आपदा की दृष्टि से संवेदनशील गांवों में मानसून के दौरान रखी जाएगी विशेष नजर

मानसून के दौरान आपदा की दृष्टि से संवेदनशील गांवों में विशेष नजर रखी जाएगी। भी जनपदों में 108 सेटेलाइट फोन दिए गए हैं।

By Edited By: Publish:Thu, 30 May 2019 09:18 PM (IST) Updated:Fri, 31 May 2019 10:50 AM (IST)
आपदा की दृष्टि से संवेदनशील गांवों में मानसून के दौरान रखी जाएगी विशेष नजर
आपदा की दृष्टि से संवेदनशील गांवों में मानसून के दौरान रखी जाएगी विशेष नजर

देहरादून, राज्य ब्यूरो। मानसून के दौरान आपदा की दृष्टि से संवेदनशील गांवों में विशेष नजर रखी जाएगी। प्रदेश के सभी जनपदों में 108 सेटेलाइट फोन दिए गए हैं। बारिश एवं इसकी प्रकृति को जानने के लिए उर्मिस नामक मोबाइल एप भी विकसित किया गया है। सामुदायिक स्तर बेहतर त्वरित कार्य के लिए 11 हजार स्वयंसेवकों को सूचीबद्ध किया गया है। सेना भी आपदा के दौरान राहत बचाव कार्य में सहयोग करेगी।

 मानसून के दौरान आमजन को तुरंत व प्रभावी राहत पहुंचाने के मद्देनजर गुरुवार को सचिवालय में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में वायु सेना, सेना, अर्द्धसैनिक बल और शासन के अधिकारियों के बीच समन्वय बैठक हुई। बैठक में अपर मुख्य सचिव ने आपदा प्रबंधन योजना को नगर निगम व नगर पालिकाओं के साथ साझा करने पर जोर दिया। सचिव आपदा प्रबंधन अमित नेगी ने बताया कि आपदा प्रबंधन का लक्ष्य इस बार प्रदेश मेंं दुर्घटना शून्य स्तर को बरकरार रखना है। इसके लिए सभी जनपदों को तैयारियों के साथ ही संवेदनशील स्थानों पर जरूरी संसाधनों की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। महत्वपूर्ण मार्गों पर पर्यटकों के लिए मोबाइल एप भी तैयार किया जा रहा है।

उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी रिद्धिम अग्रवाल ने बताया कि आपदा के मद्देनजर एसडीआरएफ के लिए 25 सेटेलाइट फोन खरीदने की कार्यवाही गतिमान है। मौसम की सटीक जानकारी के लिए मुक्तेश्वर व सुरकुंडा में डॉप्लर रडार लगाने का कार्य अंतिम चरण में है। हाईड्रोमेट नेटवर्क को मजबूत करने के लिए 107 ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन व 25 फील्ड ऑब्जरवेटरी स्थापित की गई हैं। प्राधिकरण द्वारा सामुदायिक रेडियो नीति का भी विकास किया गया है।

पेयजल सचिव अरविंद ह्यांकि ने आग के विशेष संदर्भ में आधारभूत प्रशिक्षण कार्यक्रम के साथ ही शिक्षा विभाग के साथ समन्वय स्थापित कर आपदा प्रबंधन पाठ्यक्रम को और व्यापक बनाने का सुझाव दिया। इस दौरान सेना के अधिकारियों ने सभी हेलीपैड पर सेना के हेलीकॉप्टर्स के लिए स्थान सुनिश्चित करने का अनुरोध किया। 

बैठक में पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार, सब एरिया कमांडर मेजर जनरल भाष्कर कलिटा, ग्रुप कैप्टन सूरज शंकर, पुलिस महानिरीक्षक संजय गुंज्याल, उप महानिरीक्षक सीआरपीएफ विमल कुमार समेत विभिन्न विभागों के अधिकारी, कर्मचारी उपस्थित थे। 

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