Chardham Yatra: उत्तराखंड में लगातार बदल रहा मौसम, चारधाम यात्रा के सुचारू संचालन की चुनौती

लगातार बदलता मौसम चारधाम यात्रा की तैयारियों के सामने बड़ी चुनौती बन गया है। अभी आलम यह है कि केदारनाथ का पैदल मार्ग बर्फबारी के चलते साफ नहीं हो पाया है।

By Raksha PanthariEdited By: Publish:Sun, 15 Mar 2020 02:05 PM (IST) Updated:Sun, 15 Mar 2020 02:05 PM (IST)
Chardham Yatra: उत्तराखंड में लगातार बदल रहा मौसम, चारधाम यात्रा के सुचारू संचालन की चुनौती
Chardham Yatra: उत्तराखंड में लगातार बदल रहा मौसम, चारधाम यात्रा के सुचारू संचालन की चुनौती

देहरादून, राज्य ब्यूरो। प्रदेश में इस वर्ष लगातार बदलता मौसम चारधाम यात्रा की तैयारियों के सामने बड़ी चुनौती बन गया है। अभी आलम यह है कि केदारनाथ का पैदल मार्ग बर्फबारी के चलते साफ नहीं हो पाया है। बदरीनाथ मार्ग पर अभी हिमखंड जमा है। गंगोत्री में बर्फ जमी हुई है, तो यमुनोत्री मार्ग पर डाबरकोट में एक नया स्लाइडिंग जोन बन गया है, जिसके उपचार का अभी तक तरीका स्थानीय प्रशासन को नहीं मिल पाया है। 

प्रदेश में इस वर्ष 25 अप्रैल से चारधाम यात्रा शुरू हो रही है। सबसे पहले 26 अप्रैल को यमुनोत्री व गंगोत्री के कपाट खुल रहे हैं। इसके बाद 29 अप्रैल को केदारनाथ और 30 अप्रैल को बदरीनाथ धाम के कपाट खुलेंगे। यानी यात्रा शुरू होने में अब केवल एक माह का समय ही शेष रह गया है। यात्रा मार्ग पर नजर डालें तो इस समय चारधाम ऑल वेदर रोड का कार्य जोरों पर है। जगह-जगह पहाड़ों को काटा जा रहा है। इससे मार्ग बाधित हैं तो वहीं लगातार हो रही बरसात के कारण कई जगह भूस्खलन हो रहा है। सरकार के सामने सबसे पहली चुनौती इन मार्गों को व्यवस्थित करने की है। अब बात करते हैं चारों धामों की। 

केदारनाथ धाम की बात करें तो कुछ समय पहले ही केदारनाथ पैदल मार्ग पर गौरीकुंड से लेकर केदारनाथ तक बीस फीट बर्फ के बीच में से रास्ता साफ किया गया था। हालिया बर्फबारी से फिर यह रास्ता बंद हो गया है। प्रशासन मजदूरों को नीचे बुला चुका है। जिस तरह से मौसम का मिजाज बना हुआ है उसे देखते हुए इस मार्ग को तय समय पर खोलने में खासी दिक्कत हो सकती है। इसके अलावा केदारनाथ के पुनर्निर्माण के कार्य भी बाधित हो रखे हैं। बदरीनाथ धाम में भी इस वर्ष खासी बर्फबारी हुई है। जोशीमठ से आगे सड़क मार्ग पर अभी हिमखंड जमे हुए हैं। 

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अगर मौसम ऐसे ही रहा तो इसे साफ करने में भी काफी दिक्कतें आनी तय हैं। गंगोत्री मार्ग भी चौड़ीकरण के चलते जगह-जगह खराब है, जिसे समय से दुरुस्त करना आसान नहीं होगी। अब बात करें यमुनोत्री की तो हालिया बर्फबारी से धाम के आसपास खासे नुकसान की आशंका जताई जा रही है। यमुनोत्री मार्ग पर बड़कोट  के निकट स्लाइडिंग जोन बना गया है। जहां लगातार भूस्खलन हो रहा है। जिसका ट्रीटमेंट करने के प्रयास अभी तक कारगर साबित नहीं हो पाए हैं। इन परिस्थितियों में चारधाम यात्रा को सुचारू संचालित करना सरकार और प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती बना हुआ है। 

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