिक लाभ, सामाजिक विद्वेश उत्पन्न करने, लोगों को भड़काने व शांति भंग करने का उद्देश्य नहीं होना चाहिए।

धार्मिक स्थानों से प्रचार प्रतिबंधित

सिटी मजिस्ट्रेट प्रत्यूष सिंह ने बताया कि धार्मिक स्थल जैसे मंदिर, मस्जिद, गिरिजाघर व गुरुद्वारा आदि का उपयोग प्रचार के लिए नहीं किया जाएगा। कोई भी व्यक्ति ऐसा काम नहीं करेगा, जिससे धर्म, सांप्रदाय, जाति व सामाजिक वर्ग के लोगों की भावनाएं आहत हों या उनमें तनाव पैदा हो। मत प्राप्त करने के लिए जाति, सांप्रदायिक व धार्मिक भावना का परोक्ष या अपरोक्ष्य रूप से सहारा नहीं लिया जाएगा।

धरना-प्रदर्शन पर भी लगाई गई रोक

प्रशासन के मुताबिक किसी भी उम्मीदवार द्वारा अन्य उम्मीदवार या उसके समर्थकों के पुतले लेकर चलने, उन्हें सार्वजनिक स्थानों पर जलाने या विरोध प्रदर्शन आदि का कार्य नहीं किया जाएगा। ऐसे कार्यक्रमों का समर्थन करने वालों पर भी कार्रवाई की जाएगी।

शस्त्रों के प्रदर्शन पर भी पाबंदी

कोई भी व्यक्ति शस्त्र, लाठी-डंडे, तलवार या ऐसी किसी चीज का प्रदर्शन नहीं करेगा, जिसे किसी अन्य के विरुद्ध हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जा सके। इसके अतिरिक्त ईंट या पत्थर एकत्रित करना भी प्रतिबंधित है। सुरक्षा कर्मियों को शस्त्र रखने की अनुमति रहेगी। धार्मिक आधार पर कृपाण रखने वाले सिख धर्म के अनुयायी व्यक्तियों को भी इसे रखने की इजाजत रहेगी। इसके अलावा वृद्धावस्था, अपंगता व अन्य प्रकार की अस्वस्थता से लाठी रखने पर भी प्रतिबंध नहीं रहेगा।

यह भी पढ़ें : अल्‍मोड़ा सीट : आपदा पीडि़तों का पुनर्वास और विस्थापन बन रहा है बड़ा मुद्दा

यह भी पढ़ें : तिरस्कार को मदास श्रीनिवास ने बनाया हथियार, मजबूत इरादों से हासिल किया अर्जुन अवार्ड

chat bot
आपका साथी