कई बार असफल होने पर दून निवासी गौरव ने नहीं हारी हिम्मत, मिली दोहरी सफलता

दून के मोहिनी रोड निवासी गौरव भसीन का चयन सहायक नगर आयुक्त के लिए हुआ है। इससे पहले लोअर पीसीएस में भी उनका चयन हो चुका है। ये सफलता उन्हें कई बार असफल होने के बाद मिली।

By BhanuEdited By: Publish:Sat, 06 Jul 2019 11:34 AM (IST) Updated:Sat, 06 Jul 2019 11:34 AM (IST)
कई बार असफल होने पर दून निवासी गौरव ने नहीं हारी हिम्मत, मिली दोहरी सफलता
कई बार असफल होने पर दून निवासी गौरव ने नहीं हारी हिम्मत, मिली दोहरी सफलता

देहरादून, जेएनएन। दून के मोहिनी रोड निवासी गौरव भसीन का चयन सहायक नगर आयुक्त के लिए हुआ है। इस श्रेणी में वह पहले पायदान पर हैं। इससे पहले लोअर पीसीएस में भी उनका चयन हो चुका है। 

गौरव की प्रारंभिक शिक्षा सेंट जोजफ्स ऐकेडमी से हुई। उन्होंने 2009 में 92 फीसद अंकों के साथ इंटर किया। इसके बाद दिल्ली विश्वविद्यालय से 2012 में ग्रेजुएशन किया। उनकी इच्छा सिविल सेवा में जाने की थी। ऐसे में वह सब छोड़ इसी की तैयारी में जुट गए। 

दून स्थित प्रयाग आइएएस ऐकेडमी से उन्होंने कोचिंग ली। वह तीन बार सिविल सेवा परीक्षा दे चुके हैं। प्रारंभिक परीक्षा पास की पर मुख्य परीक्षा में चूक गए। पीसीएस का भी उनका यह दूसरा प्रयास था। पिछली दफा उनका चयन नहीं हो सका था। पर यह असफलताएं भी उन्हें डिगा नहीं सकी। 

उन्होंने दोगुनी मेहनत की। अभी कुछ वक्त पहले लोअर पीसीएस में उनका सप्लाई इंस्पेक्टर के पद पर चयन हुआ। कुछ ही वक्त में उन्हें यह दोहरी खुशी मिली है। वह बताते हैं कि सिविल सेवा के उनके अटेम्प्ट अभी बाकी हैं। ऐसे में नौकरी के साथ ही सिविल सेवा की तैयारी वह करते रहेंगे। उनके पिता यतेंद्र कुमार भसीन जीएमवीएन से रिटायर्ड हैं जबकि मां कविता गृहणी हैं। बेटे की इस सफलता से वह फूले नहीं समा रहे। 

विदेश की नौकरी को भी अलविदा 

प्रशांत कुमार का चयन डीएसपी के लिए हुआ है। प्रशांत रुड़की के ढंडेरा गांव के रहने वाले हैं। वह 2014 से सिविल सेवा की तैयारी कर रहे थे। 30 वर्षीय प्रशांत का पीसीएस में यह दूसरा प्रयास था। प्रशांत के पिता दयाराम फुटवियर शॉप चलाते हैं। जबकि मां गृहणी हैं। बड़ा भाई बिजनेसमैन और छोटा भाई पावर ग्रिड में अवर अभियंता हैं। प्रशांत ने सिविल सेवा की तैयारी से पहले विदेश में भी नौकरी की। उन्होंने कॉलेज ऑफ इंजीनिरिंग रुड़की से बीटेक किया है।

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