पर्यावरणविद् डॉ. अनिल प्रकाश जोशी बोले भारतीय संस्कृति पृथ्वी संरक्षण का मूल आधार

हेस्को के संस्थापक व पद्मभूषण डॉ. अनिल प्रकाश जोशी ने कहा कि हमें पृथ्वी को सहीं ढंग से समझने की आवश्यकता है। हमें भारतीय संस्कृति पद्धति भोजन भाषा को अपनाना होगा।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Thu, 23 Apr 2020 08:45 AM (IST) Updated:Thu, 23 Apr 2020 08:45 AM (IST)
पर्यावरणविद्  डॉ. अनिल प्रकाश जोशी बोले भारतीय संस्कृति पृथ्वी संरक्षण का मूल आधार
पर्यावरणविद् डॉ. अनिल प्रकाश जोशी बोले भारतीय संस्कृति पृथ्वी संरक्षण का मूल आधार

देहरादून, जेएनएन। विश्व पृथ्वी दिवस पर यूसर्क एवं हेस्को ने संयुक्त रूप से क्लाइमेट एक्शन थीम पर वेब समिट का आयोजन किया। इसमें देश-विदेश के 90 से अधिक बुद्धिजीवी और पर्यावरणविदों ने पृथ्वी संरक्षण को लेकर महत्वपूर्ण सुझाव दिए। समिट में बतौर मुख्य वक्ता हेस्को के संस्थापक व पद्मभूषण डॉ. अनिल प्रकाश जोशी ने कहा कि हमें पृथ्वी को सहीं ढंग से समझने की आवश्यकता है। हमें भारतीय संस्कृति, पद्धति, भोजन, भाषा व वेशभूषा को अपनाना होगा। संग्रह करने से बचना होगा। यह समय सकल पर्यावरण उत्पाद जैसे महत्वपूर्ण विषय पर वैज्ञानिक मंथन के साथ ठोस कार्य और निर्णय लेने का है। 

मैती आंदोलन के प्रणोता पद्मश्री कल्याण सिंह ने कहा कि प्रकृति को बचाने के लिए स्वयं प्रयास करना होगा। प्रकृति है तो हम हैं। यूसर्क के वैज्ञानिक डॉ. ओम प्रकाश नौटियाल ने कार्यक्रम के समन्वयक के रूप में पृथ्वी दिवस के इतिहास को बताया। डॉ. मंजू सुंदरियाल ने साइंस आफ सरवाइवल विषय पर व्याख्यान दिया। 

न्यूयार्क विवि के स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के डीन डॉ. आशीष जोशी ने कहा कि पृथ्वी को कोरोना महामारी ने पृथ्वी संरक्षण की जरूरत को समझा दिया। सभी को विज्ञान और अध्यात्म दोनों को साथ लेकर चलना होगा। नई दिल्ली मौसम विज्ञान विभाग के डिप्टी डायरेक्टर जनरल डॉ. आनंद शर्मा ने महामारी ने प्रकृति के नियमों के विपरीत चलने का दंड दिया है। प्रकृति पूर्व रूप में वापस लौट रही है।

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भारतीय पेट्रोलियम संस्थान के निदेशक डॉ. अंजन रे, बीज बचाओ आंदोलन के विजय जड़धारी, आस्टेलिया से जु़ड़ी कुमारी मैत्रेयी, यूसर्क के वैज्ञानिक डॉ. भवतोष शर्मा, डॉ. राजेंद्र सिंह राणा, वन अनुसंधान संस्थान के सेवानिवृत्त वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. सुभाष नौटियाल, लखनऊ से जुड़े मनमोहन भट्ट, अल्मोड़ा से गजेंद्र पाठक, चमोली से जेपी मैठाणी, वेल्हम गर्ल्‍स की शिक्षिका डॉ. रीना पंत, डॉ. मधु थपलियाल, दून साइंस फोरम के विजय भट्ट, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रुरल डेवलपमेंट एवं पंचायती राज के निदेशक डॉ. आरएम पंत, नई दिल्ली से डॉ. आशुतोष जोशी, भीमताल से बिरला इंस्टीट्यूट के वरिष्ठ शिक्षक डॉ. आशुतोष भट्ट, माटी संस्था के डॉ. वेद प्रकाश तिवारी, डीएनए लैब देहरादून के निदेशक डॉ. नरोत्तम शर्मा, शैलेंद्र यादव ने संबोधित किया। समिट का संचालन डॉ. ओम प्रकाश नौटियाल ने किया। उमेश जोशी, ओम जोशी, राजदीप जंग आइसीटी टीम की ओर इस समिट को सफल बनाया गया।

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