उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय में मिश्रा की खास चौकड़ी पर शिकंजा

सतर्कता विभाग ने ऐसे 15 लोगों को चिह्नित किया है, मिश्रा का साथ दे रहे थे। इनकी गड़बड़ी में कितनी भूमिका थी, जांच के बाद ही इस बात की पुष्टि हो सकेगी।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Sat, 08 Dec 2018 04:20 PM (IST) Updated:Sat, 08 Dec 2018 04:20 PM (IST)
उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय में मिश्रा की खास चौकड़ी पर शिकंजा
उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय में मिश्रा की खास चौकड़ी पर शिकंजा

देहरादून, जेएनएन। उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के निलंबित कुलसचिव मिश्रा की खास चौकड़ी में शामिल कर्मचारियों पर भी जांच की आंच आ गई है। सतर्कता विभाग ने ऐसे 15 लोगों को चिह्नित किया है, मिश्रा का साथ दे रहे थे। इनकी गड़बड़ी में कितनी भूमिका थी, जांच के बाद ही इस बात की पुष्टि हो सकेगी। इस मामले में विवि से मिलने वाले दस्तावेजों का इंतजार है। 

आयुर्वेद विश्वविद्यालय में करोड़ों रुपये के टेंडर कई सालों से सिर्फ अमेजन ऑटोमेशन और क्रिएटिव व‌र्ल्ड सोल्यूशन को दिए जा रहे थे। टेंडर प्रक्रिया से लेकर फर्म चयन की लंबी प्रक्रिया होती है। इस प्रक्रिया में कितने लोग शामिल रहे, यह जग जाहिर है। आरोपित मृत्युंजय मिश्रा इन फर्म के नाम जारी करने वाले आदेश, चेक, फर्म पर निर्णय लेने आदि में अन्य का भी सहयोग ले रहा था। इस काम में मिश्रा ने खास लोगों को शामिल किया होगा। ताकि गड़बड़ी का पता न चले। 

इस गड़बड़ी में वह कौन लोग रहे, जो मिश्रा के लिए खुला काम करते थे या फिर मजबूरी में। सतर्कता सूत्रों का कहना है कि मिश्रा ने कई लोगों को धमकी देकर भी काम कराया। जिसमें मिश्रा का सीधा कहना था कि काम करो, वरना हटा दिए जाओगे। कुल सचिव के इन आदेशों के कारण ही कुछ लोग गड़बड़ी में शामिल हुए होंगे। जबकि कुछ ऐसे भी थे कि जो इस धंधे में छोटी रकम देकर मैनेज होते होंगे। इन सब को सतर्कता विभाग ने अपनी जांच में शामिल किया है। 

इसके लिए विवि से गड़बड़ी से जुड़ी पत्रावलियां का इंतजार किया जा रहा है। पत्रावली में जो भी शामिल होगा, उसकी भूमिका की सतर्कता की टीम जांच करेगी। इस बात को लेकर भी अफवाह कम नहीं कि दोनों फर्म की मालिक शिल्पा त्यागी और नूतन रावत को विवि को हर कोई संदिग्ध निगाहों से देखता था। इनका दखल सीधे मिश्रा के दफ्तर तक था। ऐसे में इनको आवंटित होने वाले काम का विरोध क्यों नहीं हुआ, इस सवाल के जवाब को सतर्कता की टीम विवि के कर्मचारियों से पूछताछ करेगी। ताकि पूरे प्रकरण की सच्चाई सामने आ सके। 

पूर्व कुलपति भी थे राजदार आयुर्वेद विवि में पूर्व कुलपति एसपी मिश्रा और मृत्युंजय मिश्रा के कभी अच्छे संबंध थे। मगर, अचानक ऐसा क्या हो गया कि दोनों के बीच दीवार खड़ी हो गई। एक-दूसरे के दुश्मन बनने के बाद मिश्रा ने पूर्व कुलपति के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। सतर्कता विभाग को अंदेशा है कि कहीं पूर्व कुलपति मृत्युंजय के राजदार तो नहीं थे। इसके लिए एसपी मिश्रा से भी सतर्कता की टीम संपर्क कर सकती है।

 नूतन के खिलाफ लुक आउट नोटिस की तैयारी

उत्तराखंड आयुर्वेद विवि के निलंबित कुलसचिव की करीबी रही नूतन रावत के खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी होगा। नूतन के सामने न आने पर सोमवार तक सतर्कता विभाग नोटिस जारी कर देगा। इसके अलावा नूतन के रिश्तेदारों से भी इस मामले में पूछताछ की जा सकती है। ताकि पूरे प्रकरण की सच्चाई सामने आ सके। सतर्कता को अंदेशा है कि नूतन और मिश्रा ने बड़े घपले को अंजाम दिया है। इसी वजह से वह फरार चल रही हैं। मूल रूप से पौड़ी की रहने वाली नूतन रावत नेहरू कॉलोनी में क्रिएटिव व‌र्ल्ड सोलेशन फर्म का संचालन करती है। 

नूतन ने लाखों रुपये के सीसीटीवी कैमरों से लेकर कंप्यूटर की आपूर्ति विवि को की है। नूतन की फर्म को विवि से से रकम जारी होने के अलावा हर्रावाला स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा के बैंक एकाउंट से लाखों की रकम ट्रांसफर करने के प्रमाण सतर्कता को मिले हैं। मृत्युंजय मिश्रा की गिरफ्तारी के बाद से नूतन की फर्म का दफ्तर और नेहरू कॉलोनी स्थित घर में ताला लगा हुआ है। नूतन के सभी नंबर भी बंद चल रहे हैं। नूतन के सामने न आने पर सतर्कता विभाग ने लुक आउट नोटिस जारी करने की तैयारी कर दी है। एसएसपी सेंथिल अबुदई कृष्णराज का कहना है कि नूतन की तलाशी के प्रयास किए जा रहे हैं। अगले सप्ताह तक यदि नूतन सामने नहीं आई तो लुक आउट नोटिस जारी किया जाएगा। ताकि नूतन बिना अनुमति के देश से बाहर न जा सके।

इसके अलावा नूतन के पासपोर्ट, पैन कार्ड, आधार आदि की जानकारी जुटाई जा रही है। शिल्पा सरकारी गवाह बनने को तैयार मिश्रा की गिरफ्तारी के बाद से शिल्पा सतर्कता विभाग को जांच में पूरा सहयोग का भरोसा दे रही है। शिल्पा त्यागी का कहना है कि उसको फंसाया गया है। बैंक एकाउंट से लेकर दूसरे मामले में उसने विरोध किया। अपने हस्ताक्षर भी फर्जी बता रही है। 

हालांकि सतर्कता के अधिकारियों का कहना है कि बिना मिलीभगत के यह काम नहीं हो सकता है। सूत्रों का कहना है कि शिल्पा इसी रणनीति से सरकारी गवाह बनने की फिराक में है। हालांकि अधिकारियों का कहना है कि शिल्पा के खिलाफ उनके पास पुख्ता सबूत हैं। ऐसे में सरकारी गवाह बनाने का सवाल ही नहीं उठता।

 मिश्रा की पत्नी श्वेता से पूछताछ नहीं कर पाई टीम

निलंबित कुलसचिव मृत्युंजय मिश्रा की पत्नी भी सतर्कता की जांच टीम से दूरी बनाने लगी हैं। शुक्रवार को पूछताछ करने गई सतर्कता की टीम को श्वेता न तो घर पर मिली और न ही उसके बारे में कोई जानकारी। अब जांच अधिकारी शनिवार को दोबारा मिश्रा के घर जाएंगे। भ्रष्टाचार के आरोप में निलंबित कुलपति मिश्रा को जेल भेजने के बाद सतर्कता सबूत जुटाने के साथ मुकदमे में अन्य आरोपियों से भी पूछताछ कर रही है। इसके लिए शुक्रवार को सतर्कता के जांच अधिकारी इंस्पेक्टर प्रदीप पंत मिश्रा के मोहिनी रोड स्थित घर पहुंचे। जहां श्वेता मिश्रा के बारे में पूछा तो घर में मौजूद ससुर और नौकर ने जानकारी होने से इन्कार कर दिया। 

ससुर ने कहा कि बहू बिना बताए गई है। वहीं नौकर का जवाब था कि मेम साहब बताकर नहीं जाती, कहां गई इसकी जानकारी नहीं है। काफी देर तक इंतजार करने के बाद जांच अधिकारी यह कहकर लौट आए कि दोबारा आएंगे। इधर, इस मामले में सतर्कता विभाग ने एक दिन पहले भी पूछताछ की बात श्वेता मिश्रा से कही थी। बावजूद इसके श्वेता के अचानक घर से चले जाने को लेकर कई अर्थ लगाए जा रहे हैं। हालांकि, सतर्कता टीम का कहना है कि जल्द श्वेता के बयान दर्ज कर लिए जाएंगे।

शिल्पा और नूतन के बारे में श्वेता खोलेगी राज सतर्कता विभाग श्वेता से पूछताछ के दौरान शिल्पा और नूतन के बारे में भी जानकारी लेगा। मृत्युंजय मिश्रा से उनकी करीबी कब से है, इस पर भी सवाल पूछे जाएंगे। श्वेता और नाबलिग बेटे के बैंक खातों में पैसा कहां से आया, मिश्रा ने ट्रांसफर रकम को लेकर क्या जानकारी दी, जैसे कई सवाल श्वेता से पूछने की तैयारी है। श्वेता के जवाबों के बाद उसकी पूरे प्रकरण में भूमिका तय होगी।

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