कैबिनेट बैठक: अब अवैध शराब के मामले में 10 साल तक की सजा

सोमवार सुबह सचिवालय में कैबिनेट की बैठक हुई। इसमें कई महत्‍वपूर्ण फैसलों पर मोहर लगी।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Mon, 18 Feb 2019 02:16 PM (IST) Updated:Mon, 18 Feb 2019 08:55 PM (IST)
कैबिनेट बैठक: अब अवैध शराब के मामले में 10 साल तक की सजा
कैबिनेट बैठक: अब अवैध शराब के मामले में 10 साल तक की सजा

देहरादून, राज्य ब्यूरो। प्रदेश में जहरीली शराब के सेवन से हुई मौतों के बाद सरकार ने अब अवैध शराब पर अंकुश के लिए कड़े कदम उठाए हैं। कैबिनेट ने सोमवार को संशोधित आबकारी अधिनियम में अवैध शराब की बिक्री, खरीद व इसके भंडारण पर पकड़े जाने पर सख्त सजा के प्रावधान प्रस्तावित किया है। इसमें अहम संशोधन यह है कि तीसरी बार पकड़े जाने पर गैर जमानती धाराओं में मुकदमा दर्ज किया जाएगा। इसमें आरोपित को कम से कम सात साल की सजा होगी। अवैध शराब पीकर मौत होने के मामले में यह सजा 10 साल तक की होगी। जहरीली शराब के मामले में पांच से दस लाख रुपये तक के जुर्माने का भी प्रावधान कैबिनेट ने प्रस्तावित किया है। इसके अलावा कैबिनेट ने मसूरी-देहरादून रोपवे के निर्माण को पीपीपी मोड पर कराने की मंजूरी प्रदान की है।

सोमवार को कैबिनेट की बैठक मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में विधानसभा में हुई। बैठक में आबकारी नीति में अवैध शराब को लेकर कड़े प्रावधान बनाने पर चर्चा हुई। इसके तहत  अवैध शराब बनाने, तस्करी, ढुलान, बिक्री अथवा भंडारण के मामले में तीसरी बार पकड़े जाने पर गैर जमानती धाराओं में मुकदमा दर्ज कराए जाने को सहमति बनी। इसके अलावा अवैध शराब से मौत के मामलों के प्रावधान को और सख्त बनाने का निर्णय लिया गया, जिस पर अब न्याय विभाग से सलाह ली जा रही है।

इसके बाद इन प्रस्तावित प्रावधानों को कानूनी जामा पहनाने के लिए विधेयक के रूप में सदन के पटल पर रखे जाने का निर्णय लिया गया। बैठक में देहरादून में पुरकुल गांव से मसूरी लाइब्रेरी चौक तक रोपवे का निर्माण पीपीपी मोड पर कराने का भी निर्णय गया। मैसर्स एफआइएल इंडस्ट्रीज की एकल निविदा इसके लिए आई थी, इसलिए संबंधित कंपनी को ही यह काम देने को मंजूरी प्रदान की गई। महिला सशक्तीकरण, बाल विकास विभाग की नंदा गौरी योजना में पात्र बालिका लाभार्थियों को जन्म के समय 11 हजार व 12 वीं पास करने पर 51 हजार रुपये दिए जाने का प्रावधान भी कैबिनेट ने कर दिया है। एक परिवार में दो बच्चों के लिए यह व्यवस्था मान्य होगी। 

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