उत्तराखंड में मूसलाधार बारिश, रुद्रप्रयाग में खेत और सड़क बही; सात जिलों में अलर्ट

उत्तराखंड में मानसून की भारी बारिश ने लोगों को उमस से राहत तो दी लेकिन कई स्थानों पर जलभराव से सड़कें पानी-पानी हो गई। हालांकि चारधाम यात्रा मार्ग सुचारु हैं।

By BhanuEdited By: Publish:Thu, 04 Jul 2019 09:04 AM (IST) Updated:Thu, 04 Jul 2019 08:31 PM (IST)
उत्तराखंड में मूसलाधार बारिश, रुद्रप्रयाग में खेत और सड़क बही; सात जिलों में अलर्ट
उत्तराखंड में मूसलाधार बारिश, रुद्रप्रयाग में खेत और सड़क बही; सात जिलों में अलर्ट

देहरादून, जेएनएन। उत्तराखंड में मौसम का मिजाज डराने लगा है। अगले चार दिनों तक यही स्थिति बनी रहने का अनुमान है। राज्य मौसम केंद्र ने छह से आठ जुलाई तक दून समेत आठ जिलों में भारी से भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। शुक्रवार को भी सात जिलों में बारिश की चेतावनी जारी की गई है। इधर, वीरवार को रुद्रप्रयाग जिले की सारी चमसील ग्रामसभा के अतिवृष्टि से मलबा और पानी आबादी के निकट खेतों में घुस गया। इससे लोग सहम गए, मलबे से कृषि भूमि को नुकसान हुआ है।

देहरादून के पॉश इलाके में आकाशीय बिजली से चहारदीवारी क्षतिग्रस्त हो गई। देहरादून समेत कुछ जिलों में पूरे दिन रुक-रुक कर बारिश होती रही। भूस्खलन की वजह से बड़ेथी में गंगोत्री हाईवे चार घंटे अवरुद्ध रहा। चारों धाम और हेमकुंड की यात्रा जारी रही।  

एक रोज पहले मौसम विभाग ने देहरादून समेत सात जिलों में 24 घंटे के दरम्यान भारी बारिश की चेतावनी जारी की थी, लेकिन गुरुवार सुबह मौसम की करवट को देखते हुए राज्य में 48 घंटे का अलर्ट जारी कर दिया गया है। हालांकि अभी मानसून पूरी तरह सक्रिय नहीं हुआ है, लेकिन उत्तराखंड में लोग मौसम के मिजाज को लेकर आशंकित हैं। 

रुद्रप्रयाग जिले के चमसील गांव में गुरुवार सुबह अतिवृष्टि ने लोगों को डरा दिया। सुबह लगभग साढे छह बजे तेज बारिश के बाद सारी चमसील गांव के पास मंडोरा बरसाती नाले में उफान के साथ काफी मात्रा में मलबा आ गया। इससे सणगू सारी मोटर मार्ग कई स्थानों पर क्षतिग्रस्त हो गया। नाले का 60 मीटर पुश्ता क्षतिग्रस्त हो गया। मलबे से कुछ किसानों की कृषि उपज भी नष्ट हो गई, एक गौशाला में मलबा घुस गया। डीएम मंगेश घिल्डियाल ने बताया कि फिलहाल कोई और हानि की सूचना नहीं है। 

ऋषिकेश-गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर नरेंद्रनगर बाइपास के समीप मलबा आने से करीब एक घंटे तक बाधित रहा जिस कारण लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। केवल सुबह के समय करीब चार घंटे तक गंगोत्री हाईवे चुंगी बडेथी के पास बंद रहा है। पर, मनेरा बाइपास पर यातायात सुचारु होने के कारण लोगों को परेशानी नहीं झेलनी पड़ी। इसके अलावा गंगोत्री व यमुनोत्री धाम में भी दिन भर हल्की बारिश होती रही। उधर, कुमाऊं मंडल के पर्वतीय इलाकों में सुबह झमाझम बारिश हुई। नैनीताल में बारिश के बाद धुंध छाई रही। बागेश्वर में बारिश से गरुड़-कौसानी मार्ग पर मलबा आने से यातायात करीब दो घंटे ठप रहा।

मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्वानुमान के अनुसार आगामी 48 घंटे तक देहरादून, पौड़ी, नैनीताल, चंपावत, हरिद्वार, टिहरी व ऊधमसिंह नगर जिलों में भी भारी बारिश होने की संभावना है। मौसम विभाग ने ऑरेंज अलर्ट जारी करते हुए जिला प्रशासन को एहतियात बरतने की सलाह दी है। 

वहीं, बुधवार को दून का अधिकतम तापमान सामान्य से चार डिग्री अधिक 35.4, जबकि न्यूनतम तापमान सामान्य से तीन डिग्री अधिक 26.3 डिग्री रहा था। हिल स्टेशन मसूरी में भी गर्मी से सुकून मिला था। यहां अधिकतम तापमान सामान्य से पांच डिग्री सेल्सियस अधिक 26.7, जबकि न्यूनतम तापमान 18.0 डिग्री सेल्सियस रहा। गुरुवार को गर्मी से लोगों ने राहत महसूस की। 

मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि अगले 48 घंटे प्रदेशभर में मानसून की बारिश का दौर चलेगा। विशेषकर सात जिलों में भारी बारिश की आशंका है। जान-माल की सुरक्षा के मद्देनजर मौसम विभाग ने चेतावनी जारी की है। 

बागेश्वर में बारिश से एनएच बंद

सुबह हुई झमाझम बारिश से गरुड़-कौसानी मोटर मार्ग कई स्थानों पर मलबा आने से बंद हो गया। इसके अलावा अन्य मार्गों पर भी भारी मात्रा में मलबा आया है। हालांकि आपदा कंट्रोल रूम सक्रिय हो गया है। सड़कों को खोलने के लिए जेसीबी मशीनें लगा दी गईं हैं। 

कई दिनों के बाद गुरुवार की सुबह बागेश्वर और गरुड़ में झमाझम बारिश हुई। इससे राष्ट्रीय राजमार्ग गरुड़-कौसानी द्यांगण के पास भारी मात्रा में मलबा आने से बंद हो गया है। इसके अलावा बहुली गदेरे (बरसाती नाला) से भी भारी मात्रा में सड़क पर मलबा आ गया है।

गरुड़ चौखुटिया मोटर मार्ग पर एक और तीन किलोमीटर, बागेश्वर-बैजनाथ मोटर मार्ग पर 19 किलोमीटर के साथ ही  गोगिना मोटर मार्ग आवगमन के लिए बंद हो गए हैं। आपदा कंट्रोल रूम से मिली जानकारी के अनुसार बागेश्वर में 42 एमएम, गरुड़ में 35 एमएम और कपकोट में आठ एमएम बारिश रिकार्ड की गई है। वहीं सरयू और गोमती का जलस्तर भी बढ़ गया है।

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