क्वांटम कंप्यूटिंग और प्रौद्योगिकी में शोध से मिलेंगे सार्थक परिणाम Dehradun News

उत्तराखंड तकनीकी विवि के कुलपति प्रो. नरेंद्र चौधरी ने कहा कि क्वांटम कंप्यूटिंग और नवीन प्रौद्योगिकी में शोध से बेहतर परिणाम मिलेंगे।

By Raksha PanthariEdited By: Publish:Sat, 21 Dec 2019 05:16 PM (IST) Updated:Sat, 21 Dec 2019 05:16 PM (IST)
क्वांटम कंप्यूटिंग और प्रौद्योगिकी में शोध से मिलेंगे सार्थक परिणाम Dehradun News
क्वांटम कंप्यूटिंग और प्रौद्योगिकी में शोध से मिलेंगे सार्थक परिणाम Dehradun News

देहरादून, जेएनएन। यूनिवर्सिटी ऑफ पेट्रोलियम एंड एनर्जी स्टडीज में आयोजित दो दिवसीय पांचवीं इंटरनेशनल कॉफ्रेंस को संबोधित करते हुए उत्तराखंड तकनीकी विवि के कुलपति प्रो. नरेंद्र चौधरी ने कहा कि क्वांटम कंप्यूटिंग और नवीन प्रौद्योगिकी में शोध से बेहतर परिणाम मिलेंगे। 

शुक्रवार को उन्होंने सेमीनार में उपस्थित शोधार्थियों को बतौर विशिष्ट अतिथि संबोधित किया। कहा कि कम्प्यूटेशनल इंटेलिजेंस एंड सस्टेनेबिलिटी जैसे विषय की आज बेहद उपयोगी हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कंप्यूटर विज्ञान ने एक आम आदमी का जीवन कैसे बदल दिया है। इसलिए हमारा भविष्य प्रौद्योगिकी पर निर्भर है। उन्होंने क्वांटम कंप्यूटिंग भविष्य के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने सभी प्रतिभागियों से अपील की कि शोध की दिशा में और अधिक सार्थक प्रयास करें। सेमीनार में यूपीईएस के चांसलर डॉ. एसजे चोपड़ा ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए सम्मेलन की आवश्यकता व उपयोगिता के बारे में बताया। 

उन्होंने कहा कि यूपीईएस की स्थापना उद्योग उन्मुख पाठ्यक्रम प्रदान करने के लिए की गई है। प्रौद्योगिकी कैसे विकसित की जाए, विवि में इस दिशा में लगातार शोध किए जा रहे हैं। उत्तराखंड पीएसडी सेल के निदेशक प्रो.एमपी जैन ने कहा कि सम्मेलन में शोध पत्रों के जरिये जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली है। सौ से अधिक शोध पत्र देश के विभिन्न हिस्सों से प्राप्त हुए हैं। इस अवसर पर सम्मेलन के संयोजक डॉ.अमित अग्रवाल, डॉ. रवि तोमर, डॉ. हितेश शर्मा, डॉ. जेसी पाटनी, निहारिका, डॉ. तनुप्रिया, अविता, ऋचा, डॉ. राजीव तिवारी, डॉ. हुकुम सिंह राणा आदि मौजूद रहे। 

इंजीनियरिंग की उपयोगिता थीम 

इंस्टिट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स (भारत) के अध्यक्ष नरेंद्र सिंह ने बताया कि इंजीनियरिंग की उपयोगिता सेमीनार की थीम है। सेमीनार में देशभर से आए विशेषज्ञ उपयोगी जानकारी दे रहे हैं। सम्मेलन के विशिष्ठ अतिथि पीएस बरार ने आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस पर विचार रखे। कहा कि यह तकनीक डिफेंस, ऑटोमोबाइल, बायोटेक, फाइनेंस क्षेत्र में अत्याधिक योगदान दे रही हैं। उन्होंने छात्रों से आह्वान किया कि इस तकनीक को और आगे बढ़ाएं। यूपीईएस के डीन स्कूल ऑफ कंप्यूटर साइंस डॉ. मनीष प्रतीक ने कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए सभी प्रतिभागियों, सहकर्मियों और विद्यार्थियों का आभार व्यक्त किया। सम्मेलन में स्मारिका का विमोचन भी किया गया। 

यह भी पढ़ें: देश का नक्शा तैयार करने में आप भी कर सकते हैं सर्वे ऑफ इंडिया की मदद

इस मौके पर संस्थापक अध्यक्ष, पेंटाग्राम रिसर्च सेंटर हैदराबाद प्रो. ईजी राजन, डॉ. मनोलो दुलवा हिना, कंप्यूटर विज्ञान, ईसीई, पेरिस, डॉ. सुधन माझी एसोसिएट प्रोफेसर, आइआइटी पटना आदि विशेषज्ञों ने व्याख्यान के माध्यम से शोध कार्यों के बारे में बताया। 

यह भी पढ़ें: सर्वे ऑफ इंडिया बनाएगा नए सिरे से उत्‍तराखंड का डिजिटल मैप

chat bot
आपका साथी