डीएवी पीजी कालेज का पांचवां दीक्षांत समारोह, 21 छात्र-छात्राओं को प्रदान किए गए गोल्ड मेडल

डीएवी महाविद्यालय के पांचवें दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने 21 छात्र-छात्राओं को गोल्ड मेडल व चार को रजत और चार छात्रों को कांस्य पदक प्रदान किए।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Thu, 09 Aug 2018 02:01 PM (IST) Updated:Thu, 09 Aug 2018 04:23 PM (IST)
डीएवी पीजी कालेज का पांचवां दीक्षांत समारोह, 21 छात्र-छात्राओं को प्रदान किए गए गोल्ड मेडल
डीएवी पीजी कालेज का पांचवां दीक्षांत समारोह, 21 छात्र-छात्राओं को प्रदान किए गए गोल्ड मेडल

देहरादून, [जेएनएन]: डीएवी महाविद्यालय के पांचवें दीक्षांत समारोह में उपाधि पाकर छात्र-छात्राओं के चहरे खिल उठे। मुख्य अतिथि कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने 21 छात्र-छात्राओं को गोल्ड मेडल व चार को रजत और चार छात्रों को कांस्य पदक प्रदान किए। मेडल प्राप्त करने वाले 29 विद्यार्थियों में से 21 छात्राएं शामिल हैं। 

समारोह में विशिष्ट अतिथि के रूप में विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद्र अग्रवाल, उच्च शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. धन सिंह रावत और विधायक खजानदास उपस्थित रहे। समारोह की अध्यक्षता एचएनबी गढ़वाल केंद्रीय विवि की कुलपति प्रो.अन्नपूर्णा नौटियाल ने की। 

इस मौके पर कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार उच्च शिक्षा के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रही है। सरकारी डिग्री कॉलेजों में बुनियादी सुविधाएं बढ़ाई जा रही हैं। जिससे छात्र आधुनिक शिक्षा से जुड़ रहे हैं। डीएवी महाविद्यालय का इतिहास गौरवशाली रहा है। इस कॉलेज के पढ़े हुए लोग आज देश-विदेश में उच्च पदों पर हैं। शैक्षिक कार्यक्रम के अलावा शोध एवं शिक्षा विस्तार के क्षेत्र में भी डीएवी अहम रोल अदा कर रहा है।

कुलपति प्रो. अन्नपूर्णा नौटियाल ने कहा कि दीक्षांत समारोह के दौरान गोल्ड मेडल पाने वाले छात्र-छात्राएं अन्य के लिए रोल मॉडल हैं। विशेषकर छात्राओं ने अपने हुनर का लोहा मनवाया, जो नारी सशक्तिकरण का सबसे बड़ा उदाहरण है। उन्होंने उपाधि पाने वाले सभी छात्र-छात्राओं को शुभकामनाएं दीं। 

इस मौके पर प्राचार्य डॉ.अजय सक्सेना, छात्रसंघ अध्यक्ष शुभम सिमल्टी, संयोजक डॉ.विनीत दीक्षित, मुख्य नियंता मेजर अतुल सिंह, लॉ विभागाध्यक्ष डॉ.पारुल दीक्षित, पूर्व प्राचार्य डॉ. देवेंद्र भसीन आदि मौजूद रहे।

इन छात्रों को मिले गोल्ड मेडल

कला स्नातकोत्तर

समाजशास्त्र नंदिता दत्त, चित्रकला में आधार वर्मा, भूगोल विशाल ईश्वर, अर्थशास्त्र श्रुति सिंघल, गणित मनीष असवाल, राजनीति शास्त्र बिंदु खाती, इतिहास में शीषपाल सिंह, मनोविज्ञान में एंजिला दहिया, संस्कृत सत्यकाम आर्य, अंग्र्रेजी में शिवांगनी पाठक। 

एमकॉम संकाय श्रद्धा थापा, स्वर्ण पदक

 विज्ञान स्नातकोत्तर  सांख्यिकी में तरुणप्रीत कौर आहुजा, वनस्पति विज्ञान कंचन राणा, रसायन विज्ञान नेहा अग्रवाल, जन्तु विज्ञान सुदिप्ता कुमारी और गणित में नेजी कुमारी

विधि संकाय गुलिस्ता अंजुम को स्वर्ण तृप्ति अरोड़ा को रजक मोनिका भंडारी को कांस्य

स्नातक आर्ट नीलिमा अग्रवाल को स्वर्ण पदक अवनीश कुमार पांडे को रजत स्वाति जोशी को कांस्य पदक

स्नातक विज्ञान  अमित कुमार को स्वर्ण पदक निधि मिश्रा को रजत पदक नीलिमा चौधरी को कांस्य पदक

डीएवी दीक्षांत समारोह के स्वर्ण पदक विजेता

दीक्षांत समारोह में स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाले मेधावी छात्राओं ने अपनी सफलता का श्रेय महाविद्यालय शिक्षकों, अभिभावक और कड़ी मेहनत को दिया। आइए जानते हैं उनकी सफलता का राज।

मेरी सफलता के पीछे परिवार का बहुत बड़ा योगदान 

गुलिस्ता अंजुम (विधि स्वर्ण पदक) का कहना है कि मेरी सफलता के पीछे परिवार का बहुत बड़ा योगदान है। परिवार में बड़ी बहन जीनत अंजुम ने वर्ष 2012 में समाजशास्त्र में गोल्ड मेडल प्राप्त किया। बड़ा भाई पीसीएस अधिकारी है। शुरू से घर में पढ़ाई का बेहतर माहौल रहा। भविष्य में मैं पीसीएस (जे) की तैयारी करुंगी।

मैंने कड़ी मेहनत कर घर पर पढ़ाई को प्राथमिकता दी

श्रद्धा थापा (एमकॉम, स्वर्ण पदक) का कहना है कि मैंने कड़ी मेहनत कर घर पर पढ़ाई को प्राथमिकता दी। कक्षा में भी नियमित उपस्थित रही। कॉलेज के शिक्षकों ने भी  हमें बेहतर प्रदर्शन के लिए हमेशा प्रेरित किया। कड़े परिश्रम से ही सफलता प्राप्त होगी है।

मैंने नियमित पढ़ाई को हमेशा प्राथमिकता दी

तरुनप्रीत कौर आहुजा, (एमएससी सांख्यिकी में गोल्ड मेडल) का कहना है कि मैंने नियमित पढ़ाई को हमेशा प्राथमिकता दी। एक बार पाठ्यक्रम की पढ़ाई पूरी होने के बाद उसका रिवीजन जरूरी है। इससे जो कुछ कमियां रह जाती हैं वह दूर हो जाती है। मेरी सफलता में शिक्षकों का भी बड़ा योगदान है।

विज्ञान की पढ़ाई में एकाग्रता जरूरी

नेहा नौटियाल (एमएससी रसायन विज्ञान, गोल्ड मेडल) का कहना है कि विज्ञान की पढ़ाई में एकाग्रता जरूरी है। पढ़ाई के साथ-साथ प्रयोगात्मक कक्षाओं को मैंने कभी मिस नहीं किया। घर पर कड़ी मेहनत के साथ-साथ कॉलेज अटेंड करना भी जरूरी है। अभी सफलता प्राप्त होगी है।

उत्तराखंड में दो नए विवि खोले जाएंगे: डॉ.धन सिंह

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की नई गाइडलाइन के अनुसार उत्तराखंड में 100 महाविद्यालयों पर एक विश्वविद्यालय स्थापित होगा। वर्तमान में प्रदेश में निजी, सरकारी, सहायता प्राप्त कुल 493 कॉलेज हैं। जिसे देखते हुए दो नए विश्वविद्यालय की आवश्यकता है। यह बात उच्च शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. धन सिंह रावत ने डीएवी महाविद्यालय के दीक्षांत समारोह में कही।

उन्होंने कहा कि यूजीसी की नई गाइडलाइन के बारे में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के साथ उन्होंने चर्चा की। मुख्यमंत्री ने इसे लेकर सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। नए विवि के मामले को कैबिनेट की बैठक में रखा जाएगा। कहा कि 100 कॉलेज पर एक विवि स्थापित करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य बनेगा। इस प्रकार की व्यवस्था से कॉलेजों में शिक्षा की गुणवत्ता न केवल बढ़ेगी, बल्कि इससे उच्च गुणवत्तायुक्त शिक्षा को बल मिलेगा। उन्होंने कहा कि अभी तक प्रदेश के सरकारी महाविद्यालयों में 93 फीसद फैकल्टी उपलब्ध हैं, जिसे शत-प्रतिशत किया जा रहा है। कहा कि उत्तराखंड में उच्च शिक्षा की डिग्रियां डिजिटल रूप में भी उपलब्ध होंगी और डिग्री को आधार कार्ड से जोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि छात्रों की बायोमेट्रिक उपस्थिति चंद मिनटों में प्राप्त हो, इसके लिए आइआइटी रुड़की को मॉडल सर्वर विकसित करने को कहा गया है। जिससे 200 छात्रों की उपस्थिति का पता महज तीन मिनट के भीतर लग सकेगा। कहा कि 2022 तक उत्तराखंड सबसे अधिक आइएएस और आइपीएस तैयार करने वाला राज्य बनेगा।

ईवीएम से छात्रसंघ चुनाव पर विचार

डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि छात्रसंघ चुनाव इस बार ईवीएम से करवाने पर विचार किया जा रहा है। ताकि हल्द्वानी और डीएवी कॉलेज, देहरादून जैसे बड़े कॉलेजों का चुनाव परिणाम कुछ घंटे के भीतर ही घोषित हो सकें। उन्होंने फिर दोहराया कि प्रदेश में छात्रसंघ चुनाव लिंगदोह कमेटी की नई सिफारिशों के आधार पर होंगे।

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