डायबिटीज के मरीजों में हार्ट अटैक का खतरा अधिक, बरतें ये सावधानी nainital news
वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रमोद जोशी बताते हैं कि ऐसे मौसम में हार्ट अटैक का सबसे अधिक खतरा तो रहता ही है साथ ही डायबिटीज रोगियों को अधिक सतर्क रहने की जरूरत रहती है।
हल्द्वानी, जेएनएन : ठंड में लोगों की जीवनशैली और निष्क्रिय हो जाती है। यही कारण है कि हार्ट से संबंधित बीमारियां भी बढ़ जाती हैं। वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रमोद जोशी बताते हैं कि ऐसे मौसम में हार्ट अटैक का सबसे अधिक खतरा तो रहता ही है, साथ ही डायबिटीज रोगियों को अधिक सतर्क रहने की जरूरत रहती है। अगर समय रहते जागरूक हो गए तो बीमारी पर नियंत्रण पाया जा सकता है। डॉ. जोशी सेंट्रल हॉस्पिटल में कार्यरत हैं। वह रविवार को दैनिक जागरण कार्यालय में हैलो डॉक्टर के लिए उपस्थित थे। उन्होंने कुमाऊं भर के पाठकों को फोन पर हार्ट से संबंधित बीमारियों के कारण, लक्षण, बचाव, निदान व उपचार के बारे में परामर्श दिया।
ये है बीमारी का कारण
निष्क्रिय जीवनशैली
अधिक तनाव लेना
आनुवंशिक
एल्कोहल व धूमपान का प्रयोग
जंक फूड का अधिक सेवन
जानें बीमारी के लक्षण
छाती में अचानक तेज दर्द होना
सांस फूलने लगना
पसीना आना
उल्टी होना
चलने में हांफना
ये दर्द नहीं हार्ट का
लगातार छाती में दर्द होना
चुभन वाला दर्द होना
करवट बदलते समय दर्द होना
बीमारी का ऐसे होगा निदान व उपचार
डॉ. जोशी का कहना है कि हार्ट से संबंधित दिक्कत होने पर डॉक्टर परीक्षण करता है। इसके साथ ही ईसीजी, ईको, टीएमटी, ब्लड मार्कर, एंजियोग्राफी आदि से जांच की जाती है। इसके बाद ही स्टंट या बाइपास सर्जरी की सलाह दी जाती है। दवाइयां डॉक्टर के परामर्श के अनुसार ही लेनी चाहिए। खुद ही दवा बंद करना नुकसानदेह हो सकता है।
इन बातों का भी रखें ध्यान
शुगर के मरीजों में हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए शुगर के साथ ही कोलस्ट्रॉल को नियंत्रित करें। ब्लड प्रेशर 130 से 80 के बीच रहना चाहिए। कोलस्ट्रॉल में एलडीएल 100 एमजी से कम होना चाहिए और एचडीएल 40 एमजी से ऊपर।
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