ऑटो चालक का बेटा बना फौज में अफसर, पिता के नाम की अपनी कामयाबी

कोल्‍हापुर के ऑटो चालक का बेटे धवन सार्थक शशिकांत ने अपनी लगन और अथक प्रयास के बूते सेना में अफसर बन गए हैं।

By Raksha PanthariEdited By: Publish:Sat, 13 Jun 2020 05:24 PM (IST) Updated:Sat, 13 Jun 2020 09:59 PM (IST)
ऑटो चालक का बेटा बना फौज में अफसर, पिता के नाम की अपनी कामयाबी
ऑटो चालक का बेटा बना फौज में अफसर, पिता के नाम की अपनी कामयाबी

देहरादून, जेएनएन। इंसान के इरादे और हौसले ही उसकी ताकत हैं। कुछ करने का जज्बा हो, तो राह आसान हो जाती है। कोल्‍हापुर के ऑटो चालक का बेटे धवन सार्थक शशिकांत ने कुछ ऐसा ही कर दिखाया है। अपनी लगन और अथक प्रयास के बूते वह सेना में अफसर बन गए हैं। 

सार्थक के पिता करीब तीन दशक से ऑटो रिक्शा चला रहे हैं। वह बताते हैं कि हमारी परवरिश अच्छी हो इसके लिए पिता ने जी जान से मेहनत की। बच्चों की खातिर उन्होंने जीवन में कई बलिदान किए। ऐसे में उनकी शुरुआत से ही यह ख्वाहिश थी कि कुछ ऐसा करूं जिससे हर कोई उनके पिता को सम्मान भरी नजरों से देखे। ऐसे में उन्होंने सैन्य अधिकारी बनने की ठानी। 

कहते हैं कि वर्दी को जो सम्मान मिलता है उतना किसी और पेशे में नहीं है। इसी कारण से उन्होंने औरंगाबाद में सर्विसेज प्रिपेटरी स्कूल (एसपीएस) में अध्ययन करते हुए महाराष्ट्र कैडेट कॉर्पस (एमसीसी) में प्रवेश लिया। अपनी उच्च माध्यमिक की पढ़ाई पूरी करते-करेत एनडीए की प्रवेश परीक्षा की तैयारी भी शुरू कर दी। इस बीच उन्होंने एक कार दुर्घटना में अपनी मां को खो दिया।

लेकिन फौलादी इरादों के इस युवा ने कड़ी मेहनत की और पहले ही प्रयास में एनडीए की प्रवेश परीक्षा पास की। वह कहते हैं कि मां आज जिंदा होती तो मुझे वर्दी में देखकर खुश होती। पिता कहते हैं कि बेटे ने उनका सिर फख्र से ऊंचा कर दिया है।वह अपने बेटे की कामयाबी का श्रेय पूरी तरह से उसकी दृढ़ इच्‍छाशक्ति को ही देते है।

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आइएमए में रहेंगे पास आउट 

भारतीय सैन्य अकादमी (आइएमए) में आज पासिंग आउट परेड में पुरानी के साथ ही कुछ नई परंपराएं भी जुड़ गई। कैडेटों ने जहां अंतिम पग के बाद प्रथम पग भी रखा, अकादमी से पास आउट होने के बाद वह अपनी-अपनी यूनिट ज्वाइन करेंगे। जबकि मित्र देशों के कैडेट फिलहाल अकादमी में ही रहेंगे। कोरोना संकट के चलते अकादमी रक्षा मंत्रालय और अकादमी प्रबंधन को यह निर्णय लेने पड़े हैं।

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