काठगोदाम रेलवे स्टेशन पर दिखेगी शहीदों की शौर्य गाथा, स्‍टेशन पर बनने वाला होगा देश का पहला वॉर मेमोरियल

उत्तराखंड अपनी प्राकृतिक सुंदरता के साथ ही सरहद पर डटकर दुश्मनों से मुकाबला करने और शहादत देने वाले जवानों की वीरता के लिए भी प्रसिद्ध है।

By Skand ShuklaEdited By: Publish:Sun, 23 Feb 2020 08:44 AM (IST) Updated:Sun, 23 Feb 2020 08:44 AM (IST)
काठगोदाम रेलवे स्टेशन पर दिखेगी शहीदों की शौर्य गाथा, स्‍टेशन पर बनने वाला होगा देश का पहला वॉर मेमोरियल
काठगोदाम रेलवे स्टेशन पर दिखेगी शहीदों की शौर्य गाथा, स्‍टेशन पर बनने वाला होगा देश का पहला वॉर मेमोरियल

हल्द्वानी, अविनाश श्रीवास्तव : उत्तराखंड अपनी प्राकृतिक सुंदरता के साथ ही सरहद पर डटकर दुश्मनों से मुकाबला करने और शहादत देने वाले जवानों की वीरता के लिए भी प्रसिद्ध है। काठगोदाम रेलवे स्टेशन अब प्रदेश के इन्हीं वीर पुरुषों की शौर्य गाथा से लोगों का परिचय करवाने की तैयारी में है। काठगोदाम रेलवे स्टेशन पर वॉर मेमोरियल बनाया जा रहा है। यह वार मेमोरियल देश का पहला वार मेमोरियल होगा, जो रेलवे स्टेशन पर बन रहा है। इससे पहले देश के किसी रेलवे स्टेशन पर वॉर मेमोरियल की स्थापना नहीं की गई है। इसके अंतर्गत स्टेशन परिसर में प्रदेश के चार अशोक चक्र विजेताओं की शौर्य गाथा के साथ ही करीब 350 शहीदों की वीरता को भी स्थान दिया जाएगा। मार्च अंत तक कार्य पूरा होने की उम्मीद की जा रही है।

इन अशोक चक्र विजेताओं की तस्वीर लगेगी

गजेंद्र सिंह बिष्ट (1972-28 नवंबर 2008)

एनएसजी कमांडो और हवलदार (सार्जेंट) थे। 2008 के मुंबई आतंकवादी हमले के दौरान वह शहीद हुए थे। गणतंत्र दिवस 26 जनवरी 2009 को भारत के राष्ट्रपति की ओर से मरणोपरांत अशोक चक्र के साथ उनकी बहादुरी का सम्मान किया गया।

हवलदार बहादुर सिंह बोहरा

10 पैरा में तैनात थे। 26 सितंबर 2008 को जम्मू-कश्मीर के गांदरबल जिले में आतंकियों से लोहा लेते हुए वह शहीद हो गए थे। शहादत से पहले अपने नाम के मुताबिक उन्होंने बहादुरी से पांच आतंकियों को मारा था। उनकी इसी जांबाजी के लिए उन्हें 26 जनवरी 2009 को मरणोपरांत अशोक चक्र से सम्मानित किया गया।

लांस नायक मोहन नाथ गोस्वामी

को बहादुरी के लिए अशोक चक्र से नवाजा गया था। गोस्वामी उस टीम का हिस्सा थे, जिसने कश्मीर घाटी में 11 दिनों में लश्कर के 10 आतंकियों को मारा था। अपने दो साथियों की जान बचाने के दौरान गोस्वामी शहीद हो गए थे। उनकी बहादुरी व बलिदान को देखते हुए उन्हें 26 जनवरी 2016 को मरणोपरांत अशोक चक्र से सम्मानित किया था।

मातवर सिंह नेगी

13 दिसंबर 2001 को पार्लियामेंट हाउस पर हुए हमले के दौरान आतंकियों से मोर्चा लेते हुए शहादत दी थी। उन्होंने न सिर्फ आतंकियों को हाउस परिसर के अंदर घुसने से रोका, बल्कि देश की रक्षा में अपने प्राण भी न्यौछावर कर दिए थे। गणतंत्र दिवस 26 जनवरी 2002 को भारत के राष्ट्रपति द्वारा मरणोपरांत अशोक चक्र से उनकी बहादुरी का सम्मान किया गया।

गार्डन में लगेगी भगवान बुद्ध की प्रतिमा

काठगोदाम रेलवे स्टेशन पर अधिकारियों के लिए स्थित गेस्ट हाउस के गार्डन में भगवान बुद्ध की प्रतिमा स्थापित की जाएगी। साथ ही प्रतिमा के चारों तरफ सुंदर फूलों के पौधों से फुलवारी बनाई जाएगी।

ये होगी कार्यदायी संस्था

स्टेशन पर बनने वाले वॉर मेमोरियल का काम निर्वाना ग्रींस लैंडस्केप आर्कीटेक्टस की ओर से किया जा रहा है। कंपनी के निदेशक रजत खंडेवाल ने बताया कि कंपनी ने मंडल मुख्यालय पर सेल्फी प्वाइंट के साथ ही देश के तमाम रेलवे स्टेशनों लखनऊ, मैसूर, कोलकाता आदि पर काम किया है। साथ ही देश के कई आर्मी संस्थानों में भी यह संस्था बड़े प्रोजेक्ट पूरे कर चुकी है।

मार्च तक पूरा हो जाएगा काम

राजेंद्र सिंह, पीआरओ इज्जतनगर मंडल ने बताया कि कार्यदायी कंपनी की ओर से स्टेशन पर कार्य किया जा रहा है। वॉर मेमोरियल के लिए आर्मी से शहीद जवानों की सूची मांगी गई थी, जो प्राप्त हो गई है। अगले महीने मार्च तक यह काम पूरा कर लिया जाएगा।

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