अब आप यहां भी दे सकतें हैं डीएल का टेस्ट, पढ़िए पूरी खबर

अब आप जिले के झाझरा स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ ड्राइविंग एंड ट्रेनिंग रिसर्च में भी डीएल आवेदन की परीक्षा दे सकते हैं। इससे आमजन को आरटीओ में होने वाली लंबी कतार से राहत मिलेगी।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Tue, 15 Jan 2019 12:07 PM (IST) Updated:Tue, 15 Jan 2019 08:21 PM (IST)
अब आप यहां भी दे सकतें हैं डीएल का टेस्ट, पढ़िए पूरी खबर
अब आप यहां भी दे सकतें हैं डीएल का टेस्ट, पढ़िए पूरी खबर

देहरादून, जेएनएन। अब आप आरटीओ/एआरटीओ दफ्तर के बजाए झाझरा स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ ड्राइविंग एंड ट्रेनिंग रिसर्च (आइडीटीआर) में भी डीएल (ड्राइविंग लाइसेंस) आवेदन की परीक्षा दे सकते हैं। इससे आमजन को आरटीओ में होने वाली लंबी कतार से मुक्ति भी मिलेगी और दलालों से छुटकारा भी। इस संबंध में परिवहन सचिव शैलेश बगोली की तरफ से जारी आदेश में कहा गया है कि शिक्षार्थी ड्राइविंग लाइसेंस की ऑनलाइन परीक्षा के लिए आइडीटीआर में कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लगेगा, मगर स्थायी लाइसेंस के समय वाहन पर परीक्षा देने का शुल्क देना होगा। यदि आवेदक अपना वाहन लाता है तो सौ रुपये व जीएसटी और यदि आडीटीआर के वाहन पर परीक्षा देगा तो दो सौ रुपये और जीएसटी देना पड़ेगा। आडीटीआर में सभी प्रकार के वाहनों के लिए डीएल की परीक्षा दी जा सकेगी।

प्रदेश में डीएल टेस्ट के लिए कोई भी आटोमेडेट टेस्टिंग लेन न होने की वजह से परिवहन विभाग मोटर ट्रेनिंग स्कूलों की ओर से जारी प्रमाण-पत्रों पर ही आवेदकों को भारी, मध्यम और हल्के व्यावसायिक वाहनों का ड्राइविंग लाइसेंस जारी कर रहा है। इसमें फर्जीवाड़े की आशंका बनी रहती है और कईं दफा गैर-अनुभवी चालक भी लाइसेंस हासिल कर लेते हैं। पिछले दिनों सड़क सुरक्षा कमेटी की बैठक में प्रदेश में लगातार व्यावसायिक यात्री वाहनों के होने वाले हादसों के कारणों पर मंथन हुआ तो लाइसेंस प्रक्रिया पर भी सवाल उठे। इसके बाद शासन द्वारा सहायक परिवहन आयुक्त एसके सिंह व आरटीओ दिनेश चंद्र पठोई की एक संयुक्त कमेटी गठित की। शासन ने कमेटी को डीएल प्रक्रिया का परीक्षण करने और इसमें सुधार के उपाए तलाश करने के निर्देश दिए। कमेटी ने गत तीन अगस्त को इस बारे में आइडीटीआर का निरीक्षण कर रिपोर्ट तैयार की थी।

कमेटी ने सिफारिश की थी कि लाइसेंस की प्रक्रिया को दो चरण में आइडीटीआर संस्थान में शिफ्ट किया जाए। पहले चरण में भारी व मध्यम व्यावसायिक वाहनों के आवेदकों का लाइसेंस टेस्ट आइडीटीआर में लिया जाए और फिर सभी आवेदकों के लिए लाइसेंस की प्रक्रिया वहीं शिफ्ट कर दी जाए। इससे आरटीओ आफिस में भीड़ भी कम होगी और लाइसेंस व्यवस्था पर उठ रहे सवाल भी बंद हो जाएंगे। बता दें कि 2015 में लाइसेंस की आवेदन प्रक्रिया ऑनलाइन सेवा से जोड़ दी गई थी। इसके बाद 2017 में सिम्युलेटर पर टेस्ट प्रक्रिया अनिवार्य की गई। हालांकि, इसमें केवल हल्के वाहनों के लाइसेंस आवेदकों को ही मौका मिला। भारी व मध्यम वाहन चालक के लिए कोई परीक्षा नहीं हो रही थी, मगर अब उन्हें भी परीक्षा से गुजरना होगा। इस पर शासन ने एक ही बार में सभी प्रकार के डीएल की परीक्षा के लिए आइडीटीआर को मंजूरी दे दी। 

ये हैं कमेटी की सिफारिशें

-आइडीटीआर में प्रशिक्षणार्थियों और लाइसेंस आवेदकों के परीक्षण के लिए अलग-अलग व्यवस्था की जाएगी। 

-दो हिस्सों में बने 'वी' और 'एस' ट्रैक पर व्यावसायिक लाइसेंस आवेदकों का टेस्ट लिया जाएगा। 

-परिसर में सिम्युलेटर भी उपलब्ध हैं। ऐसे में तकनीकी टेस्ट लेने में भी दिक्कत नहीं होगी। 

-सेंसर, कैमरे व सॉफ्टवेयर पर ऑटोमेडेट परीक्षण के लिए ट्रैक्स पर आवश्यक उपकरण लगाने होंगे। 

-दुपहिया, हल्के, मध्यम व भारी वाहनों के लाइसेंस आवेदकों को भौतिक परीक्षा के लिए संस्थान को यूजर चार्ज देना हेागा।

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