Move to Jagran APP

बाबा केदार के दर्शन करके माने थे पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, सवा साल का करना पड़ा था इंतजार

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को उत्तराखंड में बाबा केदारनाथ के दर्शन के लिए सवा साल का इंतजार करना पड़ा था। वह 24 अप्रैल 2015 को कपाट खुलने के दौरान केदारनाथ के दर्शन करना चाहतेे थे।

By Sumit KumarEdited By: Published: Tue, 01 Sep 2020 03:02 PM (IST)Updated: Tue, 01 Sep 2020 03:20 PM (IST)
बाबा केदार के दर्शन करके माने थे पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, सवा साल का करना पड़ा था इंतजार
बाबा केदार के दर्शन करके माने थे पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, सवा साल का करना पड़ा था इंतजार

अंकुर अग्रवाल, जेएनएन। कहते हैं भगवान के दर्शन तभी होते हैं, जब वे खुद बुलावा दें। ऐसा ही कुछ पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के साथ भी हुआ था। उत्तराखंड में बाबा केदारनाथ के दर्शन के लिए उन्हें सवा साल का इंतजार करना पड़ा था। वह 24 अप्रैल 2015 को कपाट खुलने के दौरान केदारनाथ के दर्शन करना चाहते थे, लेकिन बर्फबारी के चलते उनका कार्यक्रम निरस्त हो गया।

loksabha election banner

 इसके बाद 22 जून 2016 को उनका फिर बाबा केदार के दर्शन का कार्यक्रम बना, लेकिन इस बार भी मौसम दगा दे गया। यह अलग बात है कि इस बार उनका हेलीकॉप्टर बाबा केदार के करीब सोनप्रयाग तक पहुंच गया था, लेकिन बीच रास्ते से उन्हें लौटना पड़ा। आखिरकार उनके मन की मुराद 28 सितंबर 2016 को पूरी हुई, जब वह बाबा केदार के दर्शन कर तृप्त हुए। बतौर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी सवा साल जून 2016 से जुलाई 2017 के बीच चार मर्तबा उत्तराखंड दौरे पर आए थे। 22 जून 2016 को जब यहां पहुंचे थे तो देहरादून स्थित जौलीग्रांट हवाई अड्डे से सोनप्रयाग और फिर दिल्ली लौटने तक उनकी यात्रा सीमित रही थी। फिर वह एक या दो दिन नहीं, बल्कि सीधे पांच दिन के दौरे पर दून पहुंचे।

यहां राजपुर रोड पर उन्होंने राष्ट्रपति भवन के नाम से विख्यात 'आशियाना' की एनेक्सी की आधारशिला रखी थी। इन पांच दिनों में वे केदारनाथ गए एवं हरिद्वार में गंगा आरती का मनोहर दृश्य भी देखा। वह पांच-छह मई 2017 को दो दिवसीय दौरे पर इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी के दीक्षा समारोह में शामिल हुए थे। अंतिम बार वह 10 जुलाई 2017 को एक दिन के लिए दून 'आशियाना' में पहुंचे थे और सितंबर 2016 में जिस एनेक्सी की आधारशिला रखी थी, उसका उद्घाटन कर लौट गए थे। 

बदरीनाथ भी गए थे प्रणब 

मई 2017 में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी के दीक्षा समारोह में दून आए पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी छह मई को भगवान बदरीनाथ के दर्शन करने भी गए थे।

 18 साल बाद 'आशियाना' में ठहरे थे कोई राष्ट्रपति 

दून में द प्रेसीडेंट बॉडीगार्ड स्टेट स्थित 'आशियाना' 18 साल बाद गुलजार हुआ था, जब 27  सितंबर 2016 को तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी यहां पांच दिवसीय ग्रीष्मकालीन दौरे पर पहुंचे थे। उनसे पहले वर्ष 1998 में तत्कालीन राष्ट्रपति केआर नारायणन इस बंगले में ठहरने वाले आखिरी राष्ट्रपति थे। वर्ष 1975-76 में तत्कालीन राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद की ओर से ग्रीष्मकालीन दौरे के लिए हिमाचल प्रदेश के शिमला के विकल्प के रूप में देहरादून को चुना गया था और तब 'आशियाना' राष्ट्रपति के ठहरने के लिए चिह्नित हुआ था। यहां ज्ञानी जैल सिंह भी राष्ट्रपति रहते हुए ठहरने आए थे। यहां 27 सितंबर 2016 को पहली बार पहुंचे प्रणब मुखर्जी ने रूद्राक्ष का पौधा भी लगाया था। 

यह भी पढ़ें: उत्तराखंड में महिला उद्यमी दिखा रहीं रोजगार की राह, जानें-कितनी महिलाओं को जोड़ा अपने साथ

यह है प्रेसीडेंट बॉडीगार्ड 

राजपुर रोड स्थित प्रेसीडेंट बॉडीगार्ड में बने जिस 'आशियाना' का जीर्णोद्वार प्रणब  मुखर्जी के राष्ट्रपति रहते हुए हुआ था, वह भारतीय सेना की सबसे पुरानी रेजीमेंट है। इसकी  स्थापना 1773 में तत्कालीन गवर्नर जनरल वारेन हेस्टिंग्स ने की। 1859 में इसे वायसराय  बॉडीगार्ड नाम दिया, जिसे बाद में द प्रेसीडेंट बॉडीगार्ड में तब्दील कर दिया गया। राष्ट्रपति के अंगरक्षकों की घोड़ा गाड़ी के लिए बॉडीगार्ड में पहली बार 1938 में ग्रीष्मकालीन शिविर बनाया गया था। इससे पहले 1920 में यहां राष्ट्रपति के अंगरक्षकों के कमाडेंट का बंगला स्थापित किया गया था। आजादी के बाद करीब 175 एकड़ में फैला यह क्षेत्र  द प्रेसीडेंट बॉडीगार्ड स्टेट के रूप में जाना जाने लगा। 

धर्मनगरी से प्रणब दा को था गहरा लगाव 

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का धर्मनगरी से गहरा लगाव था। 29 सितंबर 2016 को श्रीगंगा सभा के शताब्दी वर्ष में संध्याकालीन आरती करने वाले प्रणब मुखर्जी पहले राष्ट्रपति थे। 11 पुरोहितों के साथ गंगा पूजन करने के साथ ही दोनों हाथ उठाकर गंगा रक्षा की शपथ ली थी। हरकी पैड़ी की भव्यता, दिव्यता व आलौकिकता देख वह अभिभूत हुए थे। श्री गंगा सभा की ओर से उन्हें गंगा जल कलश, रुद्राक्ष की माला, चांदी जरित अभिनंदन पत्र भी भेंट किया गया था। हरकी पैड़ी और श्री गंगा सभा के इतिहास से संबंधित दो एलबम उन्हें भेंट की थी। गंगा सभा के तत्कालीन अध्यक्ष पुरुषोत्तम शर्मा गांधीवादी ने बताया कि वह उन्हें आमंत्रण देने स्वयं राष्ट्रपति भवन गए थे। 

विजिटर्स बुक में लिखा था

 राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने श्रीगंगा सभा के विजिटर्स बुक में लिखा था ‘आज मुझे पवित्र नगरी हरिद्वार में स्थित हर की पैड़ी पर आलौकिक गंगा आरती देखने का सुअवसर प्राप्त हुआ। यह अनुभव चिरस्मरणीय रहेगा। मैं मां गंगा की निर्मलता की कामना करता हूं और गंगा सभा के कार्यकर्त्‍ताओं के प्रति अपनी हार्दकि शुभकामनाएं देता हूं। 

 यह भी पढ़ें: परवान चढ़ने से पहले ही ध्वस्त हो गई चंद्रभागा पर कांच का पुल बनाने की कवायद, जानिए वजह


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.