उत्तराखंड में 10 सितंबर से पहले होंगे छात्रसंघ चुनाव, पोस्टर और बैनर प्रतिबंधित

उत्तराखंड के दोनों मंडलों में छात्रसंघ चुनाव हर हाल में 10 सितंबर से पहले होंगे। सभी विश्वविद्यालयों सरकारी व सहायताप्राप्त डिग्री कॉलेजों में छात्रसंघ चुनाव एक ही तिथि पर होंगे।

By BhanuEdited By: Publish:Tue, 27 Aug 2019 09:41 AM (IST) Updated:Tue, 27 Aug 2019 09:05 PM (IST)
उत्तराखंड में 10 सितंबर से पहले होंगे छात्रसंघ चुनाव, पोस्टर और बैनर प्रतिबंधित
उत्तराखंड में 10 सितंबर से पहले होंगे छात्रसंघ चुनाव, पोस्टर और बैनर प्रतिबंधित

देहरादून, राज्य ब्यूरो। उत्तराखंड के दोनों मंडलों में छात्रसंघ चुनाव हर हाल में 10 सितंबर से पहले होंगे। सभी विश्वविद्यालयों, सरकारी व सहायताप्राप्त डिग्री कॉलेजों में छात्रसंघ चुनाव एक ही तिथि पर होंगे। सभी छात्रसंघों की अपेक्स बॉडी यानी छात्र महासंघ के चुनाव 13 सितंबर को होंगे। 

उच्च शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ धन सिंह रावत की अध्यक्षता में सचिवालय में आयोजित बैठक में छात्रसंघ चुनाव के मुद्दे पर चर्चा हुई। बैठक के बाद उच्च शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ धन सिंह रावत ने बताया कि दोनों मंडलों गढ़वाल और कुमाऊं में विश्वविद्यालयों, सरकारी डिग्री कॉलेजों और सहायताप्राप्त डिग्री कॉलेजों में छात्रसंघ चुनाव एक ही तिथि पर होंगे। 

10 सितंबर से पहले कोई भी तिथि तय करने के लिए उच्च शिक्षा महकमे की ओर से छात्र नेताओं, छात्र संगठनों और कॉलेज प्रशासन से वार्ता की जाएगी। इसके बाद छात्रसंघ चुनाव की तिथि तय कर दी जाएगी। 

उन्होंने बताया कि बैठक में नौ सितंबर को छात्रसंघ चुनाव, उसी दिन परिणाम की घोषणा, तीन सितंबर को नामांकन और सात सितंबर को जनरल गैदरिंग रखे जाने पर मंथन हुआ। यह तय किया गया कि अंतिम फैसला दो-तीन दिन में छात्र नेताओं व छात्रसंघों व कॉलेजों के साथ बैठक में लिया जाएगा। 

छात्रसंघ चुनाव लिंगदोह समिति की सिफारिश के मुताबिक होंगे। बैठक में उच्च शिक्षा प्रमुख सचिव आनंद ब‌र्द्धन, प्रभारी सचिव अशोक कुमार, पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार, सरकारी विश्वविद्यालयों के कुलपति, प्रभारी उच्च शिक्षा निदेशक डॉ एससी पंत, देहरादून के जिलाधिकारी व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक समेत कई अधिकारी मौजूद रहे।

दून के चारों कॉलेज में प्रिंटेड पोस्टर-बैनरों पर प्रतिबंध

दून के चारों महाविद्यालयों में छात्र संघ चुनाव के लिए प्रिंटेड बैनर-पोस्टरों पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। जो छात्र संगठन लिंगदोह कमेटी की सिफारिशों का शत फीसद अनुपालन नहीं करेगा, उस पर पुलिस कार्रवाई करेगी। यह दिशा-निर्देश जिला अधिकारी सी रविशंकर और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अरुण मोहन जोशी ने छात्र संघ चुनावों को लेकर दिए हैं। 

इसकी जानकारी सीओ डालनवाला जया बलूनी ने डीएवी पीजी कॉलेज में विभिन्न छात्र संगठनों एवं कॉलेज प्रशासन के साथ हुई बैठक में दी। हालांकि प्रशासन व पुलिस की बढ़ती सख्ती पर छात्र नेताओं ने सवाल भी खड़े किए और कहा कि लिंगदोह कमेटी की सिफारिशें सभी संगठनों पर समान रूप से लागू होनी चाहिए। उच्च शिक्षा राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार को क्या इन नियमों को लेकर विश्वास में लिया गया है? 

जया बलूनी ने छात्र नेताओं को नसीहत दी कि वह प्रिंटेड बैनर-पोस्टर, हैंड बिल इत्यादि प्रचार सामग्री का मोह छोड़कर हाथ से तैयार किए गए पोस्टरों का प्रयोग करें। उन्होंने बताया कि दून के सभी पि्रंटिंग प्रेस मालिकों की बैठक ली गई थी, जिसमें बताया गया कि प्रिंटिंग प्रेस में यदि कोई छात्र या छात्र संगठन बैनर-पोस्टर प्रिंट करवाने आता है तो उसका नाम एवं नंबर पुलिस को दें। ऐसा नहीं करने वाली प्रिंटिंग प्रेस पर भी कार्रवाई की जाएगी। 

बताया कि कैंपस के बाहर रैली निकालने से पूर्व छात्र संगठन को इसकी पुलिस से अनुमति लेनी होगी। पुलिस प्रशासन को केवल रैली की सूचना देने से काम नहीं चलेगा, पुलिस ऐसे संगठन पर कार्रवाई करेगी। हाथ से लिखे पोस्टर भी केवल परिसर में ही लगाने की अनुमति होगी। जिस छात्र नेता के पोस्टर परिसर से बाहर मिले उसके खिलाफ भी तहरीर दी जाएगी। 

कैंपस में संयुक्त छात्र सभा का मुद्दा उठा 

छात्र नेताओं ने बैठक में कहा कि जब प्रिंटेड प्रचार सामग्री पर प्रतिबंध लगाया जा रहा है तो कॉलेज प्रशासन चुनाव के दौरान संयुक्त छात्र सभा के आयोजन की व्यवस्था करे ताकि चुनाव लड़ने वाले छात्र नेता एक मंच पर अपनी प्राथमिकताएं छात्रों के बीच रख सकें। एनएसयूआइ के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष श्याम सिंह चौहान ने कहा कि लिंगदोह कमेटी की सिफारिशों का पालन करने के लिए उनका संगठन तैयार है, लेकिन छात्र नेताओं को भी अपने प्रचार-प्रसार का अधिकार है। उन्हें इससे वंचित नहीं किया जा सकता है। 

पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष शुभम सिमल्टी ने कहा कि नामांकन के दिन तो छात्र संगठनों को कॉलेज कैंपस से कुछ दूर से रैली निकालने की अनुमति दी जानी चाहिए। छात्र नेता देवेंद्र राणा ने कहा कि छात्र संघ चुनाव के दौरान प्रचार-प्रसार के लिए नेताओं को पर्याप्त समय दिया जाना चाहिए। पूर्व छात्र नेता व पार्षद आयुष गुप्ता ने कहा कि छात्र संगठन नहीं बल्कि पुलिस प्रशासन की ओर से कॉलेजों में ढील बरती जाती है, जिसे बाद में लिंगदोह कमेटी का उल्लंघन कहा जाता है। पुलिस प्रशासन को सभी छात्र संगठनों के साथ एक समान व्यवहार रखना चाहिए। 

पालन करेगा संगठन 

एनएसयूआइ के प्रदेश अध्यक्ष मोहन भंडारी के मुताबिक, छात्र संघ चुनाव के दौरान लिंगदोह कमेटी की सिफारिशों का एनएसयूआइ पहले से ही पालन करती आई है। यदि इस बार कैंपस में सभी छात्र संगठन पि्रंटेड बैनर-पोस्टर नहीं लगाने पर सहमत हैं तो उनका संगठन कानून के पालन में पूरा सहयोग करेगा। 

छह करेंगे सहयोग 

छात्रसंघ अध्यक्ष जितेंद्र बिष्ट के अनुसार, कॉलेज कैंपस के भीतर छात्र संगठनों को अपने प्रत्याशी का प्रचार करने की अनुमति लेने की कोई जरूरत नहीं पड़ती है। पुलिस प्रशासन से आशा की जाती है कि वह छात्रों पर अनावश्यक दबाव नहीं बनाएगा। छात्र अपनी ओर से पूरा सहयोग करेंगे।

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संयुक्त आमसभा का प्रयोग नहीं हुआ सफल  

छात्रसंघ महासचिव शूरवीर सिंह चौहान के अनुसार, डीएवी कॉलेज में छात्र संघ चुनाव के दौरान संयुक्त आम सभा में विपक्षी दल का नेता विरोधी के भाषण सुनने के लिए भीड़ क्यों जुटाएगा। पहले भी चुनाव के दौरान संयुक्त आम सभा का प्रयोग डीएवी में सफल नहीं रहा है। छात्रों को अपने प्रचार-प्रसार का मौका मिलना चाहिए। 

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नहीं करेंगे नियमों का उलंघन 

अभाविप के प्रदेश छात्र संगठन प्रभारी संकेत नौटियाल के मुताबिक, डीएवी कॉलेज छात्र संघ चुनाव में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद लिंगदोह कमेटी की सिफारिशों का शत फीसद पालन करेगा। संगठन कॉलेज व पुलिस प्रशासन का पूरा सहयोग करेगा। कोई भी कार्यकर्ता नियमों का उल्लंघन नहीं करेगा। अभाविप देशभर में अनुशासित संगठन है।

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