राज्य आंदोलनकारी एवं कांग्रेस नेता जेपी पांडे की सड़क हादसे में मौत

सड़क हादसे में राज्य आंदोलनकारी जेपी पांडे की मौत हो गई। हादसा तब हुआ जब वह अपने मित्र और राज्यसभा सांसद प्रतिनिधि अरविंद शर्मा के भाई की शादी में शिरकत करने जा रहे थे।

By BhanuEdited By: Publish:Mon, 11 Nov 2019 10:35 AM (IST) Updated:Mon, 11 Nov 2019 09:06 PM (IST)
राज्य आंदोलनकारी एवं कांग्रेस नेता जेपी पांडे की सड़क हादसे में मौत
राज्य आंदोलनकारी एवं कांग्रेस नेता जेपी पांडे की सड़क हादसे में मौत

हरिद्वार, जेएनएन। राज्य आंदोलनकारी व कांग्रेस के प्रदेश सचिव जेपी पांडे की रविवार रात सड़क हादसे में मौत हो गई। वे स्कूटी पर एक शादी समारोह में शिरकत करने रानीपुर झाल स्थित बैंक्वेट हॉल जा रहे थे। ज्वालापुर में हाईवे पर एक चिकित्सक की कार ने उन्हें टक्कर मार दी। अस्पताल पहुंचाने पर डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। उधर, पुलिस ने टक्कर मारने वाले चिकित्सक को गिरफ्तार कर लिया है। 

रविवार को जेपी पांडे हाईवे पर रानीपुर झाल के पास स्थित एक शादी समारोह में भाग लेने के लिए स्कूटी से जा रहे थे। ज्वालापुर पहुंचने पर उन्होंने अपनी परिचित रश्मि चमोली व उनकी बेटी को स्कूटी पर बैठाया। थोड़ी दूर चलने पर सामने से आ रही एक कार ने उन्हें टक्कर मार दी, जिससे जेपी पांडे, रश्मि चमोली व उनकी बेटी घायल हो गए। सूचना पर पहुंची पुलिस तीनों को भूमानंद अस्पताल लेकर गई, जहां डॉक्टरों ने जेपी पांडे (63) को मृत घोषित कर दिया। जबकि रश्मि चमोली और उनकी बेटी को हल्की चोटें आई हैं।

पुलिस के अनुसार हिसार हरियाणा निवासी डॉ. सनी की कार से जेपी पांडे की स्कूटी को टक्कर लगी है। पुलिस ने डॉ. सनी को हिरासत में ले लिया। ज्वालापुर कोतवाल योगेश ङ्क्षसह देव ने बताया कि जेपी पांडे के बेटे दुर्गेश पांडे की तहरीर पर टक्कर मारने वाले चिकित्सक डॉ. सनी पुत्र दारा सिंह निवासी ग्राम राजपुरा, थाना नारनौंद, जिला हिसार हरियाणा को गिरफ्तार कर लिया है।

गमगीन माहौल में अंतिम संस्कार

राज्य आंदोलनकारी जेपी पांडे के निधन पर राज्य आंदोलनकारियों और कांग्रेस में शोक की लहर दौड़ गई। कनखल श्मशान घाट पर जेपी पांडे का अंतिम संस्कार किया। उनके बेटे दुर्गेश पांडे ने चिता को मुखाग्नि दी। कनखल श्मशान घाट पर जेपी पांडे का अंतिम संस्कार किया गया। भाजपा-कांग्रेस के नेताओं, राज्य आंदोलनकारियों, भेलकर्मियों व बड़ी संख्या में अन्य लोगों ने श्मशान घाट पहुंचकर जेपी पांडे को श्रद्धांजलि दी।

अंतिम संस्कार में सिटी मजिस्ट्रेट जगदीश लाल, एसपी सिटी कमलेश उपाध्याय, पूर्व कैबिनेट मंत्री दिवाकर भट्ट, पूर्व पालिकाध्यक्ष सतपाल ब्रह्मचारी, प्रदीप चौधरी, ओमप्रकाश जमदग्नि, अशोक शर्मा, पुरुषोत्तम शर्मा, राजेश शर्मा, दिनेश लखेड़ा, स्वामी ऋषिश्वरानंद, रत्नमणि डोभाल, दिनेश जोशी, प्रकाश भट्ट, एसपी चमोली, विभास मिश्रा, राजेश रस्तौगी, अनिल भास्कर, मकबूल कुरैशी, महेश गौड़, विकास तिवारी, शमशेर खान, उत्तराखंडी, अंशुल श्रीकुंज, जगत रावत, राकेश नौडियाल, चौधरी अफजल अल्वी, दीपक उप्रेती आदि शामिल हुए।

खामोश हो गई दबे-कुचलों और मजलूमों की आवाज 

भेल से रिटायर्ड जेपी पांडे ने उत्तराखंड राज्य आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई। आंदोलन के दौरान जेपी पांडे जेल भी गए। उन्होंने अपना पूरा जीवन समाज के निम्न वर्ग के हक की लड़ाई में बिताया। रात में हादसा होने से पहले दिन में भी उन्होंने डेंगू के मसले पर विरोध प्रदर्शन कर सिटी मजिस्ट्रेट को ज्ञापन दिया। पांडे ने झुग्गी बस्तीवासियों के लिए संघर्ष किया। 

महाराष्ट्र के राज्यपाल ने भी दुख जताया 

महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने भी जेपी पांडे के निधन पर गहरा दुख जताया। परिजनों को भेजे संदेश में कहा है कि जेपी पांडे हमेशा गरीबों की आवाज उठाते रहे हैं। 

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बिना सम्मान कांग्रेस के गुमनाम सिपाही रहे पांडे

राज्य आंदोलन और शहर में जनसरोकार के मुद्दों की लड़ाई लडऩे वाले जेपी पांडे को कांग्रेस में वह सम्मान नहीं मिल सका, जिसके वह हकदार थे। प्रदेश में जब-जब कांग्रेस की सरकार रही, हरिद्वार के तमाम नेताओं को लाल बत्ती व दर्जाधारी के पद से नवाजा गया, लेकिन पांडे को माकूल सम्मान नहीं मिला। इसके बावजूद जेपी पांडे ने कभी किसी दूसरी पार्टी का रुख नहीं किया। बिना सम्मान, कांग्रेस के गुमनाम सिपाही की तरह वह हमेशा संघर्ष करते रहे। उनके निधन की खबर से परिजन व निकटतम संबंधियों के अलावा संघर्ष के दिनों में उनके साथ रहने वाले कार्यकर्ता और झुग्गी झोपड़ी वासी व्यथित हो उठे। मगर देहरादून से कांग्रेस के किसी बड़े नेता ने पांडे के अंतिम संस्कार में शामिल होने की जहमत नहीं उठाई। जबकि कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम ङ्क्षसह सोमवार को रुड़की में मौजूद रहे। इस बात को लेकर कार्यकर्ता असहज व नाराज भी दिखे।

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