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सतर्कता विभाग ने आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय में तीन घटे खंगाले दस्तावेज

सतर्कता विभाग की टीमों ने आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय में तीन घंटे तक मिश्रा के कार्यकाल के दस्तावेज खंगाले गए।

By Edited By: Published: Thu, 06 Dec 2018 03:00 AM (IST)Updated: Thu, 06 Dec 2018 11:25 AM (IST)
सतर्कता विभाग ने आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय में तीन घटे खंगाले दस्तावेज
सतर्कता विभाग ने आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय में तीन घटे खंगाले दस्तावेज

देहरादून, जेएनएन। शासन-सत्ता के करीब रहकर फर्श से अर्श तक का सफर करने वाले मृत्युंजय मिश्रा की जड़ें खगालने को सतर्कता विभाग ने पांच अलग-अलग टीमें गठित की हैं। इन टीमों को अलग-अलग टास्क सौंपे गए हैं। इन्हीं में से एक टीम बुधवार को आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय पहुंची, जहां तीन घंटे तक मिश्रा के कार्यकाल के दस्तावेज खंगाले गए। विजिलेंस ने इसमें से कुछ पत्रावलियां अपने कब्जे में भी ले ली हैं। उधर, शिल्पा त्यागी से दूसरी टीम ने कई घंटे तक पूछताछ की, जिसमें मिश्रा से जुड़े कई और राज सामने आए हैं। मगर सतर्कता टीमें अभी उनका खुलासा करने से बच रही है। उत्तराखंड आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय के निलंबित कुलसचिव डा. मृत्युंजय मिश्रा के असल राज शिल्पा और नूतन से पूछताछ में खुलने की उम्मीद है। 

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अमेजन ऑटोमेशन की कर्ता-धर्ता शिल्पा त्यागी को उसके घर से बुलाकर सतर्कता विभाग के दफ्तर में लंबी पूछताछ की गई। जबकि नूतन फरार बताई जा रही है। नूतन के नेहरू कॉलोनी स्थित घर और क्रिएटिव इलेक्ट्रानिक के दफ्तर पर बुधवार को ताला लटका मिला। सतर्कता टीमें अब नूतन की तलाश में जुट गई हैं। नूतन मूल रूप से पौड़ी की रहने वाली हैं। नेहरू कॉलोनी के पास वह क्रिएटिव इलेक्ट्रॉनिक्स नामक फर्म का संचालन करती हैं। एसपी सतर्कता प्रमोद कुमार का कहना है कि मिश्रा से जुड़ी फर्मो की असलियत, बैंक खातों से लाखों रुपये का ट्रांजेक्शन और मिश्रा के करीबियों के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। उधर, भ्रष्टाचार और जालसाजी में गिरफ्तार मृत्युंजय मिश्रा के साथ पत्‍‌नी श्वेता मिश्रा को भी राडार पर लिया है। 

उससे भी पूछताछ के लिए सवालों की फेहरिस्त तैयार की जा रही है। जेल में सिर्फ वकील ही मिलने पहुंचे रसूखदार पदों पर रहने के दौरान मातहतों से घिरे रहने वाले मृत्युंजय मिश्रा ने मंगलवार को पेशी के समय मुस्कुराते चेहरे से यह दिखाने की कोशिश की, जैसे कुछ हुआ ही न हो। मगर जब उसे देर शाम जेल में दाखिल कर दिया गया, तब उसके चेहरे पर मायूसी छाने लगी। 

मंगलवार की मुलाहिजा बैरक में रहने के बाद मिश्रा को सुद्धोवाला जिला कारागार के बैरक नंबर छह में आम विचाराधीन कैदियों के बीच शिफ्ट कर दिया गया। सुबह उसने सभी प्रमुख अखबारों में खुद के संबंध में प्रकाशित खबरों को गौर से पढ़ा। दिन में मिश्रा के अधिवक्ता ने जेल में उससे मुलाकात की। मिश्रा की कृपा पाने वाले भी रडार पर आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय से लेकर दिल्ली तक महत्वपूर्ण पदो पर आसीन रहते हुए मिश्रा पर कई लोगो को अनुचित तरीके से लाभ पहुंचाने का भी आरोप है।

सतर्कता सूत्रों का मानना है कि इन लोगों पर मिश्रा की कृपा मुफ्त में तो बरसी नहीं होगी। चाहे उसने चरणवंदना कराई हो या फिर मोटी रकम का चढ़ावा लिया हो। यह भी हो सकता है कि नेताओं-अफसरों के नजदीकियों को लाभ पहुंचाकर अपने नंबर बढ़ाए हों। अब तक कई ऐसे नाम सामने आ चुके हैं, सतर्कता इन सभी से पूछताछ की रणनीति बना रही है, ताकि मिश्रा के छोटे से छोटे काले कारनामे को चार्जशीट का हिस्सा बनाया जा सके।

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