यहां एक जवान कोरोना योद्धा के रूप में लिख रहा सेवा की नई इबारत, उनका है बस एक ही मिशन; जानिए

दून में एक जवान कोरोना योद्धा के रूप में सेवा की नई इबारत लिख रहा है। प्रदेश में कोरोना वायरस की दस्तक के बाद से उनका एक ही मिशन है।

By Raksha PanthariEdited By: Publish:Mon, 14 Sep 2020 05:54 PM (IST) Updated:Mon, 14 Sep 2020 11:33 PM (IST)
यहां एक जवान कोरोना योद्धा के रूप में लिख रहा सेवा की नई इबारत, उनका है बस एक ही मिशन; जानिए
यहां एक जवान कोरोना योद्धा के रूप में लिख रहा सेवा की नई इबारत, उनका है बस एक ही मिशन; जानिए

देहरादून, जेएनएन। राजधानी दून में एक जवान कोरोना योद्धा के रूप में सेवा की नई इबारत लिख रहा है। प्रदेश में कोरोना वायरस की दस्तक के बाद से उनका एक ही मिशन है, दून में पग-पग पर सैनिटाइजेशन। अब तक वह आधे से ज्यादा शहर को सैनिटाइज भी कर चुके हैं। खास बात यह है कि ये पुनीत कार्य वह अपने खर्च पर कर रहे हैं। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआइ) में तैनात इस जवान का नाम है सुरेंद्र सिंह वर्मा। वह यहां बतौर कॉन्सटेबल तैनात हैं।

मार्च में जब दून में कोरोना वायरस के संक्रमण का पहला मामला सामने आया तो एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में समाज के प्रति अपने दायित्व को समझते हुए सुरेंद्र समाज की सुरक्षा के लिए सैनिटाइजेशन मशीन लेकर मैदान में उतर पड़े। शुरुआत घर के पास से की, लेकिन जब संक्रमण का दायरा बढ़ने लगा तो उन्होंने सैनिटाइजेशन को अभियान बना लिया। इसके बाद वह हर अवकाश पर सुबह होते ही घर से सैनिटाइजेशन मशीन लेकर निकलने लगे। यह क्रम आज भी बदस्तूर जारी है। बीते छह माह में वह दून के तमाम सरकारी और निजी कार्यालयों से लेकर सार्वजनिक स्थलों, बाजार, अस्पताल, बैंक और तमाम कॉलोनियों में सैनिटाइजेशन कर चुके हैं। सुरेंद्र कहते हैं कि उनका यह अभियान आगे भी जारी रहेगा।

लोग बुलाते हैं 'सैनिटाइजेशन मैन'

सुरेंद्र के अभियान से उन्हें ख्याति भी खूब मिली। कई लोग तो उन्हें सैनिटाइजेशन मैन के नाम से बुलाते हैं। इतना ही नहीं, अब उनके पास सैनिटाइजेशन के लिए शहरवासियों के फोन भी आने लगे हैं। वह भी शहरवासियों के आग्रह पर हर वक्त सेवा के लिए तैयार रहते हैं।

डीआइजी ने किया सम्मानित

समाज हित में सुरेंद्र की इस पहल से डीआइजी अरुण मोहन जोशी भी खासे प्रभावित हैं। इसके लिए उन्होंने सुरेंद्र को अपने कार्यालय में बुलाकर सम्मानित भी किया था। इसके अलावा सुरेंद्र को गैर सरकारी संस्था क्राइम कंट्रोल एंड रिसर्च ऑर्गनाइजेशन की ओर से भी सम्मानित किया जा चुका है।

यह भी पढ़ें: कोरोना संक्रमण के लिहाज से देहरादून में स्थिति भयावह

बेजबानों को खाना भी खिलाया

लॉकडाउन के दौरान बाजार आदि बंद रहने से जानवरों को भी भूख का सामना करना पड़ा। ऐसे में सुरेंद्र ने समाज की सुरक्षा के साथ बेजबानों का भी ख्याल रखा। वह अपनी कॉलोनी के आसपास विचरण करने वाले जानवरों को रोज खाना खिलाते थे। सुरेंद्र बताते हैं कि अब ये जानवर उन्हें पहचानने लगे हैं। उन्हें घर के बाहर देखते ही दौड़े चले आते हैं।

यह भी पढ़ें: Coronavirus: कोरोना पॉजिटिव व्यक्ति के प्राइमरी कॉन्टेक्ट वाले सभी व्यक्तियों की होगी सैंपलिंग

chat bot
आपका साथी