हादसों पर हाईकोर्ट सख्त, वाहन चलाते समय की बात तो मोबाइल होगा जब्त

ओवरलोडिंग की वजह से हादसों पर नैनीताल हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया। कोर्ट ने 73 नए वर्तन दल बनाने के आदेश दिए। साथ ही वाहन चलाते समय बात करने पर मोबाइल जब्त करने के आदेश भी दिए।

By BhanuEdited By: Publish:Sat, 07 Jul 2018 09:04 AM (IST) Updated:Sun, 08 Jul 2018 05:19 PM (IST)
हादसों पर हाईकोर्ट सख्त, वाहन चलाते समय की बात तो मोबाइल होगा जब्त
हादसों पर हाईकोर्ट सख्त, वाहन चलाते समय की बात तो मोबाइल होगा जब्त

देहरादून, [जेएनएन]: उत्तराखंड में यातायात और परिवहन नियम तोड़ने  वालों की अब खैर नहीं होगी। नैनीताल हाईकोर्ट ने सरकार को परिवहन विभाग और सुरक्षा एजेंसियों के कार्मिकों को मिलाकर 73 नए प्रवर्तन दल बनाने के आदेश दिए हैं। राज्य की सभी तहसील में प्रवर्तन दल को तैनात करने के आदेश दिए गए हैं। मौजूदा समय में 21 प्रवर्तन दल काम कर रहे हैं। नियम तोड़ने वालों के साथ ही ओवरलोडिंग को रोकने के लिए खास कदम उठाने को कहा गया है।

साथ ही वाहन चलाते समय मोबाइल से बात करना अब भारी पड़ेगा। हाईकोर्ट के निर्देश के अनुसार अब ऐसा करने पर मोबाइल जब्त कर लिया जाएगा। इसे चौबीस घंटे के भीतर वाहन के वैध दस्तावेज दिखाने पर ही वापस किया जाएगा। 

पिछले दिनों धुमाकोट में हुए बस हादसे में 48 यात्रियों की मौत हो गई थी। 28 सीटर ओवरलोड बस में दस बच्चों के साथ 16 महिलाओं व 22 पुरुषों की मौत हो गई थी। इस दुर्घटना के बाद से सरकार ने प्रदेश में ओवरलोडिंग पर मुकदमा करने का आदेश दे दिया है। 

वहीं, इस मामले में हाईकोर्ट के आदेश पर सचिव परिवहन डी. सेंथिल पांड्यिन समेत अपर आयुक्त सुनीता सिंह व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में हाजिर हुए। वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजीव शर्मा की एकलपीठ में अधिकारियों ने विभाग की ओर से ओवरलोडिंग समेत अन्य नियम तोड़ने वालों पर कार्रवाई किए जाने का ब्योरा दिया। हाईकोर्ट ने कार्रवाई को नाकाफी बताते हुए गाइड-लाइन जारी की और इसे लागू करने के आदेश दिए। 

हाईकोर्ट के आदेश के मुख्य बिंदू

-ओवरलोडिंग पर तत्काल मुकदमा दर्ज कर वाहन सीज किया जाए। 

-मोबाइल पर बात करते हुए वाहन चलाते पकड़े जाने पर अब मोबाइल भी होगा जब्त। चौबीस घंटे में वाहन के वैध दस्तावेज दिखाने पर छूटेगा मोबाइल। 

-सभी सरकारी/निजी वाहनों पर सरकार या विभागीय बोर्ड व नाम पट्टिका पर प्रतिबंध। निजी वाहनों पर हाईकोर्ट, आर्मी, पुलिस और पत्रकार लिखना भी प्रतिबंधित। सभी शासन व न्याय अधिकारियों के लिए मान्य होगा आदेश। सरकार 72 घंटे में यह व्यवस्था लागू करे। 

-एक हफ्ते में वाहनों पर लगे क्रैश गार्ड व फ्लैश लाइटें उतारी जाएं।

-तीन माह में प्रदेश के 1000 दुर्घटना संभावित क्षेत्रों में  क्रैश बैरियर व संकेतक बोर्ड लगाए जाएं। 

-परिवहन सचिव व रोडवेज के प्रबंध निदेशक सभी पर्वतीय मार्गों पर बसों के संचालन की कार्ययोजना तैयार करें। 

-बेकाबू गति पर लगाम को तीन माह में सभी वाहनों में स्पीड गर्वनर लगाए जाएं। पुराने वाहनों में भी डिवाइस अनिवार्य।

-हूटर व सायरन का प्रयोग प्रतिबंधित। सिर्फ एंबुलेंस, फायर टेंडर व आपात सेवा के वाहनों पर रहेंगे। 

-दुपहिया पर पिछली सवारी का हेलमेट पहनना अनिवार्य। पांच साल से ऊपर का बच्चा भी बतौर सवारी लगाए हेलमेट। 

-शराबी वाहन चालकों को रोकने को सरकार को तत्काल 100 एल्कोमीटर खरीदने के आदेश। 

-छह माह में सभी सार्वजनिक बसों में जीपीएस लगाए जाएं। 

-एक-एक परिवहन अधिकारी रोजाना सुबह सात से दस बजे तक और दोपहर में तीन से शाम छह बजे तक सड़क पर रहे व ओवरलोड स्कूल बसों और वैन की जांच करे। 

-फिटनेस सर्टिफिकेट केवल तकनीकी अधिकारी ही जारी करे। 

-परिवहन सचिव एक माह में पूरे प्रदेश में रोड सेफ्टी का आडिट कराएं।

-सभी जिलाधिकारी तीन माह के अंदर सीज वाहनों के लिए पर्याप्त भूमि परिवहन विभाग को उपलब्ध कराएं। 

-तीन माह में प्रदेश के सभी जनपदों में ट्रैफिक अवेयरनेस सेंटर खोले जाएं। 

-सभी रोडवेज व निजी बसों की रोजाना धुलाई हो और अंदर से स्वच्छ रहें। 

-बस चालक-परिचालक महिला, वृद्धों व बच्चों से दुव्र्यवहार न करें। 

-आयु सीमा पूरी कर चुके सार्वजनिक परिवहन वाहन तत्काल बंद हों। 

-रोडवेज व निजी बसों समेत टैक्सी व सार्वजनिक वाहनों के चालक-परिचालकों के लिए वर्दी पहनना अनिवार्य। 

-परिवहन विभाग या रोडवेज कर्मचारी अगर बेवजह के कारणों पर हड़ताल पर जाते हैं तो एस्मा लगाया जाए। 

मुकदमों पर भी पर्वतीय मार्गों पर नहीं थम रही ओवरलोडिंग

वाहनों में ओवरलोडिंग पर मुकदमे दर्ज किए जाने बावजूद पर्वतीय मार्गों पर वाहन चालक व परिचालक नहीं सुधर रहे हैं। ओवरलोडिंग नहीं रुक रही और परिवहन विभाग मजबूर नजर आ रहा है। स्थिति यह है कि सूबे में चेकिंग महाभियान चलाने के बावजूद रोज ओवरलोडिंग के नए मामले सामने आ रहे हैं। 

गुरूवार को 63 मुकदमे दर्ज किए गए, जबकि शुक्रवार को 11 मुकदमे। अभियान में उत्तरकाशी में एक स्कूल बस और वैन को सीज किया गया। 33 सीटर बस में 60 और चार सीटर वैन में 15 बच्चे ठूंसे हुए थे। दोनों के चालक व वाहन मालिक के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया है। 

पौड़ी के धुमाकोट में हुई बस दुर्घटना के बाद जागी सरकार ने ओवरलोडिंग पर सूबे में व्यापक पैमाने पर कार्रवाई शुरू की हुई है। चूंकि, इस मामले में हाईकोर्ट भी सख्त कदम उठाने की हिदायत दे चुका है। ऐसे में परिवहन विभाग सूबे में लगातार वाहनों की चेकिंग कर रहा। 

इस बारे में परिवहन सचिव डी. सेंथिल पांड्यिन के आदेश पर ओवरलोडिंग में एमवी एक्ट में नहीं बल्कि आइपीसी के तहत मुकदमा भी दर्ज किया जा रहा। गुरूवार को सूबे में पहले ही दिन 63 वाहन चालकों के विरुद्ध मुकदमे दर्ज किए गए। 

गढ़वाल मंडल में 25, जबकि 38 मुकदमे कुमाऊं मंडल में दर्ज हुए थे। सहायक परिवहन आयुक्त एसके सिंह ने बताया कि शुक्रवार को प्रदेश में शाम तक कुल 11 मुकदमे ओवरलोडिंग में दर्ज हुए हैं। कार्रवाई देर रात तक जारी थी। 

उन्होंने बताया कि 332 वाहनों के चालान जबकि 29 को सीज किया गया। ओवरलोडिंग में चालकों व वाहन मालिकों पर आइपीसी की धारा 279, 336, 337 और 338 के तहत एफआइआर दर्ज कराई जा रही है व वाहन सीज किए जा रहे। उत्तरकाशी जिले में शुक्रवार सुबह पुलिस और एआरटीओ ने स्कूली बसों की जांच की। 

ज्ञानसू स्थित महर्षि विद्या मंदिर इंटर कॉलेज की बस में बच्चों को ठूंस-ठूंस कर भरा था। एक अन्य को रोका तो उसमें भी यही हालात थे। इन दोनों वाहनों को सीज कर मुकदमा कराया गया और चालकों का लाइसेंस निरस्त भी किया जा रहा है। 

ओवरलोडिंग पर सख्ती से कार्रवाई करें: एसएसपी

ओवरलोडिंग और खराब सड़क के कारण धुमाकोट में हुए सड़क हादसे के बाद दून की एसएसपी निवेदिता कुकरेती ने जिले से सभी कोतवाली और थाना प्रभारियों को ओवर लोडिंग के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए है। एसएसपी ने अभियान चलाकर क्षमता से अधिक सवारियां बैठाने वाले वाहन संचालकों के खिलाफ कार्रवाई को कहा। साथ ही निर्देश दिए कि अपने क्षेत्रों में खराब सड़कों को चिह्नित कर संबंधित विभागों से पत्राचार करें। 

पुलिस लाइन में आयोजित मासिक अपराध गोष्ठी के दौरान एसएसपी निवेदिता कुकरेती ने कहा कि पुलिस मुख्यालय से आने वाले आदेशों का शत-प्रतिशत अनुपालन किया जाए। गुंडा एक्ट, एनडीपीएस एक्ट, आबकारी अधिनियम, जुआ अधिनियम आदि के संबंध में पिछले एक माह में की गई कार्रवाई की समीक्षा करते हुए उन्होंने इस संबंध में आवश्यक दिशा निर्देश दिए। इसके अतिरिक्त पोक्सो व दुष्कर्म के मामलों की विवेचना सख्ती से की जाए। 

एसएसपी ने  सीसीटीएनएस प्रोजेक्ट के तहत प्रत्येक थाने द्वारा कि ए गए कार्यों की समीक्षा के साथ ही हिस्ट्रीशीटर व आदतन अपराधियों के संबंध में उपलब्ध अभिलेखों के संबंध में जानकारी प्राप्त की। उन्होंने सभी क्षेत्राधिकारियों को निर्देश दिए कि वह अभियान चलाकर काफी समय से लंबित चल रही विवेचनाओं का निस्तारण करें। 

इस दौरान माह जून में उत्कृष्ट कार्य करने वाले पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को भी सम्मानित किया गया। गोष्ठी में एसपी ग्रामीण सरिता डोभाल सहित सभी सीओ, इंस्पेक्टर और थाना प्रभारी मौजूद रहे। 

यह भी पढ़ें: उत्तराखंड परिवहन निगम की बसों में कर रहे हैं सफर तो हो जाइए सावधान

यह भी पढ़ें: देहरादून में डीजल ऑटो का पंजीकरण बंद, मीटर अनिवार्य

यह भी पढ़ें: आपदा की स्थिति में उत्तराखंड को हेली सर्विस मुहैया कराएगी केंद्र सरकार

chat bot
आपका साथी