Coronavirus: छात्र बोले, परीक्षा से नहीं कोरोना से डर लगता है सर
कोरोना के कहर के बीच उत्तराखंड बोर्ड की परीक्षाएं अभी भी जारी हैं। जिससे बोर्ड से पढ़ाई कर रहे 10वीं-12वीं के बच्चे और उनके अभिभावक सहमे हुए हैं।
देहरादून, जेएनएन। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जहां जनता कर्फ्यू और सामाजिक दूरी बनाने की अपील कर रहे हैं। वहीं, उत्तराखंड बोर्ड की परीक्षाएं अभी भी जारी हैं। जिससे बोर्ड से पढ़ाई कर रहे 10वीं-12वीं के बच्चे और उनके अभिभावक सहमे हुए हैं। वजह साफ है कि परीक्षा छोड़ नहीं सकते, क्योंकि ऐसा करने से पूरा साल खराब हो जाएगा। ..और इन हालात में घर से बाहर निकलना खतरे से खाली भी नहीं है।
उत्तराखंड बोर्ड की परीक्षाएं इस बार दो मार्च से शुरू हुई थीं। परीक्षाएं 25 मार्च को समाप्त भी होने जा रही हैं। लेकिन, फिलहाल देश में कोरोना का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। प्रदेश में भी कोरोना संक्रमित तीन मरीज सामने आ चुके हैं। कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए स्कूल-कॉलेज बंद होने के बाद सीबीएसई, आइसीएसई और एनआइओएस ने जहां अपनी बोर्ड परीक्षाएं 31 मार्च तक स्थगित कर दी हैं। लेकिन, उत्तराखंड बोर्ड ने अभी तक ऐसा कोई फैसला नहीं लिया है। जिससे उत्तराखंड बोर्ड के छात्र-छात्राएं खौफ के साये में परीक्षा देने को मजबूर हैं।
इससे शिक्षक भी नाराज हैं। राजकीय शिक्षक संगठन के प्रदेश महामंत्री डॉ. सोहन सिंह माझिला का कहना है कि शिक्षा विभाग का रवैया कभी भी शिक्षकों और छात्रों के प्रति सकारात्मक नहीं होता। जब खुद प्रधानमंत्री जनता कर्फ्यू और सामाजिक दूरी बनाने की अपील कर चुके हैं तो उत्तराखंड बोर्ड अपनी परीक्षाएं स्थगित क्यों नहीं कर रहा। हजारों छात्र-छात्राओं और शिक्षकों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।
राजकीय शिक्षक संगठन के पूर्व अध्यक्ष राम सिंह चौहान भी उत्तराखंड बोर्ड परीक्षाओं के विरोध में हैं। उन्होंने कहा कि इस संवेदनशील विषय पर विभाग और सरकार संवेदनहीन नजर आ रहे हैं। सीबीएसई और आइसीएसई अपनी परीक्षाएं स्थगित कर सकते हैं तो उत्तराखंड बोर्ड क्यों नहीं? सोशल मीडिया पर भी लगातार उत्तराखंड बोर्ड परीक्षाएं स्थगित किए जाने की माग की जा रही है।
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परीक्षा केंद्र के गेट पर बाटा जा रहा सेनिटाइजर
शुक्रवार को गाधी इंटर कॉलेज, जीजीआइसी राजपुर रोड, लक्खीबाग इंटर कॉलेज समेत कई कॉलेजों ने उत्तराखंड बोर्ड की परीक्षा देने पहुंचे छात्र-छात्राओं को गेट पर सेनिटाइजर बाटने की फोटो सोशल मीडिया पर शेयर की। हालाकि, कई स्कूलों से परीक्षा देकर बाहर निकले छात्रों का यह भी कहना था कि केंद्र पर सेनिटाइजर की कोई व्यवस्था नहीं थी। कुछ स्कूलों में तो सिर्फ पानी से ही हाथ धुलाकर काम चलाया जा रहा है।