फिर भड़की जंगल की आग, बुझाने में जुटे 10 हजार लोग

जंगलों की आग फिर भड़क उठी। सोमवार को आग की 241 घटनाएं सामने आई, जिनमें 412 हेक्टेयर वन क्षेत्र प्रभावित हुआ है। 10 हजार से अधिक लोग आग बुझाने में जुटे हैं।

By Edited By: Publish:Tue, 29 May 2018 03:00 AM (IST) Updated:Wed, 30 May 2018 05:20 PM (IST)
फिर भड़की जंगल की आग, बुझाने में जुटे 10 हजार लोग
फिर भड़की जंगल की आग, बुझाने में जुटे 10 हजार लोग

देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: उत्तराखंड में एक दिन पहले कुछ हद तक काबू में आई जंगलों की आग फिर भड़क उठी। सोमवार को आग की 241 घटनाएं सामने आई, जिनमें 412 हेक्टेयर वन क्षेत्र प्रभावित हुआ है। रविवार को आग की 42 घटनाएं हुई थीं। हालांकि, आग पर काबू पाने के लिए प्रयास तेज किए गए हैं। वन कर्मियों व स्थानीय ग्रामीणों समेत 10 हजार से अधिक लोग आग बुझाने में जुटे हैं। 

यह पहला मौका है, जब इतनी बड़ी तादाद में मानवशक्ति को झोंका गया है। वहीं, शासन स्तर पर भी सोमवार को हुई बैठक में आग की समीक्षा करते हुए इस पर नियंत्रण को हरसंभव प्रयास करने के निर्देश दिए गए। रविवार को कुछ स्थानों पर हुई हल्की बूंदबादी और आग बुझाने के लिए चल रहे प्रयासों के फलस्वरूप आग की घटनाओं में कुछ सुधार हुआ था।

सोमवार को सूरज के तपिश बिखेरने के साथ ही तेज हवा के चलते आग फिर भड़क उठी। जगह-जगह जंगल धू-धूकर सुलग रहे हैं। सोमवार को 241 घटनाओं के इजाफे के साथ इस सीजन में अब तक आग की घटनाएं बढ़कर 1777 पर पहुंच गई हैं। अब तक 3856.476 हेक्टेयर वन क्षेत्र प्रभावित हुआ है। 

यही नहीं, आग से प्रभावित होने वाले पौधरोपण का रकबा भी 42.7 हेक्टेयर पहुंच गया है। सूरतेहाल, विभाग की पेशानी पर पड़े बल और गहरे होते जा रहे हैं। हालांकि, सोमवार को आग बुझाने के लिए बड़े पैमाने पर संसाधन झोंक दिए गए। 7616 वन कर्मी (फायर वाचर सहित), 2452 स्थानीय लोगों के अलावा राजस्व विभाग के 59 कर्मी, पुलिस के 31, एसडीआरएफ के 18 व एनडीआरएफ के छह जवान आग बुझाने में जुटे रहे। 

991 वाहनों और 11 पानी के टैंकरों का इस्तेमाल भी दावानल पर नियंत्रण के लिए किया जा रहा है। वहीं, अपर मुख्य सचिव डॉ.रणवीर सिंह ने सोमवार को दावानल की समीक्षा की। अपर सचिव धीरज पांडे के अनुसार सभी प्रभागों में आग की स्थिति और इससे निबटने को किए जा रहे उपायों की जानकारी ली गई। साथ ही आवश्यक निर्देश जारी किए गए। 

आग से नहीं हुई थी ग्रामीण की मौत 

बागेश्वर में रविवार को एक ग्रामीण की मौत जंगल की आग से नहीं, बल्कि फिसलकर गिरने से हुई थी। नोडल अधिकारी वनाग्नि बीपी गुप्ता के अनुसार इस संबंध में डीएफओ बागेश्वर से रिपोर्ट मांगी गई थी। रिपोर्ट में डीएफओ ने यह उल्लेख किया है। 

पेड़ गिरने से यमुनोत्री राजमार्ग बाधित 

जंगल में लगी आग के कारण सोमवार रात करीब नौ बजे यमुनोत्री राजमार्ग पर बड़कोट क्षेत्र के भाटिया व कृष्णा के बीच एक पेड़ गिरकर सड़क पर आ गिरा। मार्ग अवरुद्ध होने से दोनों तरफ वाहनों की कतारें लग गई। हालांकि, देर रात पेड़ हटाने के लिए प्रयास प्रारंभ कर दिए गए थे। 

जंगल की आग (रविवार तक) 

क्षेत्र-----------------घटनाएं------प्रभावित क्षेत्र------क्षति 

गढ़वाल--------------824---------2296.15------4322819 

कुमाऊं---------------517---------1063.04------2189897 

वन्यजीव संगठन-----71--------153.636-------263806 

शिवालिक-----------365---------343.65--------529145.5 

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