दून की दुर्घटना वाली सड़कों पर चलेगा संयुक्त चेकिंग अभियान
सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में निर्णय लिया गया कि दून की दुर्घटना वाली सड़कों पर चलेगा संयुक्त चेकिंग अभियान चलाया जाएगा।
देहरादून, जेएनएन। जनपद की दुर्घटना वाली सड़कों पर पुलिस और परिवहन विभाग संयुक्त रूप से चेकिंग अभियान चलाएंगे। इसके लिए जल्द शेड्यूल जारी किया जाएगा। इसके अलावा सड़कों को सुरक्षित आवाजाही की व्यवस्था बनाने के लिए सड़क सुरक्षा समिति बजट उपलब्ध कराएगी। लोनिवि से पैचवर्क और सुरक्षा के इंतजाम को बजट मांगा गया है।
सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में बढ़ती दुर्घटना और ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन पर चिंता जताई गई। समिति के अध्यक्ष एवं जिलाधिकारी एसए मुरूगेशन ने कहा कि सड़क दुर्घटना के विभिन्न कारणों, संवेदनशील क्षेत्रों, दुर्घटना के विभिन्न आकड़ों और सड़क दुर्घटना रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाने होंगे। परिवहन और पुलिस विभाग दुर्घटना संभावित सड़कों पर अभियान चलाकर कार्रवाई करें।
इसके लिए इसी माह शेड्यूल जारी कर गहन चेकिंग की जाए। इस मौके पर ट्रैफिक पुलिस, लोनिवि, सिविल डिफेंस और परिवहन विभाग के बीच बेहतर समन्वय बनाने के लिए निर्देश दिए गए, ताकि सड़क सुधार से लेकर सुरक्षा के कार्य में कोई व्यवधान न आए। बैठक में एसएसपी निवेदिता कुकरेती ने सड़क सुरक्षा के लिए विभिन्न स्थानों पर रम्बल स्ट्रीप, वाहनों के पीछे तथा सड़क के दोनों ओर रेडियम रिफ्लैक्टर लगाने, अनावश्यक स्पीड ब्रेकर हटाने और जहा बहुत जरूरी हो वहा ब्रेकर लगाने, बैरियर्स, सड़क में फैली निर्माण सामग्री हटाने के निर्देश दिए।
बैठक में लोनिवि, एनएच, एनएचआई को ब्लैक स्पॉट ठीक करने, हाईवे इंजीनियर्स प्रशिक्षण-रोड सेफ्टी आडिट करने, मैनपावर बढाने, वाहन चालकों को प्रशिक्षण, वाहन फिटनेस, आदि पर जोर दिया गया। बैठक में एडीएम अरविंद पाण्डेय, एआरटीओ अरविंद पांडेय, सीओ राकेश देवली, ईई जेएस चौहान आदि मौजूद रहे।
विकासनगर और सहसपुर में ज्यादा दुर्घटनाएं
सड़क दुर्घटना के आंकड़ों पर समिति ने कहा कि अभी तक विकासनगर, सहसपुर, रायवाला और ऋषिकेश क्षेत्र में ज्यादा दुर्घटनाएं हो रही हैं। यहां हल्के चार पहिया वाहन तथा दुपहिया वाहन दुर्घटना के मामले अधिक सामने आए हैं। इसके लिए तीनों सड़क पर टीम बनाकर चेकिंग के निर्देश दिए गए।
चार फरवरी से सड़क सुरक्षा अभियान
बैठक में बताया गया कि जनपद में चार से 10 फरवरी तक 'सड़क सुरक्षा अभियान' चलाया जाएगा। इसमें न केवल पुलिस, परिवहन, बल्कि सभी विभागों को शामिल किया गया है। इस दौरान आम लोगों को जागरूक भी किया जाएगा।
एंबुलेंसों की मनमानी पर मांगी रिपोर्ट
राजधानी में सरकारी और निजी अस्पतालों के एंबुलेंस संचालकों की मनमानी पर प्रशासन ने सख्त कार्रवाई का निर्णय लिया है। जिलाधिकारी एसए मुरूगेशन ने सीएमओ से सभी एंबुलेंस को एनओसी तभी जारी करने को कहा, जब वह मानक पूरा करती हो। इसके अलावा मनमाना किराया वसूलने पर नजर रखने के निर्देश दिए। कहा कि अगर कोई शिकायत सामने आती है तो तुरंत लाइसेंस निरस्त कराया जाए।जिलाधिकारी एसए मुरूगेशन ने कहा कि एंबुलेंस संचालन की पूरी जिम्मेदारी स्वास्थ्य विभाग की है। एंबुलेंस की एनओसी जारी करने से पहले मानकों का पूरा पालन कराया जाए। उन्होंने साफ कहा कि 108 हो या फिर प्राइवेट अस्पतालों की एंबुलेंस, सभी पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं।
इसमें किसी तरह की लापरवाही न बरती जाए। तीमारदारों से मनमाना का किराया वसूलने पर जिलाधिकारी ने नाराजगी जाहिर की। इसके लिए सीएमओ को सरकारी और सभी प्राइवेट अस्पतालों को निर्धारित दूरी कर किराया निर्धारण करने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने जनपद में संचालित एंबुलेंस की संख्या और मानक पूरा करने समेत अन्य पर विस्तृत रिपोर्ट भी सीएमओ से मांगी है। साथ ही पुलिस और परिवहन विभाग को निर्देश दिए कि सीएमओ से समन्वय बनाकर एंबुलेंस संचालन के मानकों को चेक करें।
ट्रैफिक नियम तोड़ने वाले 1536 लोगों के डीएल हुए निरस्त
नशे का सेवन और तेज गति से वाहन चलाने वालों के खिलाफ पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। ट्रैफिक पुलिस ने 15 दिन तक चलाए अभियान के दौरान 1536 ड्राइविंग लाइसेंस निरस्त किए। साथ ही ट्रैफिक नियम तोड़ने वाले 3324 वाहन चालकों के खिलाफ चालान की कार्रवाई की गई।
सड़क दुर्घटना पर प्रभावी रोकथाम के लिए पुलिस ने प्रदेशभर में 15 दिन तक अभियान चलाया। इस दौरान ओवर स्पीड और नशे का सेवन कर वाहन चलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की गई। डीजी अपराध एवं कानून व्यवस्था अशोक कुमार ने बताया कि सबसे ज्यादा ट्रैफिक नियम तोड़ने वाले देहरादून के 1530 वाहन चालकों के चालान किए गए। यहां आठ सौ ड्राइविंग लाइसेंस निरस्त करने की संस्तुति दी गई।
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