उत्तराखंड के अनियोजित शहरों को संवारने का सुनहरा मौका, केंद्रीय बजट ने जगाई सुधार की उम्मीद

केंद्र सरकार के बजट में भविष्य के लिए स्थायी शहर बसाने और संवारने की दिशा में अच्छी पहल की गई है। तय किया गया है कि शहरों को बेहतर बनाने का काम राज्यों के माध्यम से कराने के साथ ही सीधे केंद्र से भी किया जा सकता है।

By Jagran NewsEdited By: Publish:Thu, 02 Feb 2023 09:25 AM (IST) Updated:Thu, 02 Feb 2023 09:25 AM (IST)
उत्तराखंड के अनियोजित शहरों को संवारने का सुनहरा मौका, केंद्रीय बजट ने जगाई सुधार की उम्मीद
जोशीमठ जैसे जगहों में आबादी लगातार बढ़ रही थी। जागरण

जागरण संवाददाता, देहरादून: उत्तराखंड के प्रमुख शहर देश के सर्वाधिक बढ़ने वाले शहरों में से एक हैं। चिंता की बात यह है कि यह रफ्तार सिर्फ आबादी के ग्राफ में दिख रही है। सार्वजनिक सुविधाओं और व्यवस्था की बात की जाए तो हालात बेहद चिंताजनक हैं। कूड़ा प्रबंधन से लेकर, जल निकासी, यातायात व अन्य सुविधाओं के मामले में शहर फिसड्डी नजर आते हैं। ऐसे में राज्य के शहरों की दशा में सुधार की उम्मीद केंद्रीय बजट ने जगाई है। केंद्र सरकार के बजट में शहरी अवसंरचना विकास कोष (यूआइडीएफ) की स्थापना की गई है। साथ ही शहरों को ''भविष्य के स्थायी शहर'' बनाने की योजना पर भी काम करने की घोषणा की गई है।

यदि राज्य के अधिकारी चाहें और बेहतर योजना तैयार करें तो शहरों की दशा में सुधार के लिए नई योजनाएं बना सकते हैं। तभी केंद्र सरकार शहरों की बेहतरी के लिए समुचित बजट जारी करेगी। धरातलीय बात करें तो राजधानी देहरादून समेत, ऋषिकेश, हरिद्वार, कोटद्वार, रुड़की, जसपुर, काशीपुर, रुद्रपुर, हल्द्वानी जैसे शहर आबादी के दबाव में हांफने लगे हैं। कूड़ा प्रबंधन, ट्रैफिक जाम, अतिक्रमण आदि यहां के लिए चुनौती बन चुके हैं। शहरों को बेहतर बनाने के लिए वर्तमान में यहां जिन योजनाओं पर काम हो भी रहा है, वह नाकाफी दिख रही हैं। ऐसे में राज्य के पास यह अच्छा अवसर है। क्योंकि, शहरी अवसंरचना विकास कोष के माध्यम से अपने शहरों को बेहतर बनाने के प्रयास किए जा सकते हैं।

15 नए शहर बसाने की कवायद

राज्य सरकार ने प्रदेश में 15 नए शहर बसाने की घोषणा की है। ताकि, आबादी के दबाव को विकेंद्रीकृत करते हुए पुराने शहरों को सांस लेने योग्य बनाया जा सके। इस लिहाज से भी केंद्रीय बजट राज्य सरकार की उम्मीद बढ़ाता दिख रहा है।

राज्यों से लेकर शहरों को सीधा लाभ

केंद्र सरकार के बजट में भविष्य के लिए स्थायी शहर बसाने और संवारने की दिशा में अच्छी पहल की गई है। बजट में तय किया गया है कि शहरों को बेहतर बनाने का काम राज्यों सरकारों के माध्यम से कराने के साथ ही सीधे केंद्र स्तर से भी शहरों का चयन किया जा सकता है। केंद्र सरकार के बजट में शहरों में संसाधनों के विकास के लिए नई पहल की गई है। शहरी अवसंरचना विकास कोष शहरों के विकास के प्रति समर्पित होता दिख रहा है।

राज्य के शहरों की चुनौतियां बढ़ रही हैं। ऐसे में अधिकारियों को बेहतर योजनाएं बनाकर अधिक से अधिक लाभ प्राप्त करने के प्रयास करने चाहिए। मसलन कूड़ा प्रबंधन, यातायात सुधार, पर्यावरण संरक्षण, सड़क सुविधाओं के विकास की दिशा में नई योजनाएं प्रस्तावित की जा सकती हैं।अनूप नौटियाल, संस्थापक अध्यक्ष (सोशल डेवलपमेंट फार कम्युनिटीज) फाउंडेशन

15 नए शहर बसाने की कवायद

राज्य सरकार ने प्रदेश में 15 नए शहर बसाने की घोषणा की है। ताकि, आबादी के दबाव को विकेंद्रीकृत करते हुए पुराने शहरों को सांस लेने योग्य बनाया जा सके। इस लिहाज से भी केंद्रीय बजट राज्य सरकार की उम्मीद बढ़ाता दिख रहा है।

राज्यों से शहरों तक सीधा लाभ

केंद्र सरकार के बजट में भविष्य के लिए स्थायी शहर बसाने और संवारने की दिशा में अच्छी पहल की गई है। बजट में तय किया गया है कि शहरों को बेहतर बनाने का काम राज्यों सरकारों के माध्यम से कराने के साथ ही सीधे केंद्र स्तर से भी शहरों का चयन किया जा सकता है।

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