वर्ष 1899 में बने देहरादून रेलवे स्‍टेशन से इलेक्ट्रिक ट्रेन का संचालन हुआ शुरू

दून स्टेशन से इलेक्ट्रिक ट्रेनों का संचालन गुरुवार से शुरू हो गया। दून से दिल्ली जाने वाली शताब्दी एक्सप्रेस पहली यात्री ट्रेन रही, जो बिजली संचालित इंजन से रवाना की गई।

By sunil negiEdited By: Publish:Thu, 20 Oct 2016 11:24 AM (IST) Updated:Fri, 21 Oct 2016 04:10 AM (IST)
वर्ष 1899 में बने देहरादून रेलवे स्‍टेशन से इलेक्ट्रिक ट्रेन का संचालन हुआ शुरू

देहरादून, [जेएनएन]: वर्ष 1899 में बने दून स्टेशन से 117 साल बाद इलेक्ट्रिक ट्रेनों का संचालन गुरुवार से शुरू हो गया। दून से प्रतिदिन शाम पांच बजे दिल्ली जाने वाली शताब्दी एक्सप्रेस पहली यात्री ट्रेन रही, जो बिजली संचालित इंजन से रवाना की गई। इससे पूर्व शाम साढ़े चार बजे रेलवे संरक्षा आयुक्त (सीआरएस) शैलेश कुमार पाठक और मुरादाबाद मंडल के मंडलीय प्रबंधक प्रमोद कुमार ने देहरादून से हरिद्वार के बीच बिजली संचालित स्पेशल ट्रेन का फाइनल ट्रॉयल किया। ट्रॉयल सफल होने पर रेलवे की इस बहुप्रतिक्षित परियोजना को आयुक्त की हरी झंडी मिल गई। हरिद्वार स्टेशन से आगे पिछले साल से ही बिजली संचालित ट्रेनें चलाई जा रही हैं।

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पिछले चार साल से रेलवे इलेक्ट्रिफिकेशन का काम कर रहा था। मुरादाबाद मंडल के सहारनपुर, लक्सर और हरिद्वार स्टेशन तक बिजली संचालित रेलगाड़ियों को चलाकर अंतिम चरण देहरादून स्टेशन तक इलेक्ट्रिफिकेशन का था। इसमें कांसरो व मोतीचूर के जंगल और राजाजी नेशनल पार्क का अड़ंगा लगा हुआ था, लेकिन इन्हें दूर कर रेलवे ने दून तक इलेक्ट्रिफिकेशन का काम अक्टूबर के मध्य तक पूरा कर लिया।

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तीन दिन पहले इसका ट्रॉयल किया गया। सीआरएस शैलेश पाठक को निरीक्षण के बाद अंतिम फैसला लेना था। सीआरएस पाठक ने बताया कि इससे दूरी कम समय में तय होगी। साथ ही रेलवे को आर्थिक मुनाफा भी होगा। अभी हरिद्वार से दून तक चल रही डीजल इंजन रेलगाड़ियों पर साल में लगभग डेढ़ करोड़ रुपये ईंधन खर्च आता है, लेकिन इसके मुकाबले अब तीस से 40 लाख रुपये ही खर्च होंगे।

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वहीं, मंडलीय प्रबंधक प्रमोद कुमार के मुताबिक अब कोशिश की जाएगी कि अगले सप्ताह से ज्यादातर ट्रेनों का संचालन बिजलीयुक्त इंजन से किया जाए। दून से संचालित सभी ट्रेन का पूरा रूट अब इलेक्ट्रिफाई हो गया है। शताब्दी एक्सप्रेस के संचालन के बाद एक-दो दिन में दून-हावड़ा एक्सप्रेस को बिजलीयुक्त इंजन पर भेजा जाएगा।


यात्रियों को ये होगा फायदा
-दून से हरिद्वार के बीच की दूरी कम समय में होगी तय। एक्सप्रेस ट्रेनें महज एक घंटा 25 मिनट में पहुंचेंगी। वर्तमान में पौने दो घंटे लग रहे।
-ट्रेन में झटके नहीं लगेंगे। इलेक्ट्रिक इंजन में 30 गियर होते हैं, जबकि डीजल इंजन में आठ गियर होते हैं।
-बरसात में कांसरो व मोतीचूर के जंगल और चढ़ाई पर इंजन फेल होने का खतरा अब नहीं होगा।

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