सेवानिवृत्त आइएएस डीके कोटिया करेंगे पूर्व डीजीपी पर लगे आरोपों की जांच

सेवानिवृत्त आइएएस डीके कोटिया ने पूर्व पुलिस महानिदेशक बीएस सिद्धू पर लगे आरोपों की जांच करने को सहमति दे दी है। उन्हें जांच अधिकारी नामित करने के संबंध में आदेश जारी हो जाएगा।

By Edited By: Publish:Wed, 09 Oct 2019 09:11 PM (IST) Updated:Thu, 10 Oct 2019 03:52 PM (IST)
सेवानिवृत्त आइएएस डीके कोटिया करेंगे पूर्व डीजीपी पर लगे आरोपों की जांच
सेवानिवृत्त आइएएस डीके कोटिया करेंगे पूर्व डीजीपी पर लगे आरोपों की जांच

देहरादून, राज्य ब्यूरो। सेवानिवृत्त आइएएस डीके कोटिया ने पूर्व पुलिस महानिदेशक बीएस सिद्धू पर लगे आरोपों की जांच करने को सहमति दे दी है। कुछ समय पहले शासन ने उन्हें जांच अधिकारी नामित करने के लिए सहमति मांगी थी। माना जा रहा है कि अब जल्द ही उन्हें जांच अधिकारी नामित करने के संबंध में आदेश जारी कर दिए जाएंगे। 

पूर्व डीजीपी बीएस सिद्धू पर मार्च 2013 को वीरगिरवाली, राजपुर के आरक्षित वन क्षेत्र में भूमि को अवैध तरीके से खरीदने और पेड़ों के अवैध कटान के आरोप हैं। साथ में ये आरोप भी हंै कि उन्होंने पद का दुरुपयोग करते हुए वन अधिनियम के तहत सरकारी काम करने वाले अधिकारियों के कार्य में बाधा डाली। ये आरोप डीजीपी रहते हुए उनके कार्यकाल के दौरान ही लगे थे। उनकी सेवानिवृत्ति से ठीक एक दिन पहले उन्हें 29 अप्रैल 2016 को चार्जशीट थमाई गई थी। हालांकि सिद्धू ने अपने जवाब में चार्जशीट में लगाए गए तमाम आरोपों को नकार दिया था। इसके बाद शासन ने इस मामले में अपर मुख्य सचिव डॉ. रणवीर सिंह को जांच अधिकारी नामित करते हुए रिपोर्ट मांगी। इस बीच पूर्व डीजीपी सिद्धू ने कैट की शरण ली। कैट में लंबे समय तक इसकी सुनवाई चली लेकिन वहां उन्हें कोई राहत नहीं मिली। इसी वर्ष मार्च में कैट ने पूर्व डीजीपी की याचिका को खारिज करते हुए उनके खिलाफ जांच की संस्तुति कर दी थी। कैट में मामला समाप्त होने के बाद शासन ने अपर मुख्य सचिव डॉ. रणवीर सिंह से इस जांच को पूरा करने का अनुरोध किया लेकिन डॉ. रणवीर सिंह ने तब अपने अल्प कार्यकाल का हवाला देते हुए जांच करने से इनकार कर दिया। इसके बाद शासन ने अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी को इस मामले की जांच करने को कहा लेकिन उन्होंने भी कार्य की अधिकता का हवाला देते हुए इससे कदम पीछे खींच लिए। इसके बाद से ही शासन किसी वरिष्ठ अधिकारी की तलाश कर रहा था।

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शासन ने इसके लिए सेवानिवृत्त आइएएस डीके कोटिया को जांच सौंपने का निर्णय लिया, हालांकि इससे पहले उनकी सहमति लेना उचित समझा गया। अब सेवानिवृत्त आइएएस ने शासन को जांच करने के लिए सहमति दे दी है। सेवानिवृत्त आइएएस डीके कोटिया ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि उन्होंने जांच करने संबंधी सहमति पत्र शासन को भेज दिया है।

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