एमडी के फरमान से रोडवेज में हड़कंप

जागरण संवाददाता, रुड़की: बसों के संचालन के लिए निगम में भर्ती हुए चालक-परिचालक अब दफ्तरों में बैठकर द

By JagranEdited By: Publish:Thu, 30 Mar 2017 01:01 AM (IST) Updated:Thu, 30 Mar 2017 01:01 AM (IST)
एमडी के फरमान से रोडवेज में हड़कंप
एमडी के फरमान से रोडवेज में हड़कंप

जागरण संवाददाता, रुड़की: बसों के संचालन के लिए निगम में भर्ती हुए चालक-परिचालक अब दफ्तरों में बैठकर दूसरे काम नहीं करेंगे। महिला हो या पुरुष सभी को एक अप्रैल से रूट पर जाना होगा। रुड़की डिपो में करीब 13 कर्मचारी ऐसे हैं, जोकि दफ्तरों में ड्यूटी बजा रहे हैं। प्रबंध निदेशक का फरमान आने के साथ ही निगम में हड़कंप मचा हुआ है।

परिवहन निगम की वित्तीय स्थिति किसी से छिपी नहीं है। परिवहन निगम का घाटा लगातार बढ़ता ही जा रहा है। इतना ही नहीं चालक-परिचालक की कमी की वजह से अक्सर बस अड्डे पर बसें खड़ी हो जा रही हैं। अधिकांश बसों का संचालन संविदा एवं एजेंसी के माध्यम से सेवा देने वाले चालक-परिचालक ही कर रहे हैं। वहीं, नियमित चालक-परिचालकों से दफ्तर में बैठाकर काम लिया जा रहा है। अकेले रुड़की डिपो में ऐसे कर्मचारियों की संख्या 13 है। दो दिन पूर्व परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक बीके संत ने निर्देश जारी किए कि एक अप्रैल से चालक-परिचालक अपने पद के अनुरूप ही काम करेंगे। कोई भी सहायक महाप्रबंधक उन्हें दफ्तर में बैठाकर दूसरी ड्यूटी नहीं लेगा। इतना ही नहीं जो महिला परिचालक मृतकाश्रित कोटे से भर्ती हुई है, उनको भी रूट पर जाना पड़ेगा। प्रबंध निदेशक बीके संत ने बताया कि एक अप्रैल को सभी डिपो की रिपोर्ट ली जाएगी। जिस डिपो में निर्देशों का पालन नहीं हुआ तो वहां के सहायक महाप्रबंधक के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

बस चलाने का नंबर आया तो पकड़ी खटिया

रुड़की डिपो में तैनात एक चालक ने कांग्रेस शासनकाल में पूरे पांच साल तक एक भी दिन बस नहीं चलाई। यहां तक कि अधिकारी भी उसको बस चलाने के लिए राजी नहीं कर पाए। इसके बाद उसकी ड्यूटी चेकपोस्ट पर लगा दी गई। अब एमडी का फरमान आया तो उक्त चालक ने खटिया पकड़ ली। इसी तरह से कई चालक-परिचालक बसों के संचालन के बजाय दूसरे काम ही कर रहे हैं।

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