इस वित्तीय वर्ष में नए नियम लागू, कहीं मिलेगी राहत तो कहीं बढ़ेगा बोझ

नए वित्तीय वर्ष 2019-20 में एक अप्रैल से नए नियम लागू हो गए हैं। नए नियमों के असर की बात करें तो कहीं लोगों को राहत मिली है तो कुछ मामलों में जेब पर बोझ भी बढ़ गया है।

By BhanuEdited By: Publish:Tue, 02 Apr 2019 01:35 PM (IST) Updated:Wed, 03 Apr 2019 08:53 AM (IST)
इस वित्तीय वर्ष में नए नियम लागू, कहीं मिलेगी राहत तो कहीं बढ़ेगा बोझ
इस वित्तीय वर्ष में नए नियम लागू, कहीं मिलेगी राहत तो कहीं बढ़ेगा बोझ

देहरादून, जेएनएन। नए वित्तीय वर्ष 2019-20 में एक अप्रैल से नए नियम लागू हो गए हैं। नए नियमों के असर की बात करें तो कहीं लोगों को राहत मिली है, तो कुछ मामलों में जेब पर बोझ भी बढ़ गया है। हालांकि, पहले फायदे की बात करते हैं। नए नियमों का सबसे बड़ा फायदा घर खरीदने वाले लोगों को मिलेगा। निर्माणाधीन फ्लैट व घर खरीदने पर जीएसटी की दर 12 से घटाकर पांच व एक फीसद कर दी गई है। 

दूसरी तरफ एमडीडीए की वन टाइम सेटेलमेंट स्कीम समाप्त हो जाने से अब अवैध निर्माण को वैध करना न सिर्फ मुश्किल होगा, बल्कि इसके लिए जेब पर अधिक बोझ भी पड़ेगा। इसी तरह बिजली-पानी की दरें बढ़ गई हैं और हाउसटैक्स भी बढ़ी हुई दरों पर चुकाना होगा। दूसरी तरफ, एक अप्रैल और इसके बाद निर्मित वाहनों पर भी अधिक राशि चुकानी होगी।

45 लाख तक के आवास पर एक फीसद जीएसटी

एक अप्रैल से लागू नए नियमों का सबसे अधिक फायदा घर खरीदने वाले लोगों को मिलेगा। निर्माणाधीन फ्लैट या घर पर अब तक 12 फीसद जीएसटी चार्ज होता था। अब 45 लाख रुपये व 90 वर्गमीटर तक के आवास की खरीद पर महज एक फीसद जीएसटी चार्ज किया जाएगा। 

इससे ऊपर के आवास पर भी पांच फीसद जीएसटी लगेगा। इस तरह देखें तो 45 लाख रुपये तक के आवास के लिए पहले 5.4 लाख रुपये सिर्फ टैक्स ही बन रहा था, जो अब घटकर महज 45 हजार रुपये हो गया है।

450 लोगों ने उठाया कंपाउंडिंग का लाभ

एमडीडीए की वन टाइम सेटेलमेंट स्कीम समाप्त हो चुकी है। हालांकि, इससे पहले अपने अवैध निर्माण को वैध कराने के लिए करीब 450 लोग स्कीम में आवेदन कर चुके हैं। करीब 40 लोगों के नक्शे भी पास हो चुके हैं। 

इस स्कीम से लोगों को फायदा तो मिला ही, 50 फीसद अग्रिम कंपाउंडिंग फीस के रूप में एमडीडीए ने भी चार करोड़ रुपये के करीब कमा लिए। कंपाउंडिंग भी पुराने सर्किल रेट पर की जाएगी, जबकि अब स्कीम के तहत दी गई सभी तरह की अतिरिक्त छूट समाप्त हो जाने के बाद अवैध निर्माण को वैध कराना आसान नहीं रहेगा।

जेब ढीली करेगा बिजली-पानी का बिल

एक अप्रैल से बिजली और पानी की दरों में वृद्धि हो चुकी है। जल संस्थान ने पानी की दरों में नौ से 15 प्रतिशत का इजाफा किया है, वहीं बिजली के दरों में 2.79 फीसद की वृद्धि हुई है। इस वृद्धि का असर आने वाले जून माह के बिलों में दिखेगा। सरकार हर साल बिजली और पानी की दरों में बढोत्तरी करती है।

पानी की दरों में हर साल नौ से 15 प्रतिशत की वृद्धि का प्रावधान है। इस साल भी दरों में इसी प्रकार की वृद्धि होगी। सामान्य व मध्यम वर्ग के बिलों में नौ, उच्च वर्ग के बिल में 11 और व्यवसायिक बिलों में 15 प्रतिशत की वृद्धि होगी। जल संस्थान के मुख्य महाप्रबंधक एसके शर्मा ने कहा कि आगामी जून माह में वृद्धि के हिसाब से बिल भेजे जाएंगें। 

उधर, बिजली के दामों में भी अप्रैल माह बढोत्तरी हो जाएगी। विद्युत नियामक आयोग विगत 27 फरवरी को इसकी घोषणा कर चुका है। विद्युत दरों में 2.79 फीसद की बढोत्तरी की गई है। इससे घरेलू दरों में प्रति यूनिट 15 पैसे, व्यवसायिक दरों में 27 पैसे प्रति यूनिट की बढोत्तरी होगी। एलटी इंडस्ट्री के लिए 11 पैसे और एचटी इंडस्ट्री के लिए दरों में 18 पैसे का इजाफा किया गया है।

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