उत्तराखंड में अंतरर्राष्ट्रीय आयुर्वेद शोध संस्थान की राह खुली
राज्य सरकार ने अंतरर्राष्ट्रीय आयुर्वेद शोध संस्थान खोलने के लिए बजट में व्यवस्था कर दी है।
देहरादून, [जेएनएन]: आयुर्वेद के जनक चरक ऋषि की कर्मस्थली चरेख डांडा में अंतरर्राष्ट्रीय आयुर्वेद शोध संस्थान खुलने की उम्मीद को फिर एक बार पंख लग गए हैं। करीब सात वर्ष पूर्व की गई यह घोषणा सरकारी फाइलों में दबी थी। राज्य सरकार ने अब इसके लिए बजट में व्यवस्था कर दी है।
जून 2010 में तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ.रमेश पोखरियाल निशंक ने कोटद्वार भ्रमण के दौरान चरेख डांडा में अंतरर्राष्ट्रीय आयुर्वेद शोध संस्थान खोलने की घोषणा की थी। मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुरूप शासन से इस संबंध में शासनादेश भी जारी किया, लेकिन यह योजना परवान नहीं चढ़ी। अब राज्य सरकार ने फिर इस ओर कदम उठाए हैं।
आयुर्वेद को बढ़ावा देने के लिए बजट में और भी व्यवस्था की गई है। इनमें वह योजनाएं भी शामिल हैं, जिन्हें लेकर घोषणाएं जरूर हुई पर वह अमल में नहीं आई। मसलन बजट में प्रत्येक जनपद में संपूर्ण सुविधा युक्त आयुष ग्राम की स्थापना की बात कही गई है। इसके अलावा प्रत्येक चिकित्सालय जहां पर्याप्त भूमि है, वहां हर्बल गार्डन की स्थापना की जाएगी। आयुर्वेद विधा के प्रचार-प्रसार के लिए प्रत्येक जनपद में आरोग्य मेला व कैंप भी आयोजित किए जाएंगे। इस अलावा राज्य सरकार प्रदेश में योग, आयुर्वेद आदि के विकास के लिए निजी क्षेत्र की सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए शीघ्र नीति तैयार करेगी।
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