हाई कोर्ट का निर्देश, एनआइटी प्रथम वर्ष के दाखिले श्रीनगर के अस्थायी कैंपस में ही किए जाएं

हाई कोर्ट ने श्रीनगर गढ़वाल के सुमाड़ी में बने एनआइटी के अस्थायी कैंपस में ही प्रथम वर्ष में दाखिले कराने के निर्देश राज्य व केंद्र सरकार को दिए हैं।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Wed, 08 May 2019 10:17 AM (IST) Updated:Wed, 08 May 2019 10:17 AM (IST)
हाई कोर्ट का निर्देश, एनआइटी प्रथम वर्ष के दाखिले श्रीनगर के अस्थायी कैंपस में ही किए जाएं
हाई कोर्ट का निर्देश, एनआइटी प्रथम वर्ष के दाखिले श्रीनगर के अस्थायी कैंपस में ही किए जाएं

नैनीताल, जेएनएन : हाई कोर्ट ने श्रीनगर गढ़वाल के सुमाड़ी में बने एनआइटी के अस्थायी कैंपस में ही प्रथम वर्ष में दाखिले कराने के निर्देश राज्य व केंद्र सरकार को दिए हैं। साथ ही केंद्र सरकार को अस्थायी कैंपस में छात्रों को सुविधाएं मुहैया कराने के लिए राज्य सरकार की मदद करने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने केंद्र को एनआइटी के लिए चयनित भूमि की जांच करने के बाद तीन माह में यह बताने को कहा है कि सुमाड़ी एनआइटी के लिए उपयुक्त है या नहीं। 

सोमवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश रंगनाथन व न्यायमूर्ति एनएस धानिक की खंडपीठ के समक्ष संस्थान के पूर्व छात्र जसबीर सिंह की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने कोर्ट से तीन माह का समय मांगा। साथ ही कहा कि चयनित भूमि की डीपीआर बनाई जा सके और साइट सेलेक्शन कमेटी भूमि की जांच कर यह पता लगा सके कि सुमाड़ी की भूमि एनआइटी के लिए उपयुक्त है या नहीं, इसकी जांच के लिए इतना समय जरूरी है। इसके बाद ही केंद्र सरकार इस मामले में अंतिम निर्णय लेगी। खंडपीठ ने मामले को सुनने के बाद अगली सुनवाई पहली जुलाई नियत की है। जनहित याचिका में कहा गया है कि स्थापना के नौ साल बाद भी एनआइटी को स्थायी कैंपस नहीं मिला। छात्र जर्जर बिल्डिंग में अध्ययन को मजबूर हैं। इस बिल्डिंग में कभी भी हादसा हो सकता है। पूर्व में खंडपीठ ने सरकार को स्थायी कैंपस निर्माण के लिए मैदान अथवा पहाड़ में चार स्थान चिह्निïत करने के निर्देश दिए थे। 

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