इस बरसात में भी रुलाएगा जजरेड पहाड़ी का भूस्खलन, सुरक्षा दीवार भी क्षतिग्रस्त

कालसी चकराता मार्ग पर जजरेड पहाड़ी पर होता भूस्खलन इस बार भी रुलाएगा। भूस्खलन को रोकने के लिए बनाई गई सुरक्षा दीवार झुकने से इस बरसात में खतरा और बढ़ गया है।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Sat, 16 May 2020 05:04 PM (IST) Updated:Sat, 16 May 2020 05:04 PM (IST)
इस बरसात में भी रुलाएगा जजरेड पहाड़ी का भूस्खलन, सुरक्षा दीवार भी क्षतिग्रस्त
इस बरसात में भी रुलाएगा जजरेड पहाड़ी का भूस्खलन, सुरक्षा दीवार भी क्षतिग्रस्त

देहरादून, जेएनएन। कालसी चकराता मार्ग पर जजरेड पहाड़ी पर होता भूस्खलन इस बरसात में भी रुलाएगा। भूस्खलन को रोकने के लिए लोनिवि की ओर से लाखों रुपये की लागत से बनाई गई सुरक्षा दीवार झुकने से इस बरसात में खतरा और बढ़ गया है। वहीं, जजरेड पर पुल निर्माण कराने का लोनिवि साहिया खंड की ओर से भेजा गया प्रस्ताव भी ठंडे बस्ते में है।

जजरेड पहाड़ी का ढाई सौ मीटर हिस्सा लोगों के लिए मुसीबत बन गया है। हल्की बारिश में पहाड़ी से गिरने वाले मलबे से जौनसार बावर की लाइफ लाइन कालसी चकराता मोटर मार्ग बाधित हो जाता है। लोक निर्माण विभाग के करोड़ों रुपये खर्च होने पर भी समस्या का स्थाई समाधान नहीं निकल सका है। जौनसार बावर क्षेत्र की करीब डेढ़ लाख की आबादी को मुख्य धारा से जोड़ने वाले इस मार्ग पर जजरेड पहाड़ी से भूस्खलन की समस्या का हल निकालने को लोनिवि ने अलग से एक पुल बनाने का प्रस्ताव भी शासन में भेजा, लेकिन वह भी ठंडे बस्ते में है। लोनिवि ने मलबे को रोकने के लिए लाखों रुपये कंक्रीट की दीवार बनाने पर खर्च कर डाले, लेकिन अब झुकी दीवार ही खतरा बन गई है। 

एसडीएम डॉ. अपूर्वा सिंह ने काफी पहले मलबे से झुकी दीवार देखकर लोनिवि के अधिशासी अभियंता को दीवार के पीछे से मलबा हटाने को कहा था, लेकिन हल कुछ नहीं निकला। हालत यह है कि मुख्य मार्ग पर बरसात के समय लोक निर्माण विभाग की ओर से मौके पर एक बुलडोजर और दो जेसीबी लगा दिया जाता है और खतरे का बोर्ड टांग कर अपने कर्तव्य की इतिश्री कर ली जाती है। जजरेड पहाड़ी क्षेत्र के 200 मीटर क्षेत्र में कच्चा पहाड़ है, हल्की बारिश में ही भूस्खलन से मलबा व पत्थर गिरने शुरू हो जाते हैं, जिसके कारण हादसों में कई लोग अपनी जान गवां चुके हैं।

प्रदेश अध्यक्ष कांग्रेस प्रीतम सिंह के अनुसार जौनसार बावर की लाइफ लाइन कालसी-चकराता मोटर मार्ग के सुधारीकरण व डामरीकरण कार्य के लिए कांग्रेस शासन में 60 करोड़ रुपये मंजूर किए गए थे, जिसमें तीन नए पुल का निर्माण होना था और डेंजर जोन जजरेड भूस्खलन रोकने के लिए भी उपाय किए जाने थे, लेकिन भाजपा सरकार ने जौनसार बावर क्षेत्र का विकास ठप कर दिया है। कांग्रेस शासनकाल में स्वीकृत कार्य आज तक अधूरे पड़े हैं। भाजपा सरकार अभी तक जजरेड पहाड़ी से भूस्खलन रोकने को भी कोई उपाय नहीं कर सकी है।

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बोले अधिकारी

डीपी सिंह (अधिशासी अभियंता लोनिवि साहिया खंड) का कहना है कि  जजरेड पहाड़ी के भूस्खलन को देखते हुए विश्व बैंक के माध्यम से अलग से पुल निर्माण का प्रस्ताव भेजा गया था, लेकिन प्रस्ताव पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। बरसात में 24 घंटे विभाग की ओर से दो जेसीबी पहाड़ी के दोनों तरफ तैनात रखी जाएगी, ताकि भूस्खलन होने पर रोड पर आए मलबे को तुरंत हटाकर यातायात सुचारू किया जा सके।

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