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बजट में गुणवत्तापरक शिक्षा की झलकी मंशा

वित्तीय वर्ष 2018-19 में विद्यालयी शिक्षा विभाग के लिए 6741 करोड़ का प्रावधान किया गया है। बजट में कहा गया है कि समस्त राजकीय विद्यालयों में बुक बैंक स्थापित किए जाएंगे।

By Sunil NegiEdited By: Published: Fri, 23 Mar 2018 11:21 AM (IST)Updated: Fri, 23 Mar 2018 11:22 AM (IST)
बजट में गुणवत्तापरक शिक्षा की झलकी मंशा
बजट में गुणवत्तापरक शिक्षा की झलकी मंशा

देहरादून, [जेएनएन]: राज्य में गुणवत्तापरक शिक्षा की सरकार की मंशा बजट में भी नजर आ रही है। बजट में यह साफ झलका कि सरकार का ध्यान अब समग्र शिक्षा पर है। यह भी ख्याल रखा गया है कि सरकारी स्कूल अपनी पारंपरिक शैली से बाहर निकलें। भविष्य की चुनौतियों के लिए बच्चों को तैयार किया जाए। दस या दस से कम छात्र संख्या वाले राजकीय प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों को आगामी शैक्षिक सत्र से निकटस्थ विद्यालय में विलय किया जाएगा। इसके अलावा राजकीय संस्कृत आवासीय विद्यालय की स्थापना के लिए भी बजट में प्राविधान किया गया है। 

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वित्तीय वर्ष 2018-19 में विद्यालयी शिक्षा विभाग के लिए 6741 करोड़ का प्रावधान किया गया है। बजट में कहा गया है कि समस्त राजकीय विद्यालयों में बुक बैंक स्थापित किए जाएंगे। जन सहयोग के माध्यम से बच्चों में पढऩे की रुचि विकसित करने के लिए प्रत्येक विद्यालय में पुस्तकालय का गठन किया जा रहा है। माध्यमिक विद्यालयों में गाइडेंस एवं काउंसिलिंग के लिए बाल सखा प्रकोष्ठ का गठन किया गया है। व्यावसायिक क्षेत्र व उच्च शिक्षा की जानकारी के लिए एससीईआरटी की वेबसाइट पर जिज्ञासा नाम से वेब लिंक शुरू हुआ है। बच्चों के मासिक परीक्षाफल व शैक्षिक अभिवृद्धि पर चर्चा के लिए अब हर माह के अंतिम शनिवार को विद्यालय में अभिभावक-शिक्षक बैठक होगी। इससे एक तरफ जहां अभिभावक अपने बच्चे की प्रगति से परिचित होंगे, वहीं शिक्षक भी शिक्षण की गुणवत्ता के प्रति जागरूक रहेंगे। इसके अलावा प्रत्येक शनिवार को समस्त राजकीय विद्यालयों में इंगलिश स्पीकिंग डे मनाया जाएगा।

आंगनबाड़ी केंद्रों में प्री-स्कूल व मेडिसिन किट 

5120 मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों में राज्य सरकार प्री-स्कूल किट एवं मेडिसिन किट उपलब्ध कराएगी। इसके अलावा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को ड्रेस भी उपलब्ध कराई जा रही है।

बजट में ये भी खास 

-मध्याह्न भोजन योजना के अंतर्गत भोजन माताओं को वर्दी उपलब्ध कराए जाने के लिए तीन करोड़ की धनराशि। 

-संस्कृत के मेधावी छात्रों को छात्रवृत्ति प्रदान करने के लिए धनराशि। 

-राजकीय संस्कृत आवासीय विद्यालय की स्थापना के लिए बजट। 

-श्रीनगर गढ़वाल में राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालय के भवन निर्माण। 

-राजकीय आश्रम विद्यालय विन्सौण, देहरादून के लिए 2 करोड़ रुपये की व्यवस्था।

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