दावेदारों की लंबी फेहरिस्त से भाजपा और कांग्रेस की पेशानी पर बल

नगर निगमों में महापौर और नगर पालिका परिषदों व नगर पंचायतों में अध्यक्ष पद के दावेदारों ने दौड़ धूप तेज कर दी है। दावेदारों की लंबी सूची ने भाजपा और कांग्रेस की परेशानी बढ़ा दी।

By BhanuEdited By: Publish:Mon, 30 Apr 2018 11:51 AM (IST) Updated:Wed, 02 May 2018 02:31 PM (IST)
दावेदारों की लंबी फेहरिस्त से भाजपा और कांग्रेस की पेशानी पर बल
दावेदारों की लंबी फेहरिस्त से भाजपा और कांग्रेस की पेशानी पर बल

देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: प्रदेश में निकाय चुनाव कब होंगे, यह कोर्ट में चल रहे मामले में फैसला आने के बाद ही तय होगा, लेकिन इस बीच नगर निगमों में महापौर और नगर पालिका परिषदों व नगर पंचायतों में अध्यक्ष पद के दावेदारों ने दौड़ धूप तेज कर दी है। सरकार भी अभी तक 92 में से 83 नगर निकायों में वार्डों और 77 में अध्यक्ष पदों के लिए आरक्षण का निर्धारण कर चुकी है, जिस पर इन दिनों आपत्तियां मांगी जा रही हैं।

हालांकि, सभी आठ नगर निगमों में महापौर पदों पर आरक्षण को लेकर अभी पेच फंसा हुआ है। बावजूद इसके दोनों ही प्रमुख दलों भाजपा व कांग्रेस में निकायों में महापौर और अध्यक्ष पदों के दावेदारों की लंबी फेहरिश्त ने मुश्किलें बढ़ाई हुई हैं। ऐसे में दोनों ही दलों के प्रांतीय नेतृत्व को प्रत्याशियों के नामों पर मुहर लगाने में खासी माथापच्ची भी करनी पड़ेगी।

उत्तराखंड में कुल निकायों की संख्या 92 है, जिनमें से नगर पंचायत बदरीनाथ, केदारनाथ व गंगोत्री में चुनाव नहीं होते। यात्राकाल के मद्देनजर छह माह के लिए ही इनका नोटिफिकेशन किया जाता है। चुनाव 89 में ही होते हैं, लेकिन इस मर्तबा अदालत में चल रहे मामलों के चलते नगर निगम रूड़की व रुद्रपुर, नगर पालिका परिषद श्रीनगर व बाजपुर, नगर पंचायत भतरौंजखान व सेलाकुई के चुनावों को लेकर स्थिति साफ नहीं है। हालांकि, राज्य सरकार चुनाव की तैयारियों में जुटी है।

इस बीच शासन के आदेश पर शुक्रवार को 83 नगर निकायों में जिलाधिकारियों ने वार्डों के आरक्षण की अनंतिम सूचना जारी कर दी। इनमें छह नगर निगम, 39 नगर पालिका परिषद और 38 नगर पंचायतें शामिल हैं। इसी दिन नगर निगम के महापौर और नगर पालिका परिषद व नगर पंचायतों के अध्यक्ष पदों पर भी आरक्षण तय होना था, लेकिन खासी माथापच्ची के बाद नगर निगमों में महापौर पदों को छोड़ शेष 77 निकायों में अध्यक्ष पदों पर आरक्षण की अनंतिम अधिसूचना जारी की गई।

रुड़की और रुद्रपुर नगर निगमों के मामले कोर्ट में चलने के कारण सरकार ने महापौर पदों पर आरक्षण फिलहाल टाल दिया। वैसे भी रुड़की की तो अधिसूचना भी जारी नहीं हुई, जबकि रुद्रपुर की अधिसूचना निरस्त नहीं हुई थी। ऐसे में सरकार ने रुद्रपुर के संबंध में अदालत से राय मांगने का निश्चय किया है। 

इसके बाद ही सात नगर निगमों हल्द्वानी, देहरादून, हरिद्वार, काशीपुर, कोटद्वार, ऋषिकेश व रुद्रपुर के महापौर पदों के लिए आरक्षण का निर्धारण किया जाएगा।

वहीं, निकायों में वार्डों और अध्यक्ष पदों के लिए आरक्षण के संबंध में भले ही इन दिनों आपत्तियां मांगी जा रही हैं, लेकिन अध्यक्ष और सभासद पदों के दावेदारों ने गोटियां बिछानी प्रांरभ कर दी हैं। नगर पालिका परिषदों व नगर पंचायतों में भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों से दावेदारों की लंबी-चौड़ी फेहरिश्त सामने आ रही है। 

कुछ निकाय तो ऐसे भी हैं, जहां छोटी सरकार के मुखिया के लिए दावेदारों की संख्या 10 से 12 के बीच है। इस बीच तय हुए आरक्षण के चलते कइयों का गणित भी गड़बड़ाया है।

जाहिर सी बात है कि दावेदारों की फौज के चलते दोनों ही दलों को प्रत्याशियों के चयन में खासी मशक्कत करनी पड़ेगी। जहां तक भाजपा की बात है तो वह निकाय चुनावों के लिए दावेदारों के संबंध में पहले ही कसरत कर चुकी है। 

इस कड़ी में सभी निकायों से सभी वर्गों से दावेदारों के नाम पहले ही लिए जा चुके हैं, ताकि चुनाव का ऐलान होने पर इनमें से ही प्रत्याशी फाइनल किए जा सकें। वहीं, कांग्रेस भी माथापच्ची में जुटी है, लेकिन उसके यहां भी दावेदारों की लंबी फौज है। 

सूरतेहाल साफ है कि दोनों दलों के प्रांतीय नेतृत्व के सामने प्रत्याशियों के चयन की बड़ी चुनौती है। देखने वाली बात ये होगी कि प्रत्याशी चयन में कोई नाराज न हो, इसके लिए दल क्या फार्मूला निकालते हैं।

नगर पालिका परिषद अध्यक्ष पद में आरक्षण

विकासनगर, अनुसूचित जाति

मसूरी, अनारक्षित

हरबर्टपुर, महिला

डोईवाला, ओबीसी

शिवालिक नगर, अनारक्षित

मंगलौर, अनारक्षित

लक्सर, अनारक्षित

उत्तरकाशी, अनारक्षित

बड़कोट, महिला

चन्यालीसौड़, ओबीसी महिला

गोपेश्वर, अनुसूचित जाति

जोशीमठ, अनारक्षित

गौचर, महिला

कर्णप्रयाग, महिला

टिहरी, ओबीसी महिला

नरेंद्रनगर, अनारक्षित

चंबा, महिला

देवप्रयाग, अनारक्षित

मुनिकीरेती, अनारक्षित

रुद्रप्रयाग, महिला

पौड़ी, अनारक्षित

दुगड्डा, महिला

पिथौरागढ़, अनारक्षित

धारचूला, अनुसूचित जाति महिला

डीडीहाट महिला

टनकपुर, अनारक्षित

चंपावत, अनारक्षित

अल्मोड़ा, अनारक्षित

चिन्यानौला, अनुसूचित जाति महिला

बागेश्वर, अनारक्षित

नैनीताल, अनारक्षित

रामनगर, ओबीसी

भवाली, अनारक्षित

गदरपुर, ओबीसी

जसपुर, अनारक्षित

किच्छा, अनुसूचित जाति

सितारगंज, अनारक्षित

खटीमा, अनुसूचित जनजाति महिला

महुआखेड़ागंज, अनारक्षित

नगर पंचायत अध्यक्ष पदों पर आरक्षण

झबरेड़ा, अनारक्षित

लंढौरा, अनारक्षित

भगवानपुर, अनुसूचित जाति

पिरान कलियर, ओबीसी

पुरोला, महिला

नौगांव, ओबीसी

नंदप्रयाग, ओबीसी महिला

पोखरी, अनारक्षित

गैरसैंण, अनारक्षित

थराली, अनुसूचित जाति महिला

पीपलकोटी, अनुसूचित जाति

कीर्तिनगर, अनुसूचित जाति महिला

घनसाली, अनारक्षित

लंबगांव, महिला

चमियाला, महिला

गजा, महिला

अगस्त्यमुनि, महिला

ऊखीमठ, अनारक्षित

तिलवाड़ा, महिला

स्वर्गाश्रम जौंक, अनारक्षित

सतपुली, महिला

गंगोलीहाट, अनारक्षित

बेरीनाग, अनारक्षित

लोहाघाट, अनारक्षित

बनबसा, महिला

द्वाराहाट, अनारक्षित

भिकियासैंण, ओबीसी महिला

कपकोट, महिला

कालाढुंगी, ओबीसी

लालकुंआ, अनुसूचित जाति

भीमताल, अनारक्षित

सुल्तानपुर पट्टी, अनारक्षित

केलाखेड़ा, अनारक्षित

दिनेशपुर, अनारक्षित

शक्तिगढ, अनारक्षित

नानकमत्ता, अनारक्षित

गूलरभोज, अनारक्षित

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