पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की अस्थियां गंगा में विसर्जित

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की अस्थियां हरकी पैड़ी स्थित ब्रह्मकुंड पर उनके बेटे अभिजीत और इंद्रजीत ने गंगा में विसर्जित की।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Wed, 02 Sep 2020 03:44 PM (IST) Updated:Wed, 02 Sep 2020 03:44 PM (IST)
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की अस्थियां गंगा में विसर्जित
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की अस्थियां गंगा में विसर्जित

हरिद्वार, जेएनएन। पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की अस्थियां हरकी पैड़ी स्थित ब्रह्मकुंड पर उनके बेटे अभिजीत और इंद्रजीत ने गंगा में विसर्जित की। इस दौरान कांग्रेस नेताओं और अन्य गणमान्य जनों ने पूर्व राष्ट्रपति को श्रद्धांजलि दी।

मंगलवार देर शाम उनके बेटे अभिजीत, इंद्रजीत व पारिवारिक मित्र प्रदीप गुप्ता समेत चार लोग अस्थियां लेकर हरिद्वार पहुंचे। यहां मौजूद कांग्रेस नेताओं ने पूर्व राष्ट्रपति के चित्र पर पुष्पअर्पित कर श्रद्धांजलि दी। ब्रह्मकुंड पर परिवार के तीर्थ पुरोहित जयभगवान ठेकेदार व दीपक बागडोलिया ने कर्मकांड संपन्न कराया। इसके बाद पूर्व राष्ट्रपति के बेटे गंगा सभा के कार्यालय पहुंचे और तीर्थ पुरोहितों की बही में एंट्री कराई। श्री गंगा सभा की ओर से उन्हें गंगा जली भेंट की गई। 

इस मौके पर पूर्व पालिकाध्यक्ष सतपाल ब्रह्मचारी, पूर्व दर्जाधारी संजय पालीवाल, श्रीगंगा सभा के अध्यक्ष प्रदीप झा, श्रीगंगा सभा के महामंत्री तन्मय वशिष्ठ, कृष्ण कुमार ठेकेदार, महापौर अनिता शर्मा के पति अशोक शर्मा, कांग्रेस महानगर अध्यक्ष संजय अग्रवाल आदि मौजूद रहे। 

भावुक हुए अभिजीत मुखर्जी

पिता प्रणब मुखर्जी की अस्थियां गंगा में विसर्जित करने के बाद अभिजीत मुखर्जी भावुक हो गए। उन्होंने हरकी पैड़ी पर अस्थि विसर्जन करने का कारण बताते हुए कहा कि काफी साल पहले उनके दादा ने पिता प्रणब मुखर्जी से कहा था कि अस्थियां गंगा में ही प्रवाहित की जानी चाहिए। हरकी पैड़ी इसके लिए उचित स्थान है। 

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पूर्व में मां की अस्थियां लाए थे अभिजीत

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के बेटे अभिजीत मुखर्जी वर्ष 2016 में अपनी मां की अस्थियां लेकर हरिद्वार पहुंचे थे। उस दौरान पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी हरिद्वार नहीं आ सके थे। हालांकि 29 सितंबर 2016 को वह हरिद्वार पहुंचे और गंगा आरती में शामिल हुए। अभिजीत मुखर्जी ने बताया कि मंगलवार को अचानक ही उनका हरिद्वार आने का कार्यक्रम तय हुआ।

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