उत्तराखंड में बिना कारण नहीं हटाए जाएंगे उपनल कर्मी, शासन ने जारी किए आदेश

विभिन्न विभागों में तैनात उपनल कर्मी अब बिना कारण विभागों से नहीं हटाए जाएंगे। जिन विभागों ने उपनल कर्मियों को बिना कारण पहले हटाया था वे भी एक माह के भीतर इन्हें वापस रखेंगे।

By Edited By: Publish:Mon, 10 Aug 2020 09:30 PM (IST) Updated:Tue, 11 Aug 2020 03:44 PM (IST)
उत्तराखंड में बिना कारण नहीं हटाए जाएंगे उपनल कर्मी, शासन ने जारी किए आदेश
उत्तराखंड में बिना कारण नहीं हटाए जाएंगे उपनल कर्मी, शासन ने जारी किए आदेश

देहरादून, राज्य ब्यूरो। प्रदेश के विभिन्न विभागों में तैनात उपनल कर्मी अब बिना कारण विभागों से नहीं हटाए जाएंगे। जिन विभागों ने उपनल कर्मियों को बिना कारण पहले हटाया था, वे भी एक माह के भीतर इन्हें वापस रखेंगे। शासन ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं। हालांकि, अकुशल, अनुशासनहीन और अयोग्य कर्मियों पर यह आदेश लागू नहीं होगा। 

प्रदेश में इस समय उत्तराखंड पूर्व सैनिक कल्याण निगम लिमिटेड (उपनल) के माध्यम से 20 हजार से अधिक कर्मी आउटसोर्सिग व्यवस्था के अनुसार विभिन्न विभागों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। कुछ समय पहले उपनल कर्मियों ने आरोप लगाया था कि सिडकुल, पर्यटन विभाग, नगर विकास, खादी और ग्रामोद्योग तथा श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय से उनकी सेवाएं बिना समुचित कारण बताए ही समाप्त की जा रही हैं। 
इस संबंध में उपनल कर्मियों ने एक प्रत्यावेदन भी शासन को भेजा था। शासन ने अब इसका संज्ञान लेते हुए सभी विभागों को उपनल कर्मियों के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए हैं। मुख्य सचिव ओमप्रकाश द्वारा भेजे पत्र में कहा गया है कि 20 जुलाई 2016 को शासन ने एक आदेश जारी कर स्पष्ट किया था कि विभिन्न विभागों में उपनल के माध्यम से आउटसोर्सिंग व्यवस्था के तहत तैनात कर्मियों को बिना कारण विभागों से नहीं हटाया जाएगा। 
बावजूद इसके अभी भी कुछ विभाग उपनल कर्मियों की सेवाएं समाप्त कर रहे हैं। ऐसे विभाग इन कर्मियों के आवेदन करने पर एक सप्ताह के भीतर उन्हें फिर से नियोजित करें। इसकी समस्त जिम्मेदारी संबंधित विभाग और संबंधित नियुक्ति अधिकारी की होगी।
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